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अभिभावक संघ ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

स्कूल संचालक मन मुताबिक फीस मिलने पर भी बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. इन्हीं आरोपों के साथ सोमवार को अभिभावक संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप निजी विद्यालयों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

अभिभावक संघ ने स्कुल प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : May 13, 2019, 10:32 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में पिछले दिनों हुई एक मासूम बच्ची के साथ ज्यादती की घटना के बाद शहरवासियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. स्कूल संचालकों की लगातार मनमानी के विरोध में सोमवार को अभिभावकों के साथ-साथ शहर के विभिन्न संगठन सड़कों पर उतरे.

जिला कलेक्टर को स्कूल संचालकों की मनमानी बताते हुए अभिभावकों ने जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की. प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर अभिभावकों द्वारा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी गई. निजी स्कूल के अभिभावक भी ज्ञापन देने वालों मे शामिल थे. जिन्होंने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई की वे ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करें जिनमें बच्चों की सुरक्षा के मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है.

अभिभावक संघ ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा


ज्ञापन में बताया गया कि प्राइवेट स्कूल मालिक फीस के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं. इसके अलावा कभी परीक्षा शुल्क तो कभी एक्टिविटी का बहाना बनाकर अभिभावकों से राशि वसूली जाती है. तमाम तरह के बहानेबाजी करने के बाद भी स्कूल संचालकों का पेट नहीं भर रहा. लोगों ने कहा कि हम स्कूल संचालकों के मन के मुताबिक फीस दे रहे है. तो फिर स्कुल उनके बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में घोर लापरवाही क्यों बरत रहे है. स्कूल प्रशासन की ओर से जो स्कूल वाहन भेजे जाते है वो भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए है.


ज्ञापन में मांग की गई है की स्कूली वाहन में सीसीटीवी कैमरे एवं महिला कंडक्टर हो. उन्होंने जिला कलक्टर से गुहार लगाई की वे उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करे ताकि मनमानी पर रोक लग सके. साथ ही जिला कलक्टर को 13 सूत्री मांग पत्र सौंपकर सात दिन के भीतर उक्त मांगों पर कार्यवाही करने की मांग की.


इसी तरह बार एसोसिएशन ने भी निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही बाल वाहिनियों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की. वहीं दूसरी तरफ वार्ड नंबर 40 के पार्षद संदीप शर्मा के नेतृत्व में भी अनेक लोगों ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर निजी स्कूलों में फैली अव्यवस्था को दूर करने और दोषी स्कूल संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करते हुए स्कूलों की मान्यता निरस्त करने की मांग की.

श्रीगंगानगर. जिले में पिछले दिनों हुई एक मासूम बच्ची के साथ ज्यादती की घटना के बाद शहरवासियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. स्कूल संचालकों की लगातार मनमानी के विरोध में सोमवार को अभिभावकों के साथ-साथ शहर के विभिन्न संगठन सड़कों पर उतरे.

जिला कलेक्टर को स्कूल संचालकों की मनमानी बताते हुए अभिभावकों ने जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की. प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने पर अभिभावकों द्वारा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी गई. निजी स्कूल के अभिभावक भी ज्ञापन देने वालों मे शामिल थे. जिन्होंने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई की वे ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करें जिनमें बच्चों की सुरक्षा के मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है.

अभिभावक संघ ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा


ज्ञापन में बताया गया कि प्राइवेट स्कूल मालिक फीस के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं. इसके अलावा कभी परीक्षा शुल्क तो कभी एक्टिविटी का बहाना बनाकर अभिभावकों से राशि वसूली जाती है. तमाम तरह के बहानेबाजी करने के बाद भी स्कूल संचालकों का पेट नहीं भर रहा. लोगों ने कहा कि हम स्कूल संचालकों के मन के मुताबिक फीस दे रहे है. तो फिर स्कुल उनके बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में घोर लापरवाही क्यों बरत रहे है. स्कूल प्रशासन की ओर से जो स्कूल वाहन भेजे जाते है वो भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए है.


ज्ञापन में मांग की गई है की स्कूली वाहन में सीसीटीवी कैमरे एवं महिला कंडक्टर हो. उन्होंने जिला कलक्टर से गुहार लगाई की वे उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करे ताकि मनमानी पर रोक लग सके. साथ ही जिला कलक्टर को 13 सूत्री मांग पत्र सौंपकर सात दिन के भीतर उक्त मांगों पर कार्यवाही करने की मांग की.


इसी तरह बार एसोसिएशन ने भी निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही बाल वाहिनियों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की. वहीं दूसरी तरफ वार्ड नंबर 40 के पार्षद संदीप शर्मा के नेतृत्व में भी अनेक लोगों ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर निजी स्कूलों में फैली अव्यवस्था को दूर करने और दोषी स्कूल संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करते हुए स्कूलों की मान्यता निरस्त करने की मांग की.

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अभिभावक संघ ने स्कुल प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा







स्कूल संचालकों के मन के मुताबिक फीस मिलने पर भी स्कुल बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में घोर लापरवाही बरत रहें है. इन्हीं आरोपों के साथ सोमवार को अभिभावक संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप निजी विद्यालयों के खिलाफ प्रदर्शन किया. 





श्रीगंगानगर.  जिले में पिछले दिनों हुई एक मासूम बच्ची के साथ ज्यादती की घटना के बाद शहरवासीयों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. स्कूल संचालकों की लगातार मनमानी के विरोध में सोमवार को अभिभावकों के साथ-साथ शहर के विभिन्न संगठन सडक़ों पर उतरे.



जिला कलेक्टर को स्कूल संचालकों की मनमानी बताते हुए अभिभावकों ने जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की. प्रशासन की ओर से कार्यवाही नहीं होने पर अभिभावकों द्वारा आंदोलन छेडऩे चेतावनी भी दी गई.

एक निजी स्कुल के अभिभावक भी ज्ञापन देने वालों मे शामिल थे. जिन्होंने जिला कलेक्टर से गुहार लगाई की वे ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करे जिनमें बच्चों की सुरक्षा के मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है.

ज्ञापन में बताया गया कि प्राइवेट स्कूल मालिक फीस के नाम पर मोटी रकम वसूलते हैं. इसके अलावा कभी परीक्षा शुल्क तो कभी एक्टिविटी का बहाना बनाकर अभिभावकों से राशि वसूली जाती है.

तमाम तरह के बहानेबाजी करने के बाद भी स्कुल संचालकों का पेट नहीं भर रहा.  लोगों ने कहा कि हम स्कूल संचालकों के मन के मुताबिक फीस दे रहे है. तो फिर स्कुल उनके बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में घोर लापरवाही क्यों बरत रहे है. स्कुल प्रशासन की ओर से जो स्कुल वाहन भेजे जाते है वो भी सिर्फ खानापूर्ति के लिए है. 

ज्ञापन में मांग की गई है  की स्कूली वाहन में सीसीटीवी कैमरे एवं महिला कंडक्टर हो.  उन्होंने जिला कलक्टर से गुहार लगाई की वे उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करे ताकि मनमानी पर रोक लग सके. साथ ही जिला कलक्टर को 13 सूत्री मांग पत्र सौंपकर सात दिन के भीतर उक्त मांगों पर कार्यवाही करने की मांग की. 

इसी तरह बार एसोसिएशन ने भी निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही बाल वाहिनियों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की. वहीं दूसरी तरफ वार्ड नंबर 40 के पार्षद संदीप शर्मा के नेतृत्व में भी अनेक लोगों ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर निजी स्कूलों में फैली अव्यवस्था को दूर करने और दोषी स्कूल संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करते हुए स्कूलों की मान्यता निरस्त करने की मांग की.


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