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Bishnoi Goldy Brar Gang: श्रीगंगानगर में बिश्नोई गैंग के 3 गुर्गे गिरफ्तार, टायर व्यापारी से रंगदारी मांगने का आरोप

श्रीगंगानगर पुलिस ने बिश्नोई गैंग के 3 बदमाशों को शनिवार रात गिरफ्तार किया (Bishnoi Goldy Brar Gang). तीनों कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई के साथी गोल्डी बरार के नाम पर एक टायर व्यापारी से वॉट्सएप्प कॉल कर 10 लाख की मांग कर रहे थे.

Bishnoi Goldy Brar Gang
बिश्नोई गैंग के 3 गुर्गे गिरफ्तार
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Published : Sep 11, 2022, 8:55 AM IST

श्रीगंगानगर. कनाडा में छुपे बदमाश गोल्डी बरार के नाम से टायरों के एक व्यापारी से डरा धमका कर 10 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में 3 बदमाशों को जवाहरनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया (Bishnoi Goldy Brar Gang). थाना प्रभारी नरेश निर्वाण ने बताया कि तिलकनगर निवासी कैलाश अग्रवाल ने शनिवार दोपहर अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी. जिसमें बताया गया कि उससे बार बार व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए 10 लाख की रंगदारी मांगी जा रही है.

व्यापारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ. जांच पड़ताल के बाद तीन आरोपियों अक्षय, तरुण कुमार और हंसराज को गिरफ्तार किया गया (Brar Gang 3 men arrested in Sriganganagar). तहकीकात में रंगदारी के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोनों को भी बरामद कर लिया गया. कैलाश अग्रवाल को 7 सितंबर से धमकियां मिल रही थीं.

व्यापारी की माली हालत का था भान: प्रारंभिक पूछताछ में इन तीनों ने बताया कि वे आरजू बिश्नोई के कहने पर गोल्डी बरार के नाम से 10 लाख की रंगदारी मांग रहे थे. तिलकनगर निवासी कैलाश अग्रवाल का टायरों का व्यवसाय है. सूरतगढ़ रोड पर हनुमान मूर्ति के पास उसकी दुकान है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किया गया हंसराज हनुमान मूर्ति के नजदीक ही एक ट्रैक्टर ट्रॉली यूनियन का पूर्व में कथित रूप से प्रधान रह चुका है.

यूनियन अड्डे के पास ही कैलाश की टायरों की दुकान है. इस कारण हंसराज को इस व्यापारी की आर्थिक स्थिति के बारे में पता था. सूत्रों के अनुसार हंसराज ने ही इन बदमाशों को कैलाश अग्रवाल के बारे में जानकारियां दीं जो आगे बड़े कुख्यात बदमाशों तक पहुंची. तत्पश्चात उनके निर्देश पर इस व्यापारी को रंगदारी के लिए धमकी भरे फोन किए गए.

पढ़ें-व्यापारी का अपहरण कर धमकी... डेढ़ करोड़ रुपये दो, वरना लॉरेंस गैंग के हवाले कर देंगे

पुलिस टीम जिसने आरोपियों को पकड़ा: तीनों आरोपियों को पकड़ने में सदर थाना प्रभारी सीआई कुलदीप चारण, सब इंस्पेक्टर पवन कुमार, जिला विशेष शाखा (डीएसटी) प्रभारी सब इंस्पेक्टर कश्यपसिंह, एएसआई सुरेंद्र ज्यानी, हवलदार सुनील, अश्विनी, निर्मल, राकेश और चरणसिंह की अहम भूमिका रही. इसमें डीएसटी के हवलदार सुनील और सिपाही अश्विनी ने पकड़े गए तीनों व्यक्तियों के पिछले अपराधिक रिकॉर्ड की छानबीन की थी. इनका वास्तव में गोल्डी बरार गिरोह से कोई संपर्क है या नहीं इसकी जानकारी इकट्ठा की थी. पुलिस के मुताबिक इस मामले में जिस आरजू बिश्नोई का नाम आया है, उसके संबंध गोल्डी बराड़ और लोरेंस बिश्नोई के गुर्गों से होने की प्रबल संभावना है.

श्रीगंगानगर. कनाडा में छुपे बदमाश गोल्डी बरार के नाम से टायरों के एक व्यापारी से डरा धमका कर 10 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में 3 बदमाशों को जवाहरनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया (Bishnoi Goldy Brar Gang). थाना प्रभारी नरेश निर्वाण ने बताया कि तिलकनगर निवासी कैलाश अग्रवाल ने शनिवार दोपहर अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दी. जिसमें बताया गया कि उससे बार बार व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए 10 लाख की रंगदारी मांगी जा रही है.

व्यापारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ. जांच पड़ताल के बाद तीन आरोपियों अक्षय, तरुण कुमार और हंसराज को गिरफ्तार किया गया (Brar Gang 3 men arrested in Sriganganagar). तहकीकात में रंगदारी के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोनों को भी बरामद कर लिया गया. कैलाश अग्रवाल को 7 सितंबर से धमकियां मिल रही थीं.

व्यापारी की माली हालत का था भान: प्रारंभिक पूछताछ में इन तीनों ने बताया कि वे आरजू बिश्नोई के कहने पर गोल्डी बरार के नाम से 10 लाख की रंगदारी मांग रहे थे. तिलकनगर निवासी कैलाश अग्रवाल का टायरों का व्यवसाय है. सूरतगढ़ रोड पर हनुमान मूर्ति के पास उसकी दुकान है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किया गया हंसराज हनुमान मूर्ति के नजदीक ही एक ट्रैक्टर ट्रॉली यूनियन का पूर्व में कथित रूप से प्रधान रह चुका है.

यूनियन अड्डे के पास ही कैलाश की टायरों की दुकान है. इस कारण हंसराज को इस व्यापारी की आर्थिक स्थिति के बारे में पता था. सूत्रों के अनुसार हंसराज ने ही इन बदमाशों को कैलाश अग्रवाल के बारे में जानकारियां दीं जो आगे बड़े कुख्यात बदमाशों तक पहुंची. तत्पश्चात उनके निर्देश पर इस व्यापारी को रंगदारी के लिए धमकी भरे फोन किए गए.

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पुलिस टीम जिसने आरोपियों को पकड़ा: तीनों आरोपियों को पकड़ने में सदर थाना प्रभारी सीआई कुलदीप चारण, सब इंस्पेक्टर पवन कुमार, जिला विशेष शाखा (डीएसटी) प्रभारी सब इंस्पेक्टर कश्यपसिंह, एएसआई सुरेंद्र ज्यानी, हवलदार सुनील, अश्विनी, निर्मल, राकेश और चरणसिंह की अहम भूमिका रही. इसमें डीएसटी के हवलदार सुनील और सिपाही अश्विनी ने पकड़े गए तीनों व्यक्तियों के पिछले अपराधिक रिकॉर्ड की छानबीन की थी. इनका वास्तव में गोल्डी बरार गिरोह से कोई संपर्क है या नहीं इसकी जानकारी इकट्ठा की थी. पुलिस के मुताबिक इस मामले में जिस आरजू बिश्नोई का नाम आया है, उसके संबंध गोल्डी बराड़ और लोरेंस बिश्नोई के गुर्गों से होने की प्रबल संभावना है.

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