श्रीगंगानगर. अखिल राजस्थान महिला और बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और महिला बाल विकास मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. संघ द्वारा लम्बे समय से आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, साथिनों को नियमित कर राज्य कर्मचारी बनाए जाने की मांग की जा रही है.
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्मिकों को राज्य कर्मचारी बनाए जाने की घोषणा की थी. अब राज्य सरकार विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कार्मिकों को नियमित राज्य कर्मचारी घोषित करने जा रही है. ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो, साथिनों, आशा सहयोगिनी और कार्यकर्ताओं को भी स्थाई कर राज्य कर्मचारी बनाया जाए.
जिला अध्यक्ष सीता स्वामी ने बताया कि सरकार संविदा पर लगे समस्त कार्मिकों को सरकारी कर्मचारी घोषित कर रही हैं. ऐसे में 1970 से आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगे समस्त महिला कार्मिक और आशा सहयोगिनी, जो 2004 से कार्यरत होने के बाद भी 2700 रुपए के मानदेय पर कार्यरत हैं. ऐसे में लंबा समय बीतने के बाद भी महिला कार्मिकों को सरकार स्थाई कर्मचारी नहीं मान रही है. महिला कार्मिकों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और महिला और बाल विकास विभाग के नाम ज्ञापन सौंपकर राज्य में संविदा पर लगी महिला कार्मिकों को स्थाई किया जाए.
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राज्य में हजारों की संख्या में संविदा पर कार्यरत महिला कार्मिकों ने समय-समय पर स्थायीकरण की मांग को लेकर धरने-प्रदर्शन किए हैं. कांग्रेस सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने के बाद भी महिला कार्मिकों को स्थाई नहीं करने पर अब इन महिला कार्मिकों में अब आक्रोश टूटने लगा है.