श्रीगंगानगर. सिक्योरिटी राशि जारी करवाने के एवज में शराब ठेकेदार से दो हजार रुपए की रिश्वत लेते हत्थे चढ़े आबकारी विभाग के एएओ और वरिष्ठ सहायक को एसीबी हनुमानगढ़ की टीम ने बुधवार को एसीबी कोर्ट श्रीगंगानगर में पेश किया. एसीबी हनुमानगढ़ की टीम दोनों रिश्वतखोर आरोपियों को न्यायालय में पेश कर मामले में आगे की कार्रवाई के लिए रिमांड की मांग की थी, लेकिन एसीबी न्यायालय के न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों की मामले में सुनवाई करते हुए दोनों को जेल भेजने के आदेश दिए हैं.
एसीबी न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए दोनों ही रिश्वतखोर बाबू को 14 दिनों के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए. उधर रिश्वत के मामले में पकड़े गए दोनों आरोपियों की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र लगाकर जमानत की मांग की गई, लेकिन न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए जमानत प्रार्थना पत्र पर गुरुवार का समय निर्धारण किया है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हनुमानगढ़ की टीम ने मंगलवार को आबकारी विभाग के सहायक लेखा अधिकारी और वरिष्ठ सहायक को 2000 की रिश्वत लेते दबोचा था. ट्रैप की इस कार्रवाई को टाउन स्थित आबकारी विभाग के कार्यालय में अंजाम दिया गया था.
पढ़ें- सरकार के दो साल: कोविड-19 संक्रमण सरकार और चिकित्सा विभाग के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण रहा है : रघु शर्मा
रिश्वत राशि में से कुछ रुपए कार्यालय के केसियर के लिए भी मांगने की बात को लेकर एसीबी टीम ने कार्यालय के कैशियर से भी पूछताछ की थी, लेकिन रिश्वत मांगने के मामले में कैसियर की भूमिका सामने नहीं आई. ट्रैप की कार्रवाई एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में पुलिस निरीक्षक सुभाष चंद्र की ओर से की गई थी. आरोपियों द्वारा जमानत के लिए लगाए गए प्रार्थना पत्र पर एसीबी न्यायाधीश गुरूवार को सुनवाई करेंगे. ऐसे में अगर आरोपियों की जमानत खारिज हो जाती है तो उन्हें हाई कोर्ट जाना पड़ेगा.