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एक हफ्ते के अंदर दो सगे भाईयों की कोरोना से मौत, दहशत में मोहल्लेवासी - Corona in Rajasthan

सीकर के फतेहपुर में दो सगे भाईयों की मौत से दहशत फैल गई है. कोरोना ने दोनों सगे भाईयों को काल के गाल में समा दिया और पूरे परिवार को जिंदगी भर का गम दे गया.

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दो सगे भाईयों की कोरोना से मौत
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Published : May 24, 2021, 8:07 PM IST

फतेहपुर (सीकर). फतेहपुर सहित पूरे जिले में कोरोना का कहर जारी है, जिसमें कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें कोरोना जिंदगी भर का गम दे गया. फतेहपुर में सैनी परिवार के घर में ऐसा ही हुआ है कि दो सगे भाईयों की एक सप्ताह के भीतर ही मौत हो गई. इससे परिवार पर मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा हो. दोनों सगे भाईयों की मौत से घर वाले ही नहीं, बल्कि मोहल्लेवासी भी सदमे में हैं. इनके माता-पिता विदेश में रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन से पहले लौट आए थे, अब उनकी भी हालत खराब हो रही है.

फतेहपुर में रेल्वे स्टेशन के पास रहने वाले 30 साल के मनोज सैनी धानुका राजकीय अस्पताल के सामने ई-मित्र का काम करता था. उसकी तबीयत खराब हुई तो इलाज के लिए जोधपुर के एम्स में ले गए. यहां छोटे भाई की पत्नी नर्स है, उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. इस दौरान 15 मई को मनोज की मौत हो गई. मनोज के एक पांच साल का बेटा है और उसकी पत्नी फतेहपुर में ही रहती है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में वैक्सीन की कमी: 18 से 44 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन 25 मई से हो सकता है प्रभावित

अभी परिवार मनोज की मौत से उबरा भी नहीं था कि कोरोना ने छोटे भाई अशोक को भी चपेट में ले लिया. अशोक की पत्नी ही जोधपुर एम्स में नर्स होने के कारण उसे भी वहीं भर्ती करवाया गया. इलाज के दौरान 22 मई को अशोक की भी मौत हो गई. उसके शव को फतेहपुर लाकर अंतिम संस्कार किया गया. अशोक ने नर्सिंग का कोर्स किया हुआ था. वह खोटिया गांव में कंपाउंडर का काम करता था, अशोक के ढाई साल का बेटा है. उसी के जन्मदिन के अवसर पर दोनों भाई एक साथ केक काटते हुए दिख रहे हैं.

यह भी पढ़ें: 'नैना' ने नम आंखों से कहा- दिल्ली में होती जीवित न रही पाती, राजस्थान में मिली दूसरी जिंदगी

दोनों के पिता बंशीधर सैनी विदेश में नौकरी करते हैं, वे पत्नी के साथ अशोक के बेटे को भी विदेश ले गए थे. बेटा और बहू दोनों नौकरी करते हैं. देखभाल करने के लिए यहां पर कोई नहीं था. बंशीधर लॉकडाउन से पहले ही पत्नी और अशोक के बेटे के साथ फतेहपुर लौटे थे. दोनों के एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है. दोनों बेटो को सात दिन के अंतराल में खो देने पर उनके पिता बंशीधर और मां की हालात बेहद खराब है.

फतेहपुर (सीकर). फतेहपुर सहित पूरे जिले में कोरोना का कहर जारी है, जिसमें कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें कोरोना जिंदगी भर का गम दे गया. फतेहपुर में सैनी परिवार के घर में ऐसा ही हुआ है कि दो सगे भाईयों की एक सप्ताह के भीतर ही मौत हो गई. इससे परिवार पर मानो गमों का पहाड़ टूट पड़ा हो. दोनों सगे भाईयों की मौत से घर वाले ही नहीं, बल्कि मोहल्लेवासी भी सदमे में हैं. इनके माता-पिता विदेश में रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन से पहले लौट आए थे, अब उनकी भी हालत खराब हो रही है.

फतेहपुर में रेल्वे स्टेशन के पास रहने वाले 30 साल के मनोज सैनी धानुका राजकीय अस्पताल के सामने ई-मित्र का काम करता था. उसकी तबीयत खराब हुई तो इलाज के लिए जोधपुर के एम्स में ले गए. यहां छोटे भाई की पत्नी नर्स है, उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. इस दौरान 15 मई को मनोज की मौत हो गई. मनोज के एक पांच साल का बेटा है और उसकी पत्नी फतेहपुर में ही रहती है.

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अभी परिवार मनोज की मौत से उबरा भी नहीं था कि कोरोना ने छोटे भाई अशोक को भी चपेट में ले लिया. अशोक की पत्नी ही जोधपुर एम्स में नर्स होने के कारण उसे भी वहीं भर्ती करवाया गया. इलाज के दौरान 22 मई को अशोक की भी मौत हो गई. उसके शव को फतेहपुर लाकर अंतिम संस्कार किया गया. अशोक ने नर्सिंग का कोर्स किया हुआ था. वह खोटिया गांव में कंपाउंडर का काम करता था, अशोक के ढाई साल का बेटा है. उसी के जन्मदिन के अवसर पर दोनों भाई एक साथ केक काटते हुए दिख रहे हैं.

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दोनों के पिता बंशीधर सैनी विदेश में नौकरी करते हैं, वे पत्नी के साथ अशोक के बेटे को भी विदेश ले गए थे. बेटा और बहू दोनों नौकरी करते हैं. देखभाल करने के लिए यहां पर कोई नहीं था. बंशीधर लॉकडाउन से पहले ही पत्नी और अशोक के बेटे के साथ फतेहपुर लौटे थे. दोनों के एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है. दोनों बेटो को सात दिन के अंतराल में खो देने पर उनके पिता बंशीधर और मां की हालात बेहद खराब है.

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