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Special: Corona के खिलाफ जंग में इसलिए अब तक अजेय रहा है सीकर...

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Published : Apr 7, 2020, 9:13 PM IST

कोरोना वायरस से जहां पूरी दुनिया जंग लड़ रहा है. प्रदेश के कुछ जिलों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. वहीं सीकर जिले में अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है. कोरोना से जीतने की इस जंग में ऐसे कौन से एहतियात सीकर ने अपनाएं और खुद की कोरोना से दूरी बनाए रखी. जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में...

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सीकर ने कोरोना को रखा खुद से दूर

सीकर. कोरोना वायरस के खतरे से आज देश में और दुनिया में कोई अछूता नहीं है. हर जिले और शहर में लगातार कोरोना वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं. कई जगह तो हालात लगातार खराब हो रहे हैं. लेकिन प्रदेश का सीकर जिला अभी तक इस वायरस से बचा हुआ है. जनता की सजगता और प्रशासन चिकित्सा विभाग और पुलिस की कड़ी मेहनत की वजह से आज जिले में यह अभी कोरोना ने प्रवेश नहीं किया है. प्रशासन दावा कर रहा है कि अगर कुछ दिन और इसी तरह से काम किया और लोगों ने भी सरकार के आदेश मानें, तो सीकर जिले में कोरोना वायरस ज्यादा असर नहीं करेगा

सीकर ने कोरोना को रखा खुद से दूर

जिले में मंगलवार को दोपहर तक कोई भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है. केवल एक व्यक्ति जो दुबई से आया था और जयपुर में ही उसको भर्ती कर लिया गया था. वही पॉजिटिव अभी तक सामने आया है और वह भी सीकर नहीं आया था. इसलिए अभी तक यह माना जा रहा है कि सीकर जिला कोरोना वायरस से अछूता है, इसके प्रमुख कारण यह माने जा सकते हैं.

चिकित्सा विभाग ने हेल्थ डायरेक्टरी से किया काम

चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में सबसे पहले श्रीमाधोपुर कस्बे से कुछ महीनों पहले हेल्थ डायरेक्टरी की शुरुआत की थी. जब कोरोना की सुगबुगाहट शुरू हुई, तभी से सीकर जिले में चिकित्सा विभाग ने इसे डायरेक्ट्री के आधार पर काम करना शुरू किया.

यह भी पढ़ें- भीलवाड़ा के बाद अब जयपुर के 10 थाना क्षेत्रों में महा कर्फ्यू, सभी बाहरी प्रवेश पर प्रतिबंध

लोगों को चिन्हित करना शुरू कर दिया और उसके बाद लगातार सर्वे किए गए. जब से प्रदेश में कोरोना वायरस दस्तक दी है. तब से सीकर जिले में 15 लाख लोगों का सर्वे किया जा चुका है. इसके साथ-साथ जिले में चिकित्सा विभाग की टीम में चाहे वह डॉक्टर हो या नर्सिंग कर्मी, सभी ने लगातार कड़ी मेहनत की और इसी वजह से अभी तक सीकर बचा हुआ है.

प्रशासन की सुनियोजित तैयारी

राज्य और केंद्र सरकार ने समय-समय पर जो एडवाइजरी जारी की उसको लेकर सीकर जिले के जिला प्रशासन ने तुरंत तैयारी की. जिले के हर शहर और कस्बे में और गांव-गांव तक प्रशासनिक टीमों को अलर्ट किया और स्वास्थ्य विभाग के साथ लगातार समन्वय रखा.

जिले में जहां से भी संदिग्ध होने की सूचना आई, उन लोगों को तुरंत प्रभाव से चिन्हित किया गया और होम आइसोलेशन या क्वॉरेंटाइन में रखा गया. इसके साथ ही जहां-जहां भीड़-भाड़ होने की संभावना थी. वहां पहले से ही टीमें लगाई और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करवाई.

पुलिस ने करवाई लॉकडाउन की पालना

चाहे जनता कर्फ्यू की बात हो या फिर प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा और उसके बाद देशभर में लॉकडाउन की घोषणा, सबका जिले की पुलिस ने सख्ती से पालन करवाया. सबसे पहले जिले की सभी सीमाओं को सील किया गया और उसके बाद लोगों को बाहर निकलने से रोका गया.

खास बात यह भी है कि सीकर में पुलिस ने ज्यादा शक्ति भी नहीं कि लोगों पर लाठीचार्ज भी नहीं किया. कुछ जगह को छोड़कर इस तरह की जानकारी भी सामने नहीं आई. लेकिन इसके बाद भी अच्छी तरीके से लॉकडाउन का पालन हुआ.

आमजन की सजगता

जहां सब जगह लॉकडाउन हो चुका है वहीं सीकर के लोगों ने इसको लेकर पूरी सतर्कता दिखाई और सरकार के आदेशों की पालना की सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखा. बिना पुलिस की सजगता के ही लोगों ने खुद को घरों में कैद किया और बहुत ही जरूरी काम हो और घर से निकले, तो भी समझदारी का परिचय दिया.

यह भी पढ़ें- Special: RTU का रोबोटिक क्लब भी लो कॉस्ट वेंटिलेटर तैयार करने में जुटा

जमात से आए लोगों को समय पर चिन्हित किया. इस वक्त देश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज दिल्ली या अन्य जनों की तबलीगी जमात से आए लोग मिल रहे हैं. सीकर में भी काफी लोग अलग-अलग जगह की जमात से आए थे. लेकिन प्रशासन ने समय रहते हैं. उनको चिन्हित किया और सबको क्वॉरेंटाइन कर दिया.

हालांकि अब तक जमात से आए लोगों के सैंपल भी नेगेटिव आए हैं. लेकिन अगर कोई पॉजिटिव केस आता भी है, तो भी राहत की बात यह होगी कि प्रशासन ने उस व्यक्ति को ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आने दिया. सीकर के लोगों ने खुद भी आगे आकर प्रशासन को जमात से आए लोगों की जानकारी दी.

सीकर. कोरोना वायरस के खतरे से आज देश में और दुनिया में कोई अछूता नहीं है. हर जिले और शहर में लगातार कोरोना वायरस के मरीज सामने आ रहे हैं. कई जगह तो हालात लगातार खराब हो रहे हैं. लेकिन प्रदेश का सीकर जिला अभी तक इस वायरस से बचा हुआ है. जनता की सजगता और प्रशासन चिकित्सा विभाग और पुलिस की कड़ी मेहनत की वजह से आज जिले में यह अभी कोरोना ने प्रवेश नहीं किया है. प्रशासन दावा कर रहा है कि अगर कुछ दिन और इसी तरह से काम किया और लोगों ने भी सरकार के आदेश मानें, तो सीकर जिले में कोरोना वायरस ज्यादा असर नहीं करेगा

सीकर ने कोरोना को रखा खुद से दूर

जिले में मंगलवार को दोपहर तक कोई भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है. केवल एक व्यक्ति जो दुबई से आया था और जयपुर में ही उसको भर्ती कर लिया गया था. वही पॉजिटिव अभी तक सामने आया है और वह भी सीकर नहीं आया था. इसलिए अभी तक यह माना जा रहा है कि सीकर जिला कोरोना वायरस से अछूता है, इसके प्रमुख कारण यह माने जा सकते हैं.

चिकित्सा विभाग ने हेल्थ डायरेक्टरी से किया काम

चिकित्सा विभाग ने प्रदेश में सबसे पहले श्रीमाधोपुर कस्बे से कुछ महीनों पहले हेल्थ डायरेक्टरी की शुरुआत की थी. जब कोरोना की सुगबुगाहट शुरू हुई, तभी से सीकर जिले में चिकित्सा विभाग ने इसे डायरेक्ट्री के आधार पर काम करना शुरू किया.

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लोगों को चिन्हित करना शुरू कर दिया और उसके बाद लगातार सर्वे किए गए. जब से प्रदेश में कोरोना वायरस दस्तक दी है. तब से सीकर जिले में 15 लाख लोगों का सर्वे किया जा चुका है. इसके साथ-साथ जिले में चिकित्सा विभाग की टीम में चाहे वह डॉक्टर हो या नर्सिंग कर्मी, सभी ने लगातार कड़ी मेहनत की और इसी वजह से अभी तक सीकर बचा हुआ है.

प्रशासन की सुनियोजित तैयारी

राज्य और केंद्र सरकार ने समय-समय पर जो एडवाइजरी जारी की उसको लेकर सीकर जिले के जिला प्रशासन ने तुरंत तैयारी की. जिले के हर शहर और कस्बे में और गांव-गांव तक प्रशासनिक टीमों को अलर्ट किया और स्वास्थ्य विभाग के साथ लगातार समन्वय रखा.

जिले में जहां से भी संदिग्ध होने की सूचना आई, उन लोगों को तुरंत प्रभाव से चिन्हित किया गया और होम आइसोलेशन या क्वॉरेंटाइन में रखा गया. इसके साथ ही जहां-जहां भीड़-भाड़ होने की संभावना थी. वहां पहले से ही टीमें लगाई और लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करवाई.

पुलिस ने करवाई लॉकडाउन की पालना

चाहे जनता कर्फ्यू की बात हो या फिर प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा और उसके बाद देशभर में लॉकडाउन की घोषणा, सबका जिले की पुलिस ने सख्ती से पालन करवाया. सबसे पहले जिले की सभी सीमाओं को सील किया गया और उसके बाद लोगों को बाहर निकलने से रोका गया.

खास बात यह भी है कि सीकर में पुलिस ने ज्यादा शक्ति भी नहीं कि लोगों पर लाठीचार्ज भी नहीं किया. कुछ जगह को छोड़कर इस तरह की जानकारी भी सामने नहीं आई. लेकिन इसके बाद भी अच्छी तरीके से लॉकडाउन का पालन हुआ.

आमजन की सजगता

जहां सब जगह लॉकडाउन हो चुका है वहीं सीकर के लोगों ने इसको लेकर पूरी सतर्कता दिखाई और सरकार के आदेशों की पालना की सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखा. बिना पुलिस की सजगता के ही लोगों ने खुद को घरों में कैद किया और बहुत ही जरूरी काम हो और घर से निकले, तो भी समझदारी का परिचय दिया.

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जमात से आए लोगों को समय पर चिन्हित किया. इस वक्त देश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज दिल्ली या अन्य जनों की तबलीगी जमात से आए लोग मिल रहे हैं. सीकर में भी काफी लोग अलग-अलग जगह की जमात से आए थे. लेकिन प्रशासन ने समय रहते हैं. उनको चिन्हित किया और सबको क्वॉरेंटाइन कर दिया.

हालांकि अब तक जमात से आए लोगों के सैंपल भी नेगेटिव आए हैं. लेकिन अगर कोई पॉजिटिव केस आता भी है, तो भी राहत की बात यह होगी कि प्रशासन ने उस व्यक्ति को ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आने दिया. सीकर के लोगों ने खुद भी आगे आकर प्रशासन को जमात से आए लोगों की जानकारी दी.

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