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SPECIAL : सीकर में रेबीज का खतरा : हर दिन औसत 27 लोग आवारा कुत्तों के शिकार...1 साल में 10,000 से ज्यादा बने निशाना

सीकर जिले की बात करें तो यहां पर पिछले साल 10105 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा. इस तरह हर दिल 27 लोगों को कुत्तों ने काटा. यह बड़ा आंकड़ा है.

The risk of rabies in Sikar, 10000 people stray dogs in 1 year, Latest news of Sikar
गलियों में आवारा कुत्ते लोगों को बना रहे शिकार
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Published : Mar 2, 2021, 11:01 PM IST

सीकर. जिले में आवारा कुत्तों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में यहां रेबीज का खतरा भी बढ़ रहा है. नगर पालिका और नगर परिषद प्रशासन आवारा कुत्तों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है. ऐसे में आवारा कुत्तों के काटने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. देखिये ये रिपोर्ट...

सीकर में रेबीज का खतरा

हालांकि अस्पतालों में रेबीज के टीकों की फिलहाल कोई कमी नहीं है. जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में रेबीज के टीके मौजूद हैं. जिले की सभी सीएचसी पर भी रेबीज के टीके मौजूद हैं. इस वक्त भी सभी अस्पतालों में मिलाकर करीब 8000 टीके उपलब्ध हैं.

The risk of rabies in Sikar, 10000 people stray dogs in 1 year, Latest news of Sikar
गलियों में आवारा कुत्ते लोगों को बना रहे शिकार

सीकर जिले की बात करें तो यहां पर पिछले साल 10105 लोगों को कुत्तों ने काटा. इस तरह हर दिल 27 लोगों को कुत्तों ने काटा. यह बड़ा आंकड़ा है. इतने मामले सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल किया रहता है कि अस्पतालों में वैक्सीन होना जरूरी है. सरकारी अस्पतालों में रेबीज की तीन तरह की वैक्सीन उपलब्ध हैं.

पढ़ें- जैसलमेर : झोंपड़ेनुमा दुकान में लगी आग, दो लोग जिंदा जले....एक गंभीर झुलसे को किया जोधपुर रैफर

1. रेबीज वैक्सीन इंट्रा मस्कुलर: यह इंजेक्शन मरीज के मांस में लगता है. फिलहाल अस्पतालों में इसकी 686 डोज मौजूद हैं. पिछले 2 साल में अस्पतालों में इस इंजेक्शन की 18680 डोज उपलब्ध करवाई गई हैं.

2. रेबीज वैक्सीन इंट्राडैमलर: यह इंजेक्शन मरीज की खाल के नीचे लगाया जाता है. फिलहाल जिले के अस्पतालों में 3875 डोज़ इसकी मौजूद है. पिछले 1 साल में 22000 इंजेक्शन सप्लाई किए जा चुके हैं.

3. रेबीज वैक्सीन सिरम: यह इंजेक्शन मरीज की वेन में लगाया जाता है. जिले के अस्पतालों में 3233 इंजेक्शन फिलहाल मौजूद हैं. पिछले 1 साल में 4460 इंजेक्शन उपलब्ध करवाए गए.

जिले में पिछले 1 साल में कुत्तों के काटने के मामले

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एक साल में हजारों लोग आवारा कुत्तों के शिकार हुए

ग्रामीण इलाकों में मिर्ची डालने का मिथक

रेबीज के मामलों को लेकर डॉक्टर का कहना है कि जब भी कुत्ता किसी को काट ले तो जहां से काटा है वहां पानी के प्रेशर से धोएं. इसके बाद साबुन डालकर साफ करें. लेकिन ग्रामीण इलाकों में एक मिथक चलता है कि लोग कुत्ता काटने के स्थान पर मिर्ची डाल देते हैं.

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स्थानीय प्रशासन की उदासीनता का नतीजा

यह अफवाह ग्रामीण क्षेत्रों में है. माना जाता है कि इसके बाद जहर आगे नहीं फैलता. लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्ची बिल्कुल भी नहीं डालें.

सीकर. जिले में आवारा कुत्तों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में यहां रेबीज का खतरा भी बढ़ रहा है. नगर पालिका और नगर परिषद प्रशासन आवारा कुत्तों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है. ऐसे में आवारा कुत्तों के काटने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. देखिये ये रिपोर्ट...

सीकर में रेबीज का खतरा

हालांकि अस्पतालों में रेबीज के टीकों की फिलहाल कोई कमी नहीं है. जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में रेबीज के टीके मौजूद हैं. जिले की सभी सीएचसी पर भी रेबीज के टीके मौजूद हैं. इस वक्त भी सभी अस्पतालों में मिलाकर करीब 8000 टीके उपलब्ध हैं.

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गलियों में आवारा कुत्ते लोगों को बना रहे शिकार

सीकर जिले की बात करें तो यहां पर पिछले साल 10105 लोगों को कुत्तों ने काटा. इस तरह हर दिल 27 लोगों को कुत्तों ने काटा. यह बड़ा आंकड़ा है. इतने मामले सामने आने के बाद सबसे बड़ा सवाल किया रहता है कि अस्पतालों में वैक्सीन होना जरूरी है. सरकारी अस्पतालों में रेबीज की तीन तरह की वैक्सीन उपलब्ध हैं.

पढ़ें- जैसलमेर : झोंपड़ेनुमा दुकान में लगी आग, दो लोग जिंदा जले....एक गंभीर झुलसे को किया जोधपुर रैफर

1. रेबीज वैक्सीन इंट्रा मस्कुलर: यह इंजेक्शन मरीज के मांस में लगता है. फिलहाल अस्पतालों में इसकी 686 डोज मौजूद हैं. पिछले 2 साल में अस्पतालों में इस इंजेक्शन की 18680 डोज उपलब्ध करवाई गई हैं.

2. रेबीज वैक्सीन इंट्राडैमलर: यह इंजेक्शन मरीज की खाल के नीचे लगाया जाता है. फिलहाल जिले के अस्पतालों में 3875 डोज़ इसकी मौजूद है. पिछले 1 साल में 22000 इंजेक्शन सप्लाई किए जा चुके हैं.

3. रेबीज वैक्सीन सिरम: यह इंजेक्शन मरीज की वेन में लगाया जाता है. जिले के अस्पतालों में 3233 इंजेक्शन फिलहाल मौजूद हैं. पिछले 1 साल में 4460 इंजेक्शन उपलब्ध करवाए गए.

जिले में पिछले 1 साल में कुत्तों के काटने के मामले

The risk of rabies in Sikar, 10000 people stray dogs in 1 year, Latest news of Sikar
एक साल में हजारों लोग आवारा कुत्तों के शिकार हुए

ग्रामीण इलाकों में मिर्ची डालने का मिथक

रेबीज के मामलों को लेकर डॉक्टर का कहना है कि जब भी कुत्ता किसी को काट ले तो जहां से काटा है वहां पानी के प्रेशर से धोएं. इसके बाद साबुन डालकर साफ करें. लेकिन ग्रामीण इलाकों में एक मिथक चलता है कि लोग कुत्ता काटने के स्थान पर मिर्ची डाल देते हैं.

The risk of rabies in Sikar, 10000 people stray dogs in 1 year, Latest news of Sikar
स्थानीय प्रशासन की उदासीनता का नतीजा

यह अफवाह ग्रामीण क्षेत्रों में है. माना जाता है कि इसके बाद जहर आगे नहीं फैलता. लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्ची बिल्कुल भी नहीं डालें.

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