खंडेला (सीकर). खंडेला में सरपंच संघ ने ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोलकर संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में की जा रही कटौती को रोकने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. सरपंच संघ के अध्यक्ष कैलाश चंद्र के नेतृत्व में सरपंचों ने यह ज्ञापन सौंपा और आदेश की प्रतियां भी जलाईं.
सरपंच संघ का कहना है कि ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोलकर उनके संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में कटौती की जा रही है. इसे रोकने के लिए ही मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव, शासन सचिव के नाम का ज्ञापन सौंपा गया है. संघ से जुड़े सरपंचों ने विकास अधिकारी अजय कुमार आर्य को ज्ञापन सौंपकर आदेशों की प्रतियां जलाई.
ज्ञापन में सरपंच संघ की ओर से कहा गया है कि दो साल से कुछ प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधी पंचायतीराज संस्थाओं के प्रशासनिक और वित्तीय हितों पर लगातार कुठाराघात कर रहे हैं. पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की दयनीय स्थिति हो गई है. दूसरी ओर पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय हालत कमजोर की जा रही है. 2 साल में केंद्रीय वित्त आयोग की राशि के अलावा राज्य वित्त आयोग का एक भी रुपया ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं किया गया है. राज्य वित्त आयोग पंचम की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2019-20 में 4000 करोड रुपए में एक रुपया भी हस्तांतरित नहीं किया गया है. छठे वित आयोग का अभी तक गठन नहीं किया गया है. ऐसे में 2020-21 में ग्राम पंचायतों में भी कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है. न ही कोई प्रकिया चल रही है.
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सरपंच संघ का कहना है कि सरपंच को ग्राम पंचायत में संचालित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के अधीन कर दिया गया है. वित्त विभाग द्वारा पूर्व में विवि फरवरी माह में ग्राम पंचायतों के पीडी खाता खोलने के प्रयास किए गए थे. सरपंच संघ के विरोध एवं ज्ञापन पर पूर्व उमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा 23 फ़रवरी को विभागीय स्तर पर पीड़ी खाते नहीं खोलवने का निर्णय लिया गया था.
ज्ञापन देने वालों में सरपंच संघ अध्यक्ष सरपंच कैलाशचन्द्र , जयप्रकाश डूडी,हरदेव सिंह, विद्या देवी,सांवरमल जांगिड़, मीना सैनी,बीरबल सैनी,अर्चना देवी, छोटी देवी ,सुभाष सैनी, कैलाश मीणा,सुनीता देवी,मंगलचंद,सरपंच प्रतिनिधि ठेकेदार अर्जुनलाल जांगू सहित अन्य उपस्थित थे.