सीकर. कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकाडाउन के बाद हर सीमा पर पुलिस बल मुस्तैद है. लेकिन जब से प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों को बाहर से लाने का काम शुरू किया गया है, तब से प्रशासन के सभी प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं. प्रशासन जिले की सभी सीमाओं को सील करने और आने जाने वाले हर व्यक्ति की जांच करने का दावा तो कर रहा है, लेकिन हजारों लोग ऐसे हैं, जो इस तरह के रास्तों से जिले में प्रवेश कर रहे हैं, जहां कोई चेकप्वाइंट नहीं है.
सीकर जिले की बात की जाए तो प्रशासन ने जिले के बॉर्डर को सील किया हुआ है और 23 चेक पोस्ट बनाए गए हैं. यहां पर बाहर से आने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही है. साथ ही उनकी जानकारी जुटाई जा रही है. इन चेकपोस्ट पर 24 घंटे पुलिस का जाब्ता तैनात रहता है और आने-जाने वाले सभी लोगों की एंट्री होती है. जिससे प्रशासन को यह पता रहे कि जिले में बाहर से कितने लोग आए हैं.
यह भी पढे़ं- SPECIAL: इन कोरोना वॉरियर्स को खुद की फिक्र नहीं, प्रवासियों को घर तक पहुंचाने का है जुनून..
इन 23 चेक पोस्ट से 6 हजार प्रवासी लोग दूसरे राज्यों से आए हैं. जबकि प्रशासन ने गांव में जो टीमें लगा रखी हैं, उनके आंकड़े बता रहे हैं कि जिले में 15,776 लोग बाहर से आ चुके हैं. इसका मतलब साफ है कि हजारों लोग ऐसे हैं. जो गांव के कच्चे रास्तों से या फिर ऐसी जगह से जिले में प्रवेश कर रहे हैं, जहां पर पुलिस का चेक पोस्ट नहीं है.
प्रशासन ने कहा- आमजन करे मदद
सीकर में प्रशासन बार-बार लोगों से यह अपील कर रहा है कि जो बाहर से आने वाले प्रवासी हैं, उनकी जानकारी तुरंत प्रशासन को दी जाए. ताकि उन्हें जल्द से जल्द होम क्वॉरेंटाइन किया जा सके. लेकिन जब लोग छुपे हुए रास्तों से आ रहे हैं, तो प्रशासन के प्रयास फेल हो रहे हैं.
यह भी पढ़ें- SPECIAL: 7 महीने की गर्भवती अपने परिवार के साथ पैदल चलने के लिए आखिर क्यों है 'मजबूर'
जिले में 3 दिन में आने वाले सभी पॉजिटिव प्रवासी
जिलेभर में पिछले 3 दिन में 8 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और यह सभी लोग दूसरे राज्यों से इसी हफ्ते में आने वाले प्रवासी हैं. गौरतलब है कि प्रवासियों से बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन बार-बार बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी जुटा रहा है. लेकिन बहुत कोशिश के बाद भी इतने लोग कैसे जिले में आ गए. इसकी किसी को खबर नहीं हैं. इतनी बड़ी संख्या में लोगों का चोरी-छिपे जिले में पहुंचना जिले के लोगों के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है.