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स्पेशल स्टोरी: राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को 9 इंटरनेशनल अवार्ड, लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं

राजस्थान के लोग राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे हैं. दूसरी तरफ शेखावाटी के युवा प्रोड्यूसर की ओर से बनाई गई राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. राजस्थानी भाषा में बनी फिल्म चिड़ी बल्ला को अमेरिका फिल्म फेस्टिवल में नौ अवार्ड मिले, लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिल रही...देखिए स्पेशल रिपोर्ट इस राजस्थानी फिल्म को बेस्ट स्पेशल फिल्म सहित मिले 9 इंटरनेशनल अवार्ड

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Published : Nov 10, 2019, 6:32 PM IST

फतेहपुर (सीकर). चिड़ी बल्ला ये नाम राजस्थानी है पर यह खेल पूरी दुनिया में बैडमिंटन के नाम से खेला जाता है. लेकिन अब राजस्थानी भाषा को उसका असली हक मिलें, इसके लिए इसी चिड़ी बल्ला नाम से बनी फिल्म पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. अमेरिका के चिली में आयोजित साउथ फिल्म एंड आर्टस फेस्टिवल में विभिन्न कैटेगिरी में इस फिल्म ने नौ अवार्ड हासिल किए. चिड़ी बल्ला को सात समंदर पार अमेरिका में बैठे लोगों ने भी सराहा. उन्होंने इसे बेहतरीन फिल्म बताकर अवार्ड भी दिए. फिल्म के निर्माता राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म को 6 मुख्य श्रेणी और 3 ऑनरेबल मेंशन और बेस्ट स्पेशल फिल्म का अवार्ड मिला है. राजस्थानी भाषा में बनी फिल्म की दुनिया भर इस मुकाम तक तारीफ, इस भाषा के लिए भी अच्छे संकेत है.

राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को 9 इंटरनेशनल अवार्ड, लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं

फिल्म निर्माता पीपलवा ने बताया कि आज दुनिया भर में राजस्थानी भाषा का डंका बज रहा है. लेकिन संविधान में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिली है. उन्होंने प्रदेश की 7 करोड़ आवाम की ओर से पीएम मोदी से हाथ जोड़कर प्रार्थना की है कि जब 5 करोड़ गुजरातियों के लिए आप गुजराती भाषा को मान्यता मिल सकती है तो राजस्थानियों के लिए इतना तो आप कर ही सकते है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: पुष्कर मेले में विदेशी महिलाएं सिख रही हैं 'राजस्थानी लोक नृत्य'

हालांकि फिल्म को देखकर लगता है कि राजस्थानी भाषा का क्रेज विदेशों में भी है. लेकिन भारत सरकार और राजस्थान सरकार राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही हैं. राजस्थानी भाषा राजस्थान में नहीं अपितु विदेशों में पढ़ी जा रही है. शिकागो विश्व विद्यालय व पाकिस्तान के विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई जा रही है. निर्माता राधेश्याम पिपलवा ने बताया इंटरनेशनल स्तर पर राजस्थानी फिल्म को पुरस्कार मिलना उनके लिए व राजस्थानी भाषा के लिए अच्छे संकेत हैं. जिससे राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए उनके द्वारा किया गया प्रयास सफल होता हुआ दिख रहा है.

उन्होंने बताया कि देश में राजनेता अपने स्वार्थ के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं. लेकिन राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को अब साउथ अमेरिका के चिली में आयोजित साउथ फिल्म एंड आर्ट्स फेस्टिवल में विभिन्न कैटेगिरी में नौ अवार्ड मिले है. फिल्म को बेस्ट स्पेशल फिल्म के अवार्ड से नवाजा गया है. निर्माता राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म को 6 मुख्य श्रेणी और 3 ऑनरेबल मेंशन और बेस्ट स्पेशल फिल्म का अवार्ड मिला है. इसके अलावा ऑनरेबल मेंशन में फिल्म को बेस्ट डायरेक्टर ऑनरेबल मेंशन राधेश्याम पीपलवा, स्क्रीनप्ले ऑनरेबल मेंशन में राधेश्याम पीपलवा व पंकज मट्टा को व ऑनरेबल मेंशन मयूर मोरे को मिले हैं. इससे पहले फिल्म को ड्रक फिल्म फेस्टिवल में भी पांच अवार्ड मिल चुके है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: सुल्ताना के अजित सिंह की कसम, 100 युवाओं को भारतीय सेना में भेजकर ही लूंगा दम

विदेशों में भी राजस्थानी भाषा में प्रदर्शित हो रही है फिल्म
फिल्म चिड़ी बल्ला के निर्देशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म चिड़ी बल्ला हिंदी और राजस्थानी भाषाओं में बनी है. लेकिन अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसे राजस्थानी भाषा में ही दिखाया जा रहा है, ताकि राजस्थानी कला, भाषा का प्रदर्शन विश्व मे यथारूप ही हो और इसे मान्यता मिले. पीपलवा ने कहा कि जब विश्व स्तर पर लोग राजस्थानी भाषा को इतना प्रेम और सम्मान दे रहे हैं तो अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सुध ले.

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित होगी फिल्म चिड़ी बल्ला
जनवरी में जयपुर में आयोजित होने वाले जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को जगह मिली है. इस फिल्म फे स्टिवल में 95 देशों की 219 फिल्मों को जगह मिली है. राधेश्याम पीपलवा के निर्देशन में यह राजस्थानी फीचर फिल्म एक घंटे 51 मिनट की है. इस फिल्म में राजस्थान की कला, खेल और संस्कृति की खासियत बताती है. फिल्म का फेस्टिवल में चयनित होना गौरव की बात है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 'अपना घर' में 2 साल बाद बेटियों को मिली लापता मां...फफक-फफक कर रो पड़ी

फतेहपुर प्रगति संघ ने पीपलवा को फतेहपुर गौरव से किया सम्मानित
फतेहपुर शेखावाटी प्रगति संघ मुंबई की ओर से मुंबई में दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया. स्नेह मिलन समारोह में फिल्म निर्माता राधेश्याम पीपलवा को फतेहपुर गौरव अवार्ड से सम्मानित किया. इससे पहले भी पीपलवा को कई जगह सम्मानित किया जा चुका है.

फतेहपुर (सीकर). चिड़ी बल्ला ये नाम राजस्थानी है पर यह खेल पूरी दुनिया में बैडमिंटन के नाम से खेला जाता है. लेकिन अब राजस्थानी भाषा को उसका असली हक मिलें, इसके लिए इसी चिड़ी बल्ला नाम से बनी फिल्म पूरी दुनिया में धूम मचा रही है. अमेरिका के चिली में आयोजित साउथ फिल्म एंड आर्टस फेस्टिवल में विभिन्न कैटेगिरी में इस फिल्म ने नौ अवार्ड हासिल किए. चिड़ी बल्ला को सात समंदर पार अमेरिका में बैठे लोगों ने भी सराहा. उन्होंने इसे बेहतरीन फिल्म बताकर अवार्ड भी दिए. फिल्म के निर्माता राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म को 6 मुख्य श्रेणी और 3 ऑनरेबल मेंशन और बेस्ट स्पेशल फिल्म का अवार्ड मिला है. राजस्थानी भाषा में बनी फिल्म की दुनिया भर इस मुकाम तक तारीफ, इस भाषा के लिए भी अच्छे संकेत है.

राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को 9 इंटरनेशनल अवार्ड, लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं

फिल्म निर्माता पीपलवा ने बताया कि आज दुनिया भर में राजस्थानी भाषा का डंका बज रहा है. लेकिन संविधान में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिली है. उन्होंने प्रदेश की 7 करोड़ आवाम की ओर से पीएम मोदी से हाथ जोड़कर प्रार्थना की है कि जब 5 करोड़ गुजरातियों के लिए आप गुजराती भाषा को मान्यता मिल सकती है तो राजस्थानियों के लिए इतना तो आप कर ही सकते है.

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हालांकि फिल्म को देखकर लगता है कि राजस्थानी भाषा का क्रेज विदेशों में भी है. लेकिन भारत सरकार और राजस्थान सरकार राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही हैं. राजस्थानी भाषा राजस्थान में नहीं अपितु विदेशों में पढ़ी जा रही है. शिकागो विश्व विद्यालय व पाकिस्तान के विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई जा रही है. निर्माता राधेश्याम पिपलवा ने बताया इंटरनेशनल स्तर पर राजस्थानी फिल्म को पुरस्कार मिलना उनके लिए व राजस्थानी भाषा के लिए अच्छे संकेत हैं. जिससे राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए उनके द्वारा किया गया प्रयास सफल होता हुआ दिख रहा है.

उन्होंने बताया कि देश में राजनेता अपने स्वार्थ के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं. लेकिन राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को अब साउथ अमेरिका के चिली में आयोजित साउथ फिल्म एंड आर्ट्स फेस्टिवल में विभिन्न कैटेगिरी में नौ अवार्ड मिले है. फिल्म को बेस्ट स्पेशल फिल्म के अवार्ड से नवाजा गया है. निर्माता राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म को 6 मुख्य श्रेणी और 3 ऑनरेबल मेंशन और बेस्ट स्पेशल फिल्म का अवार्ड मिला है. इसके अलावा ऑनरेबल मेंशन में फिल्म को बेस्ट डायरेक्टर ऑनरेबल मेंशन राधेश्याम पीपलवा, स्क्रीनप्ले ऑनरेबल मेंशन में राधेश्याम पीपलवा व पंकज मट्टा को व ऑनरेबल मेंशन मयूर मोरे को मिले हैं. इससे पहले फिल्म को ड्रक फिल्म फेस्टिवल में भी पांच अवार्ड मिल चुके है.

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विदेशों में भी राजस्थानी भाषा में प्रदर्शित हो रही है फिल्म
फिल्म चिड़ी बल्ला के निर्देशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म चिड़ी बल्ला हिंदी और राजस्थानी भाषाओं में बनी है. लेकिन अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसे राजस्थानी भाषा में ही दिखाया जा रहा है, ताकि राजस्थानी कला, भाषा का प्रदर्शन विश्व मे यथारूप ही हो और इसे मान्यता मिले. पीपलवा ने कहा कि जब विश्व स्तर पर लोग राजस्थानी भाषा को इतना प्रेम और सम्मान दे रहे हैं तो अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सुध ले.

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित होगी फिल्म चिड़ी बल्ला
जनवरी में जयपुर में आयोजित होने वाले जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को जगह मिली है. इस फिल्म फे स्टिवल में 95 देशों की 219 फिल्मों को जगह मिली है. राधेश्याम पीपलवा के निर्देशन में यह राजस्थानी फीचर फिल्म एक घंटे 51 मिनट की है. इस फिल्म में राजस्थान की कला, खेल और संस्कृति की खासियत बताती है. फिल्म का फेस्टिवल में चयनित होना गौरव की बात है.

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फतेहपुर प्रगति संघ ने पीपलवा को फतेहपुर गौरव से किया सम्मानित
फतेहपुर शेखावाटी प्रगति संघ मुंबई की ओर से मुंबई में दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया. स्नेह मिलन समारोह में फिल्म निर्माता राधेश्याम पीपलवा को फतेहपुर गौरव अवार्ड से सम्मानित किया. इससे पहले भी पीपलवा को कई जगह सम्मानित किया जा चुका है.

Intro:स्पेशल स्टोरी : राजस्थानी भाषा में बनी फिल्म चिड़ी बल्ला को अमेरिका फिल्म फेस्टिवल में नौ अवार्ड लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं
Body:फतेहपुर (सीकर). राजस्थान के लोग राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ शेखावाटी के युवा प्रोड्यूसर के द्वारा बनाई गई राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इससे लगता है कि राजस्थानी भाषा का क्रेज विदेशों में भी लेकिन भारत सरकार और राजस्थान सरकार राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही हैं। राजस्थानी भाषा राजस्थान में नहीं अपितु विदेशों में पढ़ी जा रही है। शिकागो विश्व विद्यालय व पाकिस्तान के विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाई जा रही है। निर्माता राधेश्याम पिपलवा ने बताया इंटरनेशनल स्तर पर राजस्थानी फिल्म को पुरस्कार मिलना उनके लिए व राजस्थानी भाषा के लिए अच्छे संकेत हैं जिससे राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए उनके द्वारा किया गया प्रयास सफल होता हुआ दिख रहा है। उन्होंने बताया कि देश में राजनेता अपने स्वार्थ के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं लेकिन राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को अब साउथ अमेरिका के चिली में आयोजित साउथ फिल्म एंड आटर््स फेस्टिवल में विभिन्न कैटेगिरी में नौ अवार्ड मिले है। फिल्म को बेस्ट स्पेशल फिल्म के अवार्ड से नवाजा गया है। निर्माता राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म को 6 मुख्य श्रेणी और 3 ऑनरेबल मेंशन और बेस्ट स्पेशल फिल्म का अवार्ड मिला है। साउथ अमेरिका के चिली में आयोजित फेस्टिवल में बेस्ट प्रोड्यूसर का अवार्ड राधेश्याम पीपलवा को, बेस्ट यंग एक्टर का अवार्ड चेतन शर्मा को, बेस्ट ओरिजनल स्कोर अवार्ड कृष्णा सोलो को बेस्ट साउंड डिजाइन ऑनरेबल मेंशन संजय मौर्या व ऑल्विन रेगो, बेस्ट आर्ट डायरेक्शन के लिए हरिस उमर खान व बेस्ट टीम परफॉरमेंस को बेस्ट टीम परफॉरमेंस अवार्ड व बेस्ट कोस्ट्यूम अवार्ड से रोशनी बोस को नवाजा गया। इसके अलावा ऑनरेबल मेंशन में फिल्म को बेस्ट डायरेक्टर ऑनरेबल मेंशन राधेश्याम पीपलवा, स्क्रीनप्ले ऑनरेबल मेंशन में राधेश्याम पीपलवा व पंकज मट्टा को व ऑनरेबल मेंशन मयूर मोरे को मिले हैं। इससे पहले फिल्म को ड्रक फिल्म फेस्टिवल में भी पांच अवार्ड मिल चुके है।

विदेशों में भी राजस्थानी भाषा में प्रदर्शित हो रही है फिल्म
फिल्म चिड़ी बल्ला के निर्देशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि फिल्म चिड़ी बल्ला हिंदी और राजस्थानी भाषाओं में बनी है। लेकिन अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसे राजस्थानी भाषा में ही दिखाया जा रहा है, ताकि राजस्थानी कला, भाषा का प्रदर्शन विश्व मे यथारूप ही हो और इसे मान्यता मिले।
पीपलवा ने कहा कि जब विश्व स्तर पर लोग राजस्थानी भाषा को इतना प्रेम और सम्मान दे रहे हैं तो अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकार राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की सुध ले।

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी प्रर्दशित होगी चिड़ी बल्ला
जनवरी में जयपुर में आयोजित होने वाले जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को जगह मिली है। इस फिल्म फे स्टिवल में 95 देशों की 219 फिल्मों को जगह मिली है। राधेश्याम पीपलवा के निर्देशन में यह राजस्थानी फीचर फिल्म एक घंटे 51 मिनट की है। इस फिल्म में राजस्थान की कला, खेल और संस्कृति की खासियत बताती है। फिल्म का फेस्टिवल में चयनित होना गौरव की बात है।

फतेहपुर प्रगति संघ ने पीपलवा को फतेहपुर गौरव से किया सम्मानित
फतेहपुर शेखावाटी प्रगति संघ मुंबई की ओर से मुंबई में दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया। स्नेह मिलन समारोह में फिल्म निर्माता राधेश्याम पीपलवा को फतेहपुर गौरव अवार्ड से सम्मानित किया। इससे पहले भी पीपलवा को कई जगह सम्मानित किया जा चुका है।
Conclusion:बाइट भंवरलाल महरिया भंवरो जिलाध्यक्ष राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति सीकर
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