सीकर. कोरोना महामारी के दौर में बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल की है. बच्चों को डिजिटल शिक्षा देने के लिए सरकार ने प्रदेश के 100 स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाने का फैसला किया है. इसके साथ-साथ से कक्षा पहली से 12वीं तक के सभी बच्चों को ई-कंटेंट उपलब्ध करवाया जाएगा. जिससे बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सकें.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और एजूकेशनल कंसलटेंटस इण्डिया लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है. इसके तहत प्रदेश के 100 स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाएंगे. इसके अलावा कक्षा एक से 12 तक पाठ्यक्रम का ई-कंटेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनेंगे. उनके 4 शिक्षकों को स्मार्ट क्लास रूम में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा.
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कोरोनाकाल में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ़ इण्डिया और एजूकेशनल कंसलटेंटस इण्डिया लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों में #स्मार्टक्लासरूम लगाने, प्रत्येक स्कूल के 4..(1/2) pic.twitter.com/m7pQ7RphXc
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो सुदूर स्थानों पर हो और जहां पर कम्प्यूटर टीचर और प्रयोगशाला सहायक पोस्टेड होंगे. डोटासरा ने कहा कि कोरोना वायरस के इस दौर में राज्य सरकार की ऑनलाइन एजुकेशन के लिए यह एक अनूठी पहल है.
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शिक्षा मंत्री का ट्वीट
इसको लेकर शिक्षा मंत्री ने एक ट्वीट भी किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन ऑफ इण्डिया और एजूकेशनल कंसलटेंटस इण्डिया लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है. जिसके तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम लगाने, प्रत्येक स्कूल के शिक्षकों को संचालन की ट्रेनिंग और कक्षा एक से 12 तक पाठ्यक्रम का ई-कन्टेन्ट उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही स्मार्ट क्लास रूम का समुचित उपयेाग हो सके, इसके लिए ऐसे विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई है.
क्या खास होगा स्मार्ट क्लास रूम में
स्मार्ट क्लास रूम में बच्चों के पढ़ाने के लिए ब्लैकबोर्ड की बजाय डिजिटल डिवाइस का प्रयोग किया जाएगा. साथ ही इंटरैक्टिव तकनीकों और मल्टीमीडिया सामग्रियों का उपयोग करके बच्चों का पढ़ाया जाएगा. प्रदेश में ऐसे 100 स्कूलों का चयन किया जा रहा है. जहां स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाएंगे.