सीकर. शहर की नवनिर्वाचित जिला प्रमुख गायत्री कंवर ने शुक्रवार शाम पद ग्रहण कर लिया. जिला परिषद के सीईओ जेपी बुनकर सहित सभी अधिकारियों ने उन्हें पद ग्रहण करवाया. पद संभालते ही उन्होंने कहा कि 5 साल में जिला परिषद में नए आयाम स्थापित होंगे.
नवनिर्वाचित जिला प्रमुख ने कहा कि इस बार जिला परिषद में महिलाओं के लिए खास प्लान बनेगा और महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा काम होंगे. उन्होंने कहा कि नारी शक्ति को आगे लाने का वे पूरा प्रयास करेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्होंने आज पद संभाला है और जल्द ही जिला परिषद की पूरी कामकाज को समझ कर आगे बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि इस बार 5 साल के कार्यकाल में जिला परिषद में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे. उनके इस पद ग्रहण समारोह में भाजपा नेता और किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरिराम रणवा पूर्व विधायक गोवर्धन वर्मा सहित कई भाजपा नेता भी मौजूद रहे. गायत्री कवर पूर्व विधायक और भाजपा के दिग्गज नेता प्रेम सिंह बाजोर की पुत्रवधू है. इस बार सीकर जिला परिषद में लगातार चौथी बार महिला जिला प्रमुख बनी है. उनसे पहले 2005 के चुनाव में मल्ली देवी, 2010 के चुनाव में रीटा सिंह और 2015 के चुनाव में अपर्णा रोलन जिला प्रमुख बनी थी.
भाजपा में गुटबाजी का कांग्रेस को मिला फायदा, प्रधान चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उपप्रधान के लिए भाजपा ने नहीं उतारा उम्मीदवार
वहीं फतेहपुर में पंचायत समिति के प्रधान के चुनाव में बाजी मारने के बाद कांग्रेस ने दूसरे दिन उपप्रधान चुनाव में भी जबरदस्त बाजी मारी है. प्रधान के चुनाव में अपने वोट नहीं संभाल पाने के बाद भाजपा ने उपप्रधान के चुनाव में अपना प्रत्याशी भी नहीं उतारा. नतीजा कांग्रेस की संजू कंवर निविर्रोध उपप्रधान चुनी गई. उपखण्ड अधिकारी प्रतिभा ने बताया कि कांग्रेस से चार प्रत्यासियो ने नाकं दाखिल किया. जिनमे से संजू कंवर को अधिकृत प्रत्यासी बनाया गया. जिसके कारण उनके नामांकन खारिज हो गए.
इससे पहले कांग्रेस की शांति देवी भाजपा से 9 वोट अधिक लेकर प्रधान बनी थी. परिणाम में कांग्रेस से अधिक सीटें लानी वाली भाजपा अपनी गुटबाजी के कारण अपने ही वोटों को नहीं बचा पाई. भाजपा के 11 सदस्य जीते थे, लेकिन प्रधान के चुनाव में भाजपा को 9 ही वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस विधायक हाकम अली खां अपनी रणनीति पूरी करने में कामयाब रहे. कांग्रेस के दस सदस्य ही जीते थे, जबकि प्रधान के लिए जरूरी बहुमत 14 का था.
पढ़ें- राजसमंद : अक्षय पात्र फाउंडेशन ने पूरे किए 20 वर्ष, अब तक 330 करोड़ मिड-डे मील्स परोसे
विधायक हाकम अली ने ना केवल कांग्रेसी सदस्यों को एक रखा, ब्लकि 8 अन्य वोट भी जुटाएं. यानि भाजपा के खेमें में भी सेंध लगा दी. प्रधान पद के लिए हुए मतदान के बाद आएं परिणाम में भाजपा को सिर्फ 9 ही वोट मिले. वहीं प्रधान के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ रही सुमित्रा को एक भी वोट नहीं मिला. खुद का वोट भी खुद को नहीं दिया. रिटर्निंग अधिकारी डॉ. प्रतिभा ने निविर्रोध निर्वाचित हुई संजू कंवर को प्रमाण पत्र सौंपा.