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सीकर : कलेक्टर के पास पहुंचे मनरेगा श्रमिक...काम बंद करने की चेतावनी - मनरेगा मजदूर ने सौंपा ज्ञापन

सीकर में पूरी मजदूरी नहीं मिलने से नाराज मनरेगा मजदूरों ने सोमवार को जिला कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया है कि वह लोग काम तो पूरा करते है, लेकिन उन्हें मजदूरी पूरी नहीं दी जाती है.

कलेक्टर के पास पहुंचे मनरेगा मजदूर, MNREGA laborers reached collector
मनरेगा मजदूर ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Aug 17, 2020, 4:17 PM IST

सीकर. जिले के कई गांव के मनरेगा मजदूरों ने सोमवार को जिला कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. इन मनरेगा मजदूरों का आरोप है कि उन्हें पूरी मजदूरी नहीं दी जा रही है.

मनरेगा मजदूर ने सौंपा ज्ञापन

जानकारी के मुताबिक जिले की धोद पंचायत समिति के अधीन आने वाले गांव सेवा फगलवा और आस-पास के मजदूर सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. इनका आरोप है कि मनरेगा में 220 मजदूरी निर्धारित है, लेकिन उन्हें पूरी मजदूरी किसी भी महीने नहीं मिल रही है. सरकार की ओर से जो काम निर्धारित किया गया है, वह काम यह हर दिन पूरा करते हैं.

पढ़ें- जस्टिस इंद्रजीत महांति की कोरोना रिपोर्ट मामला, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने RUHS से मांगा जवाब

इसके बाद भी मजदूरी नहीं मिलने की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ी हो रही है. कुछ मजदूरों ने तो यह भी कहा कि उन्हें इस महीने 50 से 40 प्रतिदिन तक की मजदूरी मिली है. उन्होंने कलेक्टर के साथ-साथ और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से भी मुलाकात की. मजदूरों का कहना है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो नरेगा में काम बंद कर देंगे.

सीकर. जिले के कई गांव के मनरेगा मजदूरों ने सोमवार को जिला कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. इन मनरेगा मजदूरों का आरोप है कि उन्हें पूरी मजदूरी नहीं दी जा रही है.

मनरेगा मजदूर ने सौंपा ज्ञापन

जानकारी के मुताबिक जिले की धोद पंचायत समिति के अधीन आने वाले गांव सेवा फगलवा और आस-पास के मजदूर सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. इनका आरोप है कि मनरेगा में 220 मजदूरी निर्धारित है, लेकिन उन्हें पूरी मजदूरी किसी भी महीने नहीं मिल रही है. सरकार की ओर से जो काम निर्धारित किया गया है, वह काम यह हर दिन पूरा करते हैं.

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इसके बाद भी मजदूरी नहीं मिलने की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ी हो रही है. कुछ मजदूरों ने तो यह भी कहा कि उन्हें इस महीने 50 से 40 प्रतिदिन तक की मजदूरी मिली है. उन्होंने कलेक्टर के साथ-साथ और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से भी मुलाकात की. मजदूरों का कहना है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो नरेगा में काम बंद कर देंगे.

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