सीकर. शुद्धता और स्वाद के लिए जानी जाने वाली शेखावाटी की प्रसिद्ध कैर सांगरी की सब्जी का जायका इस बार बिगड़ सकता है. खास तौर पर गर्मी के सीजन में बनाई जाने वाली अकेले कैर की सब्जी इस बार या तो थाली से गायब हो सकती है या फिर प्याज की तरह उसके भाव आसमान में जा सकते हैं.
स्वाद के कायल हैं लोग....
शेखावाटी और फतेहपुर बीड़ का कैर देशभर में प्रसिद्ध है. यहां का कैर अपने आप में एक अलग पहचान लिए हुए है. काफी बड़ा जंगल होने की वजह से यहां कैर के पेड़ भी हजारों की संख्या में हैं.
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यहां का कैर इसलिए भी ज्यादा अच्छा माना जाता है क्योंकि, यह तापमान ज्यादा रहने की वजह से ज्यादा तपता है. इसी वजह से गर्मी की शुरुआत में ही इसकी मांग बढ़ जाती है. लेकिन, इस बार तेज सर्दी के कारण इसका उत्पादन काफी कम रहेगा.
काफी दिनों तक तापमान माइनस में रहने और पाला पड़ने की वजह से कैर की काफी फसल बर्बाद हो गई है. अब अगर बसंत ऋतु में ये फिर से हरे भी होते हैं, तो भी इन पर फूल लगना संभव नहीं होगा. क्योंकि, हमेशा इनकी पुरानी टहनियों पर ही फूल आते हैं और उसके बाद सब्जी लगती है.
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सालों बाद देखने को मिली ऐसी स्थिति...
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो कई सालों बाद यह हालात बने हैं कि कैर और खेजड़ी के पेड़ जल गए हैं. सामान्य सर्दी में ये पेड़ नहीं जलते हैं लेकिन, इस बार अत्यधिक ठंड और पाले की वजह से इन्हें नुकसान पहुंचा है.