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सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से रहा है बाहरी सांसदों का दबदबा

सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से ही बाहरी सांसदों का दबदबा रहा है. 1952 के आम चुनाव में अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक ज्यादातर बाहरी निवासी ही सांसद बने हैं.

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Published : May 2, 2019, 7:08 PM IST

संदीप कुमार हुड्डा, संवाददाता, सीकर

सीकर. लोकसभा सीट सीकर पर हमेशा से ही बाहरी सांसदों का दबदबा रहा है. 1952 के आम चुनाव में अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक ज्यादातर बाहरी निवासी ही सांसद बने हैं. यहां तक कि मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. भाजपा ने एक बार फिर से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है.

जानकारी के मुताबिक सीकर लोकसभा सीट पर अब तक हुए 16 चुनाव में 12 व्यक्ति सांसद चुने गए हैं. इनमें सुभाष महरिया तीन बार, बलराम जाखड़ दो बार और रामेश्वर टांटिया दो बार सांसद रहे. इसके अलावा कोई भी सांसद दो बार नहीं जीत पाया है. 12 सांसदों में से 7 सांसद ऐसे थे, जो सीकर जिले के या सीकर संसदीय क्षेत्र के रहने वाले नहीं थे.

सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से रहा है बाहरी सांसदों का दबदबा

अब तक यह बाहरी बने सीकर सांसद
साल 1952 के आम चुनाव में बनारस के नंदलाल शर्मा सीकर से सांसद बने. इसके बाद 1957 और 1962 के चुनाव में सरदार शहर के रामेश्वर टांटिया यहां से सांसद चुने गए. 1980 में हनुमानगढ़ के कुंभाराम आर्य सीकर से सांसद चुने गए. 1984 और 1991 में पंजाब के फिरोजपुर के बलराम जाखड़ सीकर से सांसद बने. 1989 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल सांसद चुने गए. तो 1996 में झुंझुनूं के डॉ. हरिसिंह सीकर से सांसद बने. 2014 के चुनाव में हरियाणा के रहने वाले सुमेधानंद सरस्वती को सीकर से सांसद बनने का मौका मिला.

अब तक केवल यही स्थानीय बने सांसद
1967 में गोपाल साबू, 1971 में श्रीकृष्णन् मोदी और 1977 में जगदीश प्रसाद सीकर से सांसद चुने गए, जो सीकर जिले के ही रहने वाले थे. 1977 के चुनाव के बाद लगातार बाहरी निवासी ही सीकर सांसद बनते गए. इसके बाद साल 1996 में सुभाष महरिया सीकर से सांसद चुने गए, जो सीकर जिले के कूदन गांव के निवासी हैं. 1998 और 2004 के चुनाव में भी मेहरिया ही सीकर से सांसद बने. 2009 के चुनाव में महादेव सिंह खंडेला सीकर के सांसद बने. इस बार के चुनाव में बीजेपी के सुमेधानंद सरस्वती और कांग्रेस सुभाष महरिया के बीच मुकाबला है.

सीकर. लोकसभा सीट सीकर पर हमेशा से ही बाहरी सांसदों का दबदबा रहा है. 1952 के आम चुनाव में अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक ज्यादातर बाहरी निवासी ही सांसद बने हैं. यहां तक कि मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. भाजपा ने एक बार फिर से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है.

जानकारी के मुताबिक सीकर लोकसभा सीट पर अब तक हुए 16 चुनाव में 12 व्यक्ति सांसद चुने गए हैं. इनमें सुभाष महरिया तीन बार, बलराम जाखड़ दो बार और रामेश्वर टांटिया दो बार सांसद रहे. इसके अलावा कोई भी सांसद दो बार नहीं जीत पाया है. 12 सांसदों में से 7 सांसद ऐसे थे, जो सीकर जिले के या सीकर संसदीय क्षेत्र के रहने वाले नहीं थे.

सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से रहा है बाहरी सांसदों का दबदबा

अब तक यह बाहरी बने सीकर सांसद
साल 1952 के आम चुनाव में बनारस के नंदलाल शर्मा सीकर से सांसद बने. इसके बाद 1957 और 1962 के चुनाव में सरदार शहर के रामेश्वर टांटिया यहां से सांसद चुने गए. 1980 में हनुमानगढ़ के कुंभाराम आर्य सीकर से सांसद चुने गए. 1984 और 1991 में पंजाब के फिरोजपुर के बलराम जाखड़ सीकर से सांसद बने. 1989 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल सांसद चुने गए. तो 1996 में झुंझुनूं के डॉ. हरिसिंह सीकर से सांसद बने. 2014 के चुनाव में हरियाणा के रहने वाले सुमेधानंद सरस्वती को सीकर से सांसद बनने का मौका मिला.

अब तक केवल यही स्थानीय बने सांसद
1967 में गोपाल साबू, 1971 में श्रीकृष्णन् मोदी और 1977 में जगदीश प्रसाद सीकर से सांसद चुने गए, जो सीकर जिले के ही रहने वाले थे. 1977 के चुनाव के बाद लगातार बाहरी निवासी ही सीकर सांसद बनते गए. इसके बाद साल 1996 में सुभाष महरिया सीकर से सांसद चुने गए, जो सीकर जिले के कूदन गांव के निवासी हैं. 1998 और 2004 के चुनाव में भी मेहरिया ही सीकर से सांसद बने. 2009 के चुनाव में महादेव सिंह खंडेला सीकर के सांसद बने. इस बार के चुनाव में बीजेपी के सुमेधानंद सरस्वती और कांग्रेस सुभाष महरिया के बीच मुकाबला है.

Intro:प्रदेश की सीकर लोकसभा सीट पर हमेशा से बाहर सांसदों का दबदबा रहा है। 1952 के आम चुनाव में अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक ज्यादातर बाहर के लोग ही सांसद बने हैं। यहां तक कि मौजूदा सांसद भी मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं और एक बार फिर से भाजपा ने उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया है।


Body:जानकारी के मुताबिक सीकर लोकसभा सीट अब तक हुए 16 चुनाव में 12 लोग सांसद चुने गए हैं। इनमें सुभाष महरिया तीन बार बलराम जाखड़ दो बार और रामेश्वर टांटिया दो बार सांसद रहे इसके अलावा कोई भी सांसद दो कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। 12 सांसदों में से सात सांसद ऐसे थे जो सीकर जिले के या सीकर संसदीय क्षेत्र के रहने वाले नहीं थे। अब तक यह बाहरी लोग बने सीकर में सांसद 1952 के आम चुनाव में बनारस के नंदलाल शास्त्री सीकर में सांसद बने, इसके बाद 1957 और 62 के चुनाव में सरदार शहर के रामेश्वर टाटिया यहां से सांसद चुने गए। 1980 में हनुमानगढ़ के कुंभाराम आर्य सीकर से सांसद चुने गए इसके बाद 1984 में 1991 में पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले बलराम जाखड़ यहां से सांसद बने। 1989 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल सीकर से सांसद चुने गए तो 1996 में झुंझुनू के डॉक्टर हरिसिंह सीकर से सांसद बने। इसके बाद 2014 फिर से हरियाणा के रहने वाले सुमेधानंद सरस्वती को सीकर से सांसद बनने का मौका मिला। अब तक केवल यही लोग स्थानीय सांसद 1967 में गोपाल साहू को 1971 में श्री कृष्ण मोदी और 1977 में जगदीश प्रसाद सीकर से सांसद चुने गए जो सीकर जिले के ही रहने वाले थे। 1977 के चुनाव के बाद तो लगातार सीकर में बाहरी लोग सांसद बनते गए इसके बाद 1996 में सुभाष महरिया सीकर से सांसद चुने जो सीकर जिले के ही कूदन गांव के रहने वाले थे। 1998 और 2004 के चुनाव में भी मेहरिया ही यहां से सांसद बने और उनके बाद 2009 के चुनाव में महादेव सिंह खंडेला सीकर के सांसद बने। इस बार के चुनाव में मुकाबला सुमेधानंद सरस्वती और सुभाष महरिया के बीच है।


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