सीकर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा रविवार को अपने आवास पर मीडिया से रुबरु हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोरोना को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक मास्क नहीं पहनने पर लोगों से 36 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना वसूला जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी लोग गाइडलाइन की पालना करने के लिए तैयार नहीं हैं.
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इसलिए कुछ जगहों पर रात्रि कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है. इसके साथ-साथ मास्क नहीं पहनने का जुर्माना भी बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि अब शादियों का सीजन चल रहा है और इसके साथ-साथ चुनाव भी होने हैं. ऐसे में लोगों की जिम्मेदारी है कि ज्यादा सचेत रहें. काफी लोग तो यही सोचते रहते हैं कि कोरोना उन्हें नहीं होगा. इस तरह के लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी. सर्दी के मौसम में यह वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.
8 जिला मुख्यालयों पर लगेगा Night Curfew
- राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित आठ जिला मुख्यालयों जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर और भीलवाड़ा के नगरीय क्षेत्र में बाजार, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल और अन्य वाणिज्यिक संस्थान रात 7 बजे तक ही खुले रहेंगे.
- इन आठ जिला मुख्यालयों के नगरीय क्षेत्र में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक Night Curfew रहेगा. इस नाइट कर्फ्यू के दौरान विवाह समारोह में जाने वाले, दवाइयों सहित अतिआवश्यक सेवाओं से संबंधित लोगों तथा बस, ट्रेन और हवाई जहाज में सफर करने वालों को आवागमन के लिए Night Curfew के दौरान छूट रहेगा.
- कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के आठ जिलों जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर और भीलवाड़ा में जिला मुख्यालय स्थित नगरीय क्षेत्र में ऐसे राजकीय एवं निजी कार्यालयों व संस्थान जहां 100 से अधिक कार्मिक कार्यरत हैं, वहां कार्य दिवसों में कार्मिकों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी. इन संस्थानों और कार्यालयों में स्टॉफ को रोटेशन के आधार पर बुलाया जाएगा. ताकि किसी भी वर्किंग-डे पर 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित न हों.
- बैठक में तय किया गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश में विवाह समारोह सहित राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक इत्यादि आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या अधिकतम 100 होगी. राज्य सरकार के इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
- कोविड का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों में भी रोगी की मांग पर राजकीय कोविड चिकित्सालयों की तरह डे-केयर उपचार की अनुमति राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर होगी. डे-केयर उपचार के तहत कम गंभीर कोविड रोगियों को जरूरी दवाइयां एवं अन्य चिकित्सा उपलब्ध कराने के बाद दो-तीन घंटे के भीतर वापस घर भेजा जा सकेगा. डे-केयर सुविधा से अस्पतालों में भर्ती होने के लिए आने वाले गंभीर रोगियों को बिस्तर की उपलब्धता में आसानी रहेगी.
- निजी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े कुछ अस्पताल जरूरत पड़ने पर कोविड डेडिकेटड अस्पताल बनाने के लिए अधिगृहित करने हेतु सैद्धान्तिक सहमति दी गई. इसकी विस्तृत प्रक्रिया तय करने और कार्रवाई के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है. मेडिकल कॉलेज तृतीय वर्ष एवं चतुर्थ वर्ष के मेडिकल छात्रों की कक्षाएं शुरू कर सकेंगे. इन मेडिकल छात्रों को कोविड- 19 के लिए ड्यूटी पर भी लगाया जा सकेगा.
- प्रदेश के जिन कन्टेनमेंट क्षेत्रों में पॉजिटिव रोगी अधिक मिले हैं, वहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर विशेष सर्वे करवाया जाएगा और सर्विलांस टीमों को एक्टिव किया जाएगा. साथ ही लक्ष्य आधारित टेस्टिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे कि शुरूआती दौर में संक्रमण की पहचान होकर समय पर उपचार किया जा सके.