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सीकर में वन महोत्सव का आगाज, 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य

सीकर में बारिश के आगमन के साथ ही वन महोत्सव की शुरुआत हुई. जिले के रोसावा गांव में पहला वन महोत्सव मनाया गया, जहां 25 हेक्टर जमीन पर 15 सौ पौधे रोपकर इस महोत्सव की शुरुआत की गई.

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सीकर में वन महोत्सव का आगाज
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Published : Jul 5, 2020, 12:50 PM IST

सीकर. बरसात की शुरुआत के साथ ही सीकर जिले में वन महोत्सव का आगाज हुआ. रविवार को जिले के रोसावा गांव में पहला वन महोत्सव मनाया गया. यहां पर 25 हेक्टर जमीन पर 15 सौ पौधे रोपकर इस महोत्सव की शुरुआत की गई. इस दौरान ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की गई.

सीकर में वन महोत्सव का आगाज

गांव में आयोजित वन महोत्सव में डीएफओ भीमाराम चौधरी और स्थानीय विधायक हाकम अली खान बतौर अतिथि मौजूद रहे. इस मौके पर डीएफओ ने कहा कि इस बार जिले में वन विभाग का लक्ष्य है कि 5 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे और ग्यारह सौ हेक्टर जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से जिले की वन विभाग की सभी नर्सरी में लोगों को पौधे वितरण करने का काम भी शुरू कर दिया है. लोगों को 4 लाख 44 हजार पौधे वितरित किए जाएंगे, जो अपने खेत या अन्य जगहों पर लगा सकेंगे.

यह भी पढे़ं : अलवर : भिवाड़ी में 34 गोवंश कराए मुक्त, पुलिस को चकमा देकर फरार हुए तस्कर

इस दौरान विधायक हाकम अली ने कहा कि वन विभाग की ओर से जो पौधारोपण किया जा रहा है, उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी ग्रामीणों को लेनी होगी. जिससे पौधे सुरक्षित रह सकें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण आगे आकर इनकी रक्षा करेंगे. इस कार्यक्रम में रेंजर संदीप लॉयल, पूर्व सरपंच राम प्रसाद जांगिड़ और भाजपा नेता रतन महर्षि बतौर अतिथि मौजूद रहे.

वन महोत्सव का यह है इतिहास...

भारत में पर्यावरण को बचाने के लिए सन 1950 में देश के कृषि मंत्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने वन महोत्सव की शुरुआत की थी. जिसके बाद से हर साल जुलाई के पहले सप्ताह में पूरे देश में वन महोत्सव मनाया जाता है. इस दौरान स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी व प्राइवेट संस्थानों की ओर से पौधारोपण किया जाता है. साथ ही वनों की महत्ता के प्रति सामान्य लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं.

सीकर. बरसात की शुरुआत के साथ ही सीकर जिले में वन महोत्सव का आगाज हुआ. रविवार को जिले के रोसावा गांव में पहला वन महोत्सव मनाया गया. यहां पर 25 हेक्टर जमीन पर 15 सौ पौधे रोपकर इस महोत्सव की शुरुआत की गई. इस दौरान ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की गई.

सीकर में वन महोत्सव का आगाज

गांव में आयोजित वन महोत्सव में डीएफओ भीमाराम चौधरी और स्थानीय विधायक हाकम अली खान बतौर अतिथि मौजूद रहे. इस मौके पर डीएफओ ने कहा कि इस बार जिले में वन विभाग का लक्ष्य है कि 5 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे और ग्यारह सौ हेक्टर जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से जिले की वन विभाग की सभी नर्सरी में लोगों को पौधे वितरण करने का काम भी शुरू कर दिया है. लोगों को 4 लाख 44 हजार पौधे वितरित किए जाएंगे, जो अपने खेत या अन्य जगहों पर लगा सकेंगे.

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इस दौरान विधायक हाकम अली ने कहा कि वन विभाग की ओर से जो पौधारोपण किया जा रहा है, उसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी ग्रामीणों को लेनी होगी. जिससे पौधे सुरक्षित रह सकें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण आगे आकर इनकी रक्षा करेंगे. इस कार्यक्रम में रेंजर संदीप लॉयल, पूर्व सरपंच राम प्रसाद जांगिड़ और भाजपा नेता रतन महर्षि बतौर अतिथि मौजूद रहे.

वन महोत्सव का यह है इतिहास...

भारत में पर्यावरण को बचाने के लिए सन 1950 में देश के कृषि मंत्री कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने वन महोत्सव की शुरुआत की थी. जिसके बाद से हर साल जुलाई के पहले सप्ताह में पूरे देश में वन महोत्सव मनाया जाता है. इस दौरान स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी व प्राइवेट संस्थानों की ओर से पौधारोपण किया जाता है. साथ ही वनों की महत्ता के प्रति सामान्य लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं.

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