सीकर. पिछले मानसून सत्र में सीकर शहर में बनी बाढ़ की स्थिति इस बार दोबारा नहीं आए, इसको लेकर अभी से प्रशासन और जनप्रतिनिधि तैयारी में जुटे हैं. सीकर शहर में बरसात का पानी नानी बीड़ में जमा होता है. जिसे देखते हुए इस बार यहां की झील को ढाई गुना तक बढ़ाया गया है.
सीकर विधायक राजेंद्र पारीक, नगर परिषद के सभापति जीवन खान, अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश नारायण और डीएफओ भीमाराम चौधरी ने गुरुवार को नानी बीड़ का दौरा किया. साथ ही यहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया और बताया कि इस बार ढाई गुना तक भराव क्षेत्र को बढ़ाया गया है. जिससे बाढ़ की स्थिति नहीं बने.
विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा कि नगर परिषद की टीम ने लगातार काम कर रही है और कोशिश यह रहेगी कि इस बार सीकर शहर में ज्यादा देर तक बरसात का पानी जमा नहीं हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसमें 56 एकड़ में झील बनाई जा रही है. इस झील के चारों तरफ वन विभाग पौधारोपण कर रहा है और अगले मानसून सत्र तक यह झील विकसित हो जाएगी. उसके बाद पर्यटक यहां पर आ सकेंगे.
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नानी गांव के ग्रामीणों की समस्या पर अधिकारियों ने कहा कि गांव में कई बार गंदा पानी घुस जाता है. जिसके इस बार रोकने के प्रयास पहले से किए जा रहे हैं.
इसी महीने बने थे बाढ़ जैसे हालात
सीकर में जुलाई माह में पिछले साल भारी बारिश के कारण शहर में चारों तरफ पानी ही पानी हो गया. बारिश के कारण पानी में सीकर का रेलवे स्टेशन भी डूब गया था. वहीं कई गांव पानी से लबालब हो गए थे. वहीं बाढ़ के हालात होने के कारण तीन युवकों के बहने की खबर भी आई थी. साथ ही स्कूलों और कई संस्थानों की छुट्टी कर दी गई थी.