सीकर. जिला परिषद के साथ-साथ इस बार 12 पंचायत समितियों के लिए मतदान होना है. सीकर जिले की जिला प्रमुख का पद पिछले पांच साल तक बीजेपी के पास रहा है. पहले जिले में नौ पंचायत समितियां थीं. इस बार तीन पंचायत समितियां नई बनने से प्रधानों की संख्या भी बढ़ेगी. सीकर जिला परिषद में पिछली बार की तरह इस बार भी 39 वार्ड ही हैं.
अगर पिछले कुछ साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां कांग्रेस और बीजेपी में ही सीधी टक्कर हुई है. लेकिन माकपा भी पीछे नहीं रही है और हर बार कुछ वार्ड जीते हैं. कई जगह अच्छे वोट लिए हैं. पंचायत चुनाव में सभी की जीत के अपने-अपने दावे हैं.
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कृषि कानूनों को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस
सीकर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीएस जाट का कहना है कि इस बार के पंचायत चुनाव में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को बड़ा मुद्दा बनाएंगे. साथ ही किसानों से अपील करेंगे कि बीजेपी को हराया जाए. राज्य सरकार की उपलब्धियों के सवाल पर उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने आमजन को राहत देने वाले फैसले किए हैं. कोरोना काल में हमारी सरकार ने अच्छा काम किया है. लेकिन कांग्रेस मुख्यतौर पर किसान कानूनों को मुद्दा बनाने वाली है.
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गहलोत सरकार की विफलताओं को आमजन तक पहुंचाएगी बीजेपी...
बीजेपी जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी का कहना है कि पंचायत चुनाव में जनता कांग्रेस को पूरी तरह नकार देगी. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में सरकार ने एक भी अच्छा काम नहीं किया है. इस वजह से जनता कांग्रेस को सबक सिखाने वाली है. बीजेपी पंचायत चुनाव में हर वोटर तक सरकार की नाकामियों को पहुंचाएगी.
बीजेपी-कांग्रेस दोनों की लूट का जनता जवाब देगी : माकपा
माकपा नेता और पूर्व विधायक कामरेड अमराराम का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की गहलोत सरकार दोनों ने किसानों को लूटने का काम किया है. केंद्र ने तीन कानून ऐसे बनाए हैं, जो किसानों की कमर तोड़ने वाले हैं. राज्य सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है. इन दोनों पार्टियों को जनता पंचायत चुनाव में सबक सिखाएगी.
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आपको बता दें कि सीकर जिला परिषद में पिछले चुनाव में भी 39 वार्ड थे. इनमें से बीजेपी ने 23 वार्डों में जीत हासिल की थी और बीजेपी की अपर्णा रोलन जिला प्रमुख बनी थीं. इसके अलावा कांग्रेस ने 11, माकपा ने चार और निर्दलीय ने एक वार्ड में जीत दर्ज की थी. सीकर जिला परिषद में कांग्रेस ने 3 लाख 60 हजार 26 वोट हासिल किए थे. वहीं बीजेपी को 3 लाख 82 हजार 827 वोट मिले थे. माकपा ने दोनों दलों को चुनौती दी थी और 75 हजार 904 वोट हासिल किए थे.
सीकर जिले में पिछली बार नौ पंचायत समितियां थीं, जिनमें से पांच में कांग्रेस ने प्रधान बनाए थे. नीमकाथाना, लक्ष्मणगढ़, धोद, पिपराली और श्रीमाधोपुर में कांग्रेस के प्रधान बने थे. वहीं पाटन, खंडेला, फतेहपुर और दांतारामगढ़ में बीजेपी के प्रधान बने थे. वहीं इस बार अजीतगढ़, नेछवा और पलसाना नई पंचायत समिति बनी है.