ETV Bharat / city

Special: प्रदेश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन सीकर में...फिर भी घाटे में किसान - onion price in rajasthan

प्याज के भाव में उतार-चढ़ाव हमेशा सुर्खियों में रहता है, क्योंकि बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा इसके दामों की ही रहती है. हमेशा से प्याज के भाव सरकार में विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा रहा है. सभी की आंखों में आंसू लाने वाली प्याज के दाम के साथ-साथ अब उसकी क्वालिटी की चर्चा भी ज्यादा हो रही है. सीकर जिला प्रदेश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक जिला है. सबसे बड़ा प्याज उत्पादक जिला होने के बाद भी यहां न तो किसानों को ज्यादा फायदा मिल पाता है और ना ही उपभोक्ताओं को. देखिये ये रिपोर्ट...

onion price in rajasthan,  onion cultivation in sikar
सबसे अधिक प्याज का उत्पादन करने वाले सीकर में किसानों को भारी घाटा
author img

By

Published : Sep 2, 2020, 12:56 PM IST

सीकर. प्याज का तड़का लगते ही सब्जी का स्वाद बदल जाता है. प्याज चाहे कितना भी लोगों को रूला ले, लेकिन इसकी डिमांड हमेशा ही मार्केट में बनी रहती है. यह प्याज, खाने वालों को तो रूला ही रही है. साथ ही अब इसे उगाने वालों की आंखों में भी आंसू हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आम आदमी को प्याज चाहे कितने भी ज्यादा दाम में मिलती हो, लेकिन इसका उत्पादन करने वाले किसानों को इसकी सही कीमत नहीं मिल पाती है.

सबसे अधिक प्याज का उत्पादन करने वाले सीकर में किसानों को भारी घाटा

सीकर जिले की बात करें तो यहां प्रदेश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन होता है, लेकिन यहां का प्याज जब बाजार में आता है, तो इसका भाव बहुत कम हो जाता है. जिले में प्याज फरवरी-मार्च महीने में बाजार में आता है. उस वक्त किसानों को 2 से 5 रुपए किलो में प्याज बेचना पड़ता है, क्योंकि थोक में यही भाव किसानों को मिल पाता है.

मंगवाई जा रही हल्की क्वालिटी की प्याज...

वहीं इस समय जिले में जो प्याज आता है, वह महाराष्ट्र से आता है. महाराष्ट्र से आने वाला प्याज भी इस साल फिलहाल 8 से 10 रुपए किलो थोक के भाव बिक रहा है, जबकि पिछले साल इस महीने में महाराष्ट्र का प्याज 20 रुपए किलो तक बिक रहा था. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बाजार में प्याज की खपत काफी कम हो रही है. पहले ट्रांसपोर्ट कम होने के कारण प्याज के भाव कुछ ऊपर गए थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. इस वजह से यहां के व्यापारियों ने हल्की क्वालिटी का प्याज मंगवाना शुरू कर दिया है.

onion price in rajasthan,  onion cultivation in sikar
सीकर के किसानों को प्याज के नहीं मिलते उचित दाम

यह भी पढ़ें : SPECIAL: Corona से बीच मझदार में अटकी व्यापारियों की नाव, इनकी सुनो सरकार

सीकर मंडी में अब महाराष्ट्र से दो नंबर का प्याज आ रहा है यानी कि अच्छी क्वालिटी का प्याज यहां नहीं पहुंच रहा. व्यापारियों का कहना है कि बाजार में खपत कम होने के चलते दो नंबर क्वालिटी का प्याज मंगवाते हैं.

स्टोरेज यूनिट बने तो मिले किसानों को फायदा...

सीकर भले ही सबसे बड़ा प्याज उत्पादक जिला है, लेकिन यहां के किसानों को इसके उचित दाम नहीं मिल पाते हैं, क्योंकि किसानों के पास स्टोरेज यूनिट नहीं है. ऐसे में उन्हें उत्पादन के बाद ही प्याज को बेचना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर प्याज के खराब होने का डर किसानों को रहता है. राज्य सरकार ने कई बार स्टोरेज यूनिट बनाने की घोषणा की है, लेकिन सालों बीत गए यह यूनिट जिले में नहीं लग पाई.

onion price in rajasthan,  onion cultivation in sikar
व्यापारी मंगवा रहे हल्की क्वालिटी के प्याज...

प्याज मंडी भी नहीं हुई शुरू...

जिले के रसीदपुरा गांव में प्याज मंडी बनाई गई है, लेकिन अभी तक यह मंडी शुरू नहीं हो पाई है. जबकि लंबे समय से किसान इसको लेकर आंदोलन कर रहे थे. सीकर से माकपा के पूर्व विधायक और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड अमराराम का कहना है कि मैं तो राज्य सरकार केंद्र को समय पर प्रस्ताव देती है और उन्हें केंद्र सरकार समय पर किसानों की बात सुनती है. उनका कहना है कि जब तक सरकार बाजार समिति के जरिए खरीद नहीं करेगी, तब तक किसानों को फायदा नहीं मिलेगा.

सीकर. प्याज का तड़का लगते ही सब्जी का स्वाद बदल जाता है. प्याज चाहे कितना भी लोगों को रूला ले, लेकिन इसकी डिमांड हमेशा ही मार्केट में बनी रहती है. यह प्याज, खाने वालों को तो रूला ही रही है. साथ ही अब इसे उगाने वालों की आंखों में भी आंसू हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आम आदमी को प्याज चाहे कितने भी ज्यादा दाम में मिलती हो, लेकिन इसका उत्पादन करने वाले किसानों को इसकी सही कीमत नहीं मिल पाती है.

सबसे अधिक प्याज का उत्पादन करने वाले सीकर में किसानों को भारी घाटा

सीकर जिले की बात करें तो यहां प्रदेश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन होता है, लेकिन यहां का प्याज जब बाजार में आता है, तो इसका भाव बहुत कम हो जाता है. जिले में प्याज फरवरी-मार्च महीने में बाजार में आता है. उस वक्त किसानों को 2 से 5 रुपए किलो में प्याज बेचना पड़ता है, क्योंकि थोक में यही भाव किसानों को मिल पाता है.

मंगवाई जा रही हल्की क्वालिटी की प्याज...

वहीं इस समय जिले में जो प्याज आता है, वह महाराष्ट्र से आता है. महाराष्ट्र से आने वाला प्याज भी इस साल फिलहाल 8 से 10 रुपए किलो थोक के भाव बिक रहा है, जबकि पिछले साल इस महीने में महाराष्ट्र का प्याज 20 रुपए किलो तक बिक रहा था. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बाजार में प्याज की खपत काफी कम हो रही है. पहले ट्रांसपोर्ट कम होने के कारण प्याज के भाव कुछ ऊपर गए थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. इस वजह से यहां के व्यापारियों ने हल्की क्वालिटी का प्याज मंगवाना शुरू कर दिया है.

onion price in rajasthan,  onion cultivation in sikar
सीकर के किसानों को प्याज के नहीं मिलते उचित दाम

यह भी पढ़ें : SPECIAL: Corona से बीच मझदार में अटकी व्यापारियों की नाव, इनकी सुनो सरकार

सीकर मंडी में अब महाराष्ट्र से दो नंबर का प्याज आ रहा है यानी कि अच्छी क्वालिटी का प्याज यहां नहीं पहुंच रहा. व्यापारियों का कहना है कि बाजार में खपत कम होने के चलते दो नंबर क्वालिटी का प्याज मंगवाते हैं.

स्टोरेज यूनिट बने तो मिले किसानों को फायदा...

सीकर भले ही सबसे बड़ा प्याज उत्पादक जिला है, लेकिन यहां के किसानों को इसके उचित दाम नहीं मिल पाते हैं, क्योंकि किसानों के पास स्टोरेज यूनिट नहीं है. ऐसे में उन्हें उत्पादन के बाद ही प्याज को बेचना पड़ता है. ऐसा नहीं करने पर प्याज के खराब होने का डर किसानों को रहता है. राज्य सरकार ने कई बार स्टोरेज यूनिट बनाने की घोषणा की है, लेकिन सालों बीत गए यह यूनिट जिले में नहीं लग पाई.

onion price in rajasthan,  onion cultivation in sikar
व्यापारी मंगवा रहे हल्की क्वालिटी के प्याज...

प्याज मंडी भी नहीं हुई शुरू...

जिले के रसीदपुरा गांव में प्याज मंडी बनाई गई है, लेकिन अभी तक यह मंडी शुरू नहीं हो पाई है. जबकि लंबे समय से किसान इसको लेकर आंदोलन कर रहे थे. सीकर से माकपा के पूर्व विधायक और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड अमराराम का कहना है कि मैं तो राज्य सरकार केंद्र को समय पर प्रस्ताव देती है और उन्हें केंद्र सरकार समय पर किसानों की बात सुनती है. उनका कहना है कि जब तक सरकार बाजार समिति के जरिए खरीद नहीं करेगी, तब तक किसानों को फायदा नहीं मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.