ETV Bharat / city

नागौर में गर्मियों के सीजन पानी की समस्या से निपटने के लिए जलदाय विभाग तैयार - गर्मी के मौसम पानी की समस्या

इंदिरा गांधी नहर बंदी के बाद नागौर जलदाय विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है. आमजन को गर्मी के मौसम पर्याप्त जलापूर्ति मिल सके, इसको लेकर जलदाय विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. गर्मी में जल आपूर्ति के लिए कंटीन्जेसी प्लान को पीएचईडी नागौर ने अंतिम रूप दे दिया है.

Nagaur news, water problem in summer season
नागौर में गर्मियों के सीजन पानी की समस्या से निपटने के लिए जलदाय विभाग तैयार
author img

By

Published : Mar 10, 2021, 1:47 PM IST

नागौर. जिले में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए ढाणियों में भी टैंकरों से भी जलापूर्ति की जाएंगी. गर्मियों में पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए विभाग में किराए पर आगामी 31 मार्च तक के लिए एक अप्रेल से 31 अगस्त तक के लिए अतिरिक्त वाहनों के उपयोग की भी स्वीकृति जारी की गई है. विभाग में स्वीकृत इन वाहनों का उपयोग हैंडपम्प मरम्मत अभियान और समर कंटीजेंसी कार्यों के साथ पेयजल परियोजनाओं तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों की निगरानी के लिए भी की जाएंगी. यानि जहां पेयजल संकट के गंभीर हालात होंगे, वहां कलेक्टर कंटीजेंसी में पेयजल टैंकर, पाइपलाइन और अन्य काम करवा सकेंगे.

नागौर में गर्मियों के सीजन पानी की समस्या से निपटने के लिए जलदाय विभाग तैयार

पेयजल सप्लाई की मॉनिटरिंग के लिए अतिरिक्त वाहन दिए गए हैं. मानिटरिंग जलदाय विभाग के जिला एवं ब्लाॅक स्तर के अधिकारी ताे करेंगे ही, लेकिन जिला प्रशासन भी अपने स्तर पर मानिटरिंग अलग से करेगा. भीषण गर्मी के चलते मई माह में सबसे ज्यादा वाटर लेवल डाउन हो जाता है. पेयजल को लेकर सबसे ज्यादा हालात भी इसी महीने में बिगड़ते हैं. इसकी तैयारी को लेकर जलदाय विभाग ने जिले में पेयजल की समस्या से ग्रस्त संभावित गांव और ढाणियों को चिन्हित कर टैंकरों से पेयजलापर्ति के लिए अलग से प्लान तैयार कर स्वीकृति के लिए भिजवा दिया है. इस प्लान को जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी. पेयजल व्यवस्था के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. पेयजल संकट से ग्रस्त संभावित गांव और ढाणियों में मार्च माह से जैसे-जैसे समस्या आएगी, वैसे ही पेयजल आपूर्ति शुरू की जाएगी.

नागौर जिले में 44वें हैण्डपम्प अभियान के तहत शहरी क्षैत्र मे 100 और 4154 में से 100 हैंडपम्प वर्तमान जल स्तर नीचे जाने के चलते सूखे पाए गए हैं. जिले में आरओ प्लांट 522 स्वीकृत किए गए थे, अभी दस कार्य प्रगतिशील है. नागौर, मेडता, मकराना डीडवाना और कूचामन में 3514 जलाशयों मे 100 के करीब सफाई अभियान जलाशयों का जारी है. नागौर जिले मे 171 नलकूप की मरम्मत की प्रगति रिपार्ट मे कूल 117 खराब पाए हैं, जिनमें 62 को मरम्मत करके चालू किया गया है. 55 की स्थिति खराब नलकूपों पाए गए हैं.

यह भी पढ़ें- HC ने रिश्वत मामले में निलंबित तत्कालीन बारां कलेक्टर इन्द्रसिंह राव की जमानत याचिका की खारिज

जिले में 198 नए हैंडपम्प स्वीकृति पर वर्तमान मे 104 का कार्य जारी है. जिले में सिंगल फेस बोरवैल नागौर जायल खीवसर, मेडता, डेगाना मकराना, परबतसर नांवा लाडनू डीडवाना में कूल 63 स्वीकृत किए गए थे. वर्तमान में 27 की स्वीकृति पैडिग है. विधायकों द्वारा 25 लाख के ग्रीष्म 2020 में आकस्मिक कार्य करने के लिए 37 कार्य के प्रस्ताव पर 16 कार्य पुरे हो चुके हैं. वर्तमान में 12 प्रगतिरत और 9 पैडिग है. नागौर जिलें में 12 शहरी योजनाएं और 1173 ग्रामीण योजनाए संचालित है, जिसमें 1575 शुद्ध पेयजल व्यवस्था से जुड़े हुए हैं.

नागौर. जिले में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए ढाणियों में भी टैंकरों से भी जलापूर्ति की जाएंगी. गर्मियों में पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए विभाग में किराए पर आगामी 31 मार्च तक के लिए एक अप्रेल से 31 अगस्त तक के लिए अतिरिक्त वाहनों के उपयोग की भी स्वीकृति जारी की गई है. विभाग में स्वीकृत इन वाहनों का उपयोग हैंडपम्प मरम्मत अभियान और समर कंटीजेंसी कार्यों के साथ पेयजल परियोजनाओं तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों की निगरानी के लिए भी की जाएंगी. यानि जहां पेयजल संकट के गंभीर हालात होंगे, वहां कलेक्टर कंटीजेंसी में पेयजल टैंकर, पाइपलाइन और अन्य काम करवा सकेंगे.

नागौर में गर्मियों के सीजन पानी की समस्या से निपटने के लिए जलदाय विभाग तैयार

पेयजल सप्लाई की मॉनिटरिंग के लिए अतिरिक्त वाहन दिए गए हैं. मानिटरिंग जलदाय विभाग के जिला एवं ब्लाॅक स्तर के अधिकारी ताे करेंगे ही, लेकिन जिला प्रशासन भी अपने स्तर पर मानिटरिंग अलग से करेगा. भीषण गर्मी के चलते मई माह में सबसे ज्यादा वाटर लेवल डाउन हो जाता है. पेयजल को लेकर सबसे ज्यादा हालात भी इसी महीने में बिगड़ते हैं. इसकी तैयारी को लेकर जलदाय विभाग ने जिले में पेयजल की समस्या से ग्रस्त संभावित गांव और ढाणियों को चिन्हित कर टैंकरों से पेयजलापर्ति के लिए अलग से प्लान तैयार कर स्वीकृति के लिए भिजवा दिया है. इस प्लान को जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी. पेयजल व्यवस्था के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. पेयजल संकट से ग्रस्त संभावित गांव और ढाणियों में मार्च माह से जैसे-जैसे समस्या आएगी, वैसे ही पेयजल आपूर्ति शुरू की जाएगी.

नागौर जिले में 44वें हैण्डपम्प अभियान के तहत शहरी क्षैत्र मे 100 और 4154 में से 100 हैंडपम्प वर्तमान जल स्तर नीचे जाने के चलते सूखे पाए गए हैं. जिले में आरओ प्लांट 522 स्वीकृत किए गए थे, अभी दस कार्य प्रगतिशील है. नागौर, मेडता, मकराना डीडवाना और कूचामन में 3514 जलाशयों मे 100 के करीब सफाई अभियान जलाशयों का जारी है. नागौर जिले मे 171 नलकूप की मरम्मत की प्रगति रिपार्ट मे कूल 117 खराब पाए हैं, जिनमें 62 को मरम्मत करके चालू किया गया है. 55 की स्थिति खराब नलकूपों पाए गए हैं.

यह भी पढ़ें- HC ने रिश्वत मामले में निलंबित तत्कालीन बारां कलेक्टर इन्द्रसिंह राव की जमानत याचिका की खारिज

जिले में 198 नए हैंडपम्प स्वीकृति पर वर्तमान मे 104 का कार्य जारी है. जिले में सिंगल फेस बोरवैल नागौर जायल खीवसर, मेडता, डेगाना मकराना, परबतसर नांवा लाडनू डीडवाना में कूल 63 स्वीकृत किए गए थे. वर्तमान में 27 की स्वीकृति पैडिग है. विधायकों द्वारा 25 लाख के ग्रीष्म 2020 में आकस्मिक कार्य करने के लिए 37 कार्य के प्रस्ताव पर 16 कार्य पुरे हो चुके हैं. वर्तमान में 12 प्रगतिरत और 9 पैडिग है. नागौर जिलें में 12 शहरी योजनाएं और 1173 ग्रामीण योजनाए संचालित है, जिसमें 1575 शुद्ध पेयजल व्यवस्था से जुड़े हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.