नागौर. तहसील के गांव चोगा बास में तहसीलदार सुभाष चंद्र चौधरी और उनकी राजस्व टीम ने पुलिस की सहायता से करीब 40 साल से बंद खेतों की ओर जाने वाला रास्ता खुलवाया. करीब 700 मीटर लंबे इस रास्ते के खुलने से 25 से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं. जिन्हें अपने खेत-ढाणी तक लंबी दूरी तय करके नहीं जाना पड़ेगा.
ठीक इसी प्रकार जिले की जायल तहसील के गांव दातिणा में खेतों से जाने वाले करीब 3 किलोमीटर लंबे रास्ते में जगह-जगह हुए अतिक्रमण को हटाया गया. नायब तहसीलदार पाबूराम और उनकी राजस्व टीम ने किसानों से समझाइश करते हुए इस रास्ते को सुगम बनाया.
वहीं, खेतों की राह को आसान बनाने वाले करीब 3 किलोमीटर इस रास्ते से दातीणा गांव से सिलारिया की ओर जाने वाला रास्ता भी छोटा हो गया है. नायब तहसीलदार पाबूराम ने बताया कि इस रास्ते संबंधी प्रकरण का निस्तारण होने से 200 से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं. यहां बिटिया गौरव पट्टिका भी लगाई गई, यह तो महज उदाहरण है.
वहीं, जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे रास्ता खोलो अभियान के तहत शुक्रवार को जिले भर में रास्ते संबंधी 40 प्रकरणों का निस्तारण कर सैंकड़ों किसान परिवारों को लाभान्वित किया गया. किसान को उसके खेत में जाने का सुगम रास्ता मिल जाए और वो भी आपसी समझाइश से.
जिले में हर शुक्रवार को रास्ता खोलो अभियान के तहत कई सालों से बंद पड़े रास्ते संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार और उनकी टीम ने पुलिस और ग्रामीणों के सहयोग से रास्ते खुलवाए और किसानों को राहत प्रदान की.
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अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि अभियान के तहत बेटी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की संकल्पना को साकार करने के लिए जहां खेतों की ओर जाने वाले बंद रास्ते खुलवाए गए, वहां बिटिया गौरव पट्टिका लगाई गई, जिन पर इस साल की मेधावी बेटियों के नाम अंकित किए गए हैं.
इन बिटिया गौरव पट्टिका पर हर साल गांव में अच्छा कार्य करने वाली और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली मेधावी बेटियों के नाम बदलकर लिखे जाएंगे ताकि हर बेटी गौरवान्वित महसूस कर सके और प्रेरणा लें. रास्ता खोलो अभियान के तहत नागौर जिले में शुक्रवार 19 मार्च को रास्ते संबंधी 40 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.