नागौर. शहर में घर-घर औषधि योजना अन्तर्गत वन विभाग की ओर से 25,35,600 औषधीय पौधे, 2,88,135 परिवारों को निःशुल्क वितरित किया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से साल 2021-22 में की गई बजट घोषणा के तहत तुलसी, अश्व गंधा, गिलोय और कालमेघ के औषधिय पौधे घर-घर औषधीय योजनान्तर्गत निःशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी.
नागौर वन विभाग के उप वन संरक्षक ज्ञानचन्द मकवाना ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत वन विभाग नागौर की ओर से औषधिय गुण वाले पौधे विभिन्न नर्सरियों में तैयार किए जा रहे है. इस योजना के अन्तर्गत वन विभाग की ओर से अगले पांच साल में विभिन्न चरणों में प्रत्येक परिवार को तीन बार पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगें.
प्रथम चरण में इस वर्षकुल 25,35,600 औषधीय पौधे, 2,88,135 परिवारों को निःशुल्क वितरित किए जाएंगें. प्रत्येक परिवार को दो-दो पौधे अश्वगंधा, गिलोय, कालमेघ और तुलसी के वितरित किए जाएंगें. वन विभाग की ओर से पौधें तैयार करने हेतु कुल 10 नर्सरियों में पौधे तैयारी बाबत कार्य आवंटन किया जाकर पौधे तैयारी के कार्य प्रगति पर है. कोरोना महामारी से बचाव और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढा़ने हेतु औषधीय पौधों का काढ़े के रूप में उपयोग किया जा सकता है.
औषधीय पौधों के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत किया जा सकता है. इस वर्ष वन महोत्सव की थीम भी घर-घर औषधिय योजना रहेगी. इस योजना का क्रियान्वयन जिला कलेक्टर के अध्यक्षता मे जिला स्तर पर टास्क फोर्स बनाकर किया जाएगा. इस योजना को क्रियान्वित करने हेतु आयुर्वेद विभाग, पशुपालन विभाग, पर्यावरण विभाग, कृषि विभाग, स्वायत शासन विभाग एवं शिक्षा विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा.
उन्होंने इन औषधिय पौधों के फायदे बताते हुए कहा कि गिलोय- मधुमेह, खांसी, निमोनिया, चर्मरोग, बुखार के इलाज के लिए लाभदायक है. कालमेघ-पेटरोग, पिलिया, लिवर बीमारी में लाभदायक है. अश्वगंधा- दमा, खांसी और ह्रदय से जुडी तकलीफ, शारीरिक कमजोरी में बहुत ही गुणकारी है. वहीं तुलसी- जुखाम, बुखार, टायफाईड, मलेरिया, डेंगू बीमारियों में अतिलाभदायक है.