नागौर. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के पदाधिकारियों ने बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला. मार्च के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और वित्त सचिव के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
इस दौरान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष लोमरोड ने बताया कि शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं, नागौर जिले को नया मुकाम देने में लगे हैं. लेकिन, तुगलकी फरमान से शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सरकार को उत्पीड़ित शिक्षकों को संबल प्रदान करने का अपना वादा भी भूल गई.
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जिलाध्यक्ष अर्जुन राम लोमरोड ने बताया कि ज्ञापन में केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने, शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्य से मुक्त करने, अन्नपूर्णा योजना का पैसा समय पर भिजवाने और ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के आदेश को तुरंत रद्द करवाने की मांग की गई साथ ही, 5 फीसदी महंगाई भत्ता देने सहित अन्य समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.
सभी इस बात से खासे नाराज नजर आए कि सरकार ने स्कूलों में उपस्थिति के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. शिक्षकों का कहना है कि अधूरी तैयारियों के साथ शाला दर्पण पर ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश दिए गए. दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में बिजली सहित मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिलता, ऐसे में शिक्षकों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है.
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शिक्षकों ने स्कूलों में विद्युत आपूर्ति सहित इंटरनेट की व्यवस्था करवाने के बाद व्यवस्था सुचारू करने और केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार भी 5 फीसदी बकाया डीए राशि का भुगतान करने की मांग की गई है. बता दें कि राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 16 जनवरी से स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति शाला दर्पण पर अपलोड करने के आदेश दिए, जिससे शिक्षकों में आक्रोश है.