नागौर. तकनीक के इस दौर में अपराधी भी हाईटेक होते जा रहे हैं. ऐसे में राजस्थान पुलिस भी नई व्यूह रचना के साथ अपराधियों से मुकाबले की तैयारी में जुट गई है. इसी सिलसिले में नागौर जिले के कुचामन सिटी के उपाधीक्षक कार्यालय में एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने गुरुवार को नागौर और सीकर जिले के साथ जयपुर कमिश्नरेट, एटीएस और एसओजी के अधिकारियों की एक बैठक ली.
बैठक में प्रदेश के अलग अलग क्षेत्र में हो रहे अपराधों की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई. मीडिया से रूबरू हुए एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि संगठित अपराध को रोकने के साथ-साथ प्रदेश में पुलिस नेटवर्क और सूचना तंत्र को मजबूत करने के मकसद के साथ बैठक में योजना बनाई गई है.
गौरतलब है कि गैंगस्टर आनंदपाल की मौत के बाद उसके बिखर चुके गिरोह को आनंदपाल की करीबी रही अनुराधा फिर से सक्रिय करने में जुटी है. कुछ समय पहले कुचामन सिटी में भी अनुराधा के इशारे पर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया था.
एडीजी राठौड़ ने कहा कि अब नागौर जिले सहित प्रदेश में आनंदपाल गिरोह को फिर से संगठित नही होने दिया जाएगा और लेडी डॉन अनुराधा भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में होगी. उन्होंने कहा कि डीएसटी और एसओजी टीमों के कार्यों के परिणाम धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में सामने आने लगे हैं. जेलों में बंद अपराधी अगर बाहर के अपराधियों से संपर्क कर कुछ अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का प्रयास करते है तो स्थानीय पुलिस अपने सूचना तंत्र के माध्यम से ऐसे अपराधों को रोकने की दिशा में काम कर रही है.
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बदलते समय में अपराध के तरीकों में भी बदलाव आया है. ऐसे में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है जिसे लेकर भी पुलिस की ओर से विशेष ट्रेनिंग देकर ऐसे मामलों से निपटने का प्रयास किया जा रहा है.