नागौर. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने और अनाज भंडारण में किए गए प्रावधान को खत्म करने की मांग को लेकर आरएलपी ने ट्रैक्टर रैली निकाली और जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया.
खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मानसर चौराहे से किसानों की ट्रैक्टर रैली शुरू होकर मूंडवा तिराहे, वल्लभ चौराहे, दरगाह रोड होकर कलेक्ट्रेट पहुंची. इस दौरान बड़ी संख्या में किसानों ने नारेबाजी कर केंद्र सरकार के तीनों कृषि बिलों का जमकर विरोध जताया. इस दौरान नारायण बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के निर्देशानुसार आज कृषि बिलों के विरोध में आरएलपी पार्टी किसानों के बीच में जाकर सरकार के इन कनूनों का विरोध जता रही है.
पारित कृषि विधेयक को कृषि विरोधी काला कानून करार देते हुए अन्नदाता किसानों के उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने की साजिश बताया. केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि यदि कृषि उपज विपणन समिति या किसान बाजार खत्म होने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कैसे सुनिश्चित किया जाएगा. कानून में इसके संबंध में कोई गारंटी नहीं दी गई है. उक्त कानून के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के मनमानी रवैया के चलते हुए आज किसान सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि आरएलपी पार्टी जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी. इसके साथ ही किसानों के साथ मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ेगी. केन्द्र सरकार ने 3 कानूनों के माध्यम से गरीबों, मजदूरों व किसानों के हक छीने हैं.