नागौर. एक तरफ जहां महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिए जाने और उन्हें सशक्त करने के दावे तो किए जाते हैं. लेकिन वास्तविक धरातल पर स्थिति इसके विपरीत है. महिलाओं पर होने वाले अपराधों के आंकड़े यही बयां कर रहे हैं. नागौर के थानों में दर्ज हुए मामलों पर समय पर न्याय नहीं मिलने के कारण परिवादी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.
यह इसलिए भी वास्तविक है, क्योंकि यहां महिलाओं को सशक्त करने के प्रयास कागजों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. नागौर के मूंडवा तहसील की बासनी खलील की रहने वाली विधवा महिला ने पांच माह पहले अपने पड़ोसी से जमीन विवाद मे गाली-गलौज और धमकाने को लेकर शिकायत दर्ज कराने के बाद न्याय नहीं मिलने के चलते दूसरी बार जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रही है. वहीं जिले के रोल थाना इलाके की छात्रा ने अप्रैल माह में छेड़छाड़ का मुकदमा एक युवक पर दर्ज करवाया था. रोल थाना पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश हुए तो उन्होंने संबंधित थाना पुलिस को ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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नागौर के सुरपालिया थाना इलाके के डेह गांव में विधवा और उसके पुत्र के साथ मारपीट के मामले में कलेक्टर से लेकर जिला पुलिस अधीक्षक तक न्याय की गुहार लगाने के बाद भी सुरपालिया थाना पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी. आखिरकार SP श्वेता धनखड़ ने मामले में उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रतिदिन हो रही जनसुनवाई मे दहेज प्रताड़ना से जुड़े प्रकरण और हत्या के मामले हों या फिर बलात्कार या अपहरण के दर्ज मुकदमों में इंसाफ के लिए पुलिस की चौखट पर परिवादी न्याय मांग रहे हैं. SP श्वेता धनखड़ ने कहा कि महिला अत्याचार से जुड़े परिवादो को सुनकर संबंधित थाना अधिकारी को उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. ताकि दोषियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई हो सके.