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सीएचओ के 2500 पदों पर निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर नर्सिंग छात्रों का प्रदर्शन

राजस्थान में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर पांच महीनें पहले निरस्त की गई भर्ती की प्रक्रिया दोबारा शुरू करवाने की मांग को लेकर नागौर में नर्सिंग छात्रों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा निकली गई भर्तियों को पूरा करवाने की मांग भी की है.

CHO rajasthan, नागौर नर्सिंग छात्र
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Published : Nov 20, 2019, 3:06 PM IST

नागौर. राजस्थान में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर भर्ती के लिए सरकार ने इस साल 16 मई को विज्ञप्ति जारी की थी. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस भर्ती प्रक्रिया को 20 जून को निरस्त कर दिया गया. अभी तक इस भर्ती को लेकर सरकार ने दोबारा से कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है. ऐसे में बेरोजगार नर्सिंग छात्रों में नाराजगी देखने को मिल रही है.

सीएचओ के 2500 पदों पर निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग

नर्सिंग छात्र संगठन के बैनर तले बुधवार को बेरोजगारों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर विरोध जताया. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिए ज्ञापन में मांग रखी है कि कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया नए सिरे से जल्द शुरू करवाई जाए.

इसके साथ ही बेरोजगार नर्सेस का कहना है कि पिछली सरकारों ने साल 2007 से 2018 तक नर्सेस की भर्ती निकाली थी, लेकिन अधिकांश पूरी नहीं हो पाई हैं. उन्होंने नर्सेज के करीब 20 हजार पदों पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती जल्द पूरी करवाने की भी मांग रखी है. बेरोजगार नर्सेज का कहना है कि प्रदेश में स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में प्रदेश की रैंकिंग लगातार गिर रही है. लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है.

पढ़ें: CM बनने के बाद गहलोत पहली बार पहुंचे एसीबी मुख्यालय, लिए Review बैठक

वहीं दूसरी तरफ आम जनता को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है और लाखों रुपए खर्च कर नर्सिंग कोर्स करने के बावजूद भी युवा बेरोजगार बैठे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवा मांग कर रहे हैं कि चिकित्सा मंत्री से पदभार नहीं संभाला जा रहा है तो अपने पद से वे त्यागपत्र दें.

नागौर. राजस्थान में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर भर्ती के लिए सरकार ने इस साल 16 मई को विज्ञप्ति जारी की थी. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस भर्ती प्रक्रिया को 20 जून को निरस्त कर दिया गया. अभी तक इस भर्ती को लेकर सरकार ने दोबारा से कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है. ऐसे में बेरोजगार नर्सिंग छात्रों में नाराजगी देखने को मिल रही है.

सीएचओ के 2500 पदों पर निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग

नर्सिंग छात्र संगठन के बैनर तले बुधवार को बेरोजगारों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर विरोध जताया. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिए ज्ञापन में मांग रखी है कि कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया नए सिरे से जल्द शुरू करवाई जाए.

इसके साथ ही बेरोजगार नर्सेस का कहना है कि पिछली सरकारों ने साल 2007 से 2018 तक नर्सेस की भर्ती निकाली थी, लेकिन अधिकांश पूरी नहीं हो पाई हैं. उन्होंने नर्सेज के करीब 20 हजार पदों पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती जल्द पूरी करवाने की भी मांग रखी है. बेरोजगार नर्सेज का कहना है कि प्रदेश में स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में प्रदेश की रैंकिंग लगातार गिर रही है. लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है.

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वहीं दूसरी तरफ आम जनता को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है और लाखों रुपए खर्च कर नर्सिंग कोर्स करने के बावजूद भी युवा बेरोजगार बैठे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवा मांग कर रहे हैं कि चिकित्सा मंत्री से पदभार नहीं संभाला जा रहा है तो अपने पद से वे त्यागपत्र दें.

Intro:राजस्थान में कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर पांच महीने पहले निरस्त की गई भर्ती की प्रक्रिया दुबारा शुरू करवाने की मांग को लेकर आज नागौर में नर्सिंग छात्रों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने पिछली सरकारों द्वारा निकली गई भर्तियों को पूरा करवाने की मांग भी की है।


Body:नागौर. राजस्थान में कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर भर्ती के लिए सरकार ने इस साल 16 मई को विज्ञप्ति जारी की गई थी। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस भर्ती प्रक्रिया को 20 जून को निरस्त कर दिया गया था। लेकिन अभी तक इस भर्ती को लेकर सरकार ने दुबारा से कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है। ऐसे में बेरोजगार नर्सिंग छात्रों में रोष है।
नर्सिंग छात्र संगठन के बैनर तले आज बेरोजगारों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर विरोध जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिए ज्ञापन में मांग रखी कि कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया नए सिरे से जल्द शुरू करवाई जाए।
इसके साथ ही बेरोजगार नर्सेस का कहना है कि पिछली सरकारों ने 2007 से 2018 तक नर्सेस की भर्ती निकाली थी। लेकिन अधिकांश पूरी नहीं हो पाई हैं। उन्होंने नर्सेज के करीब 20 हजार पदों पर लिखित परीक्षा के माध्यम से भर्ती जल्द पूरी करवाने की भी मांग रखी है।


Conclusion:बेरोजगार नर्सेज का कहना है कि प्रदेश में स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में प्रदेश की रैंकिंग लगातार गिर रही है। लेकिन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। एक तरफ आम जनता को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है और दूसरी ओर लाखों रुपए खर्च कर नर्सिंग कोर्स करने के बावजूद भी युवा बेरोजगार बैठे हैं।
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बाईट 1- मुकेश गांधी, महासचिव, नर्सिंग छात्र संगठन।
बाईट 2- अनिल चौधरी, बेरोजगार नर्सिंग छात्र।
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