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नागौर में लाखों हुए खर्च, फिर भी पानी को तरसे जनता

नागौर में पानी की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिसके बाद सोमवार को शहर के 18 वार्ड के लोगों ने नगर परिषद नागौर में आयुक्त और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने व्यवस्थाओं को ठीक करने की मांग की है.

नागौर में पेयजल की समस्या, Drinking water problem in Nagaur
नागौर में पेयजल की समस्या
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Published : Mar 1, 2021, 6:08 PM IST

नागौर. नगर परिषद के कई वार्ड में पेयजल की समस्या होने से शहरी इलाकों के वाशिदे पानी के लिए दर दर भटकने को मजबूर है. आज शहर के 18 वार्ड के लोगों ने नगर परिषद नागौर में आयुक्त और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर व्यवस्थाओं को ठीक करने की मांग की है.

पढे़ं- खराब सड़क होने के बाद भी वसूला जा रहा टोल, विधायक छगन सिंह ने जताया विरोध

बता दें कि शहर में पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है. जिस इंदिरा गाधी नहर परियोजना के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती थी, अब वर्तमान मे कई वार्ड मे अमृत जल योजना के तहत नई पाइप लाईन से व्यवस्था की जा रही है. शहरी इलाकों में शहर के 20 वार्ड के वाशिंदें पेयजल को लेकर चिंतित है. पेयजल किल्लत बढ़ने से विशेषकर महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

नागौर में पेयजल की समस्या

लोगों ने बताया कि शहर के 60 वार्ड मे से तीन दिन में एक दिन पानी का वितरण होता है, वह भी समुचित मात्रा में नहीं हो पाता है. पीने के पानी के लिए दूर दूर तक जाने से घरेलू महिलाओं का कामकाज प्रभावित होता है. गर्मी बढ़ने से पानी की अधिक मांग हो जाने पर समस्या और भी विकट हो गई है. इधर, इलाके में पेयजल संकट के अविलंब समाधान के लिए 18 के पार्षद धमेन्द्र ने जिला कलेक्टर और आयुक्त नगर परिषद को ज्ञापन भेजा है. उन्होंने जलापूर्ति सुचारू होने तक टैंकरों से पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग की है.

आयुक्त श्रवण चौधरी ने कहा कि आज जलदाय विभाग के अधिकरियो के साथ बैठक में जो वार्ड मे समस्या आ रही है, एक सप्ताह में पूरी तरह आपूर्ति सुचारू होने की उम्मीद है. पेयजल योजनाओं से जुड़े वार्ड में अमृत जल योजना के तहत नई पाइप लाईनो के जरिए आपूर्ति बहाल करना प्राथमिकता है. अगर इस समस्या का जल्द समाधान नहीं किया तो यहां हालात बेहद विकट बन सकते है. अभी से शहरवासियों को समय पर पूरी तरह से पेयजल सप्लाई नहीं मिल पा रही है.

पढे़ं- सदन में गूंजा जनजातीय क्षेत्र में बीज वितरण और चोरी होने का मुद्दा, स्पीकर के सवाल पर मंत्री ने किया आश्वस्त

बता दें कि हालांकि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना वृत्त (नहरी विभाग) द्वारा शहर में आवश्यकता से लाखों लीटर पानी अधिक दिया जा रहा है, इसके बावजूद शहरी जलापूर्ति परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और मिस मैनेजमेंट के कारण शहर में पेयजल संकट गहराने लगा है.

नागौर. नगर परिषद के कई वार्ड में पेयजल की समस्या होने से शहरी इलाकों के वाशिदे पानी के लिए दर दर भटकने को मजबूर है. आज शहर के 18 वार्ड के लोगों ने नगर परिषद नागौर में आयुक्त और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर व्यवस्थाओं को ठीक करने की मांग की है.

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बता दें कि शहर में पेयजल की व्यवस्थाओं के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है. जिस इंदिरा गाधी नहर परियोजना के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती थी, अब वर्तमान मे कई वार्ड मे अमृत जल योजना के तहत नई पाइप लाईन से व्यवस्था की जा रही है. शहरी इलाकों में शहर के 20 वार्ड के वाशिंदें पेयजल को लेकर चिंतित है. पेयजल किल्लत बढ़ने से विशेषकर महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

नागौर में पेयजल की समस्या

लोगों ने बताया कि शहर के 60 वार्ड मे से तीन दिन में एक दिन पानी का वितरण होता है, वह भी समुचित मात्रा में नहीं हो पाता है. पीने के पानी के लिए दूर दूर तक जाने से घरेलू महिलाओं का कामकाज प्रभावित होता है. गर्मी बढ़ने से पानी की अधिक मांग हो जाने पर समस्या और भी विकट हो गई है. इधर, इलाके में पेयजल संकट के अविलंब समाधान के लिए 18 के पार्षद धमेन्द्र ने जिला कलेक्टर और आयुक्त नगर परिषद को ज्ञापन भेजा है. उन्होंने जलापूर्ति सुचारू होने तक टैंकरों से पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग की है.

आयुक्त श्रवण चौधरी ने कहा कि आज जलदाय विभाग के अधिकरियो के साथ बैठक में जो वार्ड मे समस्या आ रही है, एक सप्ताह में पूरी तरह आपूर्ति सुचारू होने की उम्मीद है. पेयजल योजनाओं से जुड़े वार्ड में अमृत जल योजना के तहत नई पाइप लाईनो के जरिए आपूर्ति बहाल करना प्राथमिकता है. अगर इस समस्या का जल्द समाधान नहीं किया तो यहां हालात बेहद विकट बन सकते है. अभी से शहरवासियों को समय पर पूरी तरह से पेयजल सप्लाई नहीं मिल पा रही है.

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बता दें कि हालांकि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना वृत्त (नहरी विभाग) द्वारा शहर में आवश्यकता से लाखों लीटर पानी अधिक दिया जा रहा है, इसके बावजूद शहरी जलापूर्ति परियोजना के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और मिस मैनेजमेंट के कारण शहर में पेयजल संकट गहराने लगा है.

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