नागौर. 1 और 12 दिसंबर को जारी पंचायती राज विभाग के नोटिफिकेशन से प्रभावित नागौर जिले की 48 ग्राम पंचायतों में लॉटरी वापस निकाले जाने की चर्चा जोरों पर है. वहीं बाकी की पंचायतों में पहले से निकाली गई लॉटरी शायद मान्य हो सकती है. जिसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए नागौर निर्वाचन विभाग जुट गया है.
नागौर जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रांम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन मामले में राज्य सरकार को दिशा निर्देश दिए है. शेष रही पंचायतों के चुनाव अब अप्रैल महीने में करवाने के आदेश भी जारी किए गए है.
पढ़ेंः अलवर जंक्शन के बाहर लहराया 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'
पंचायत राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने जिला कलेक्टर को आदेश जारी कर न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए 1 और 12 दिसंबर के नोटिफिकेशन से प्रभावित पंचायतों और पंचायत समितियों में वार्ड का गठन और आम चुनाव आरक्षण व्यवस्था के पश्चात वार्ड पंच और सरपंच के साथ पंचायत समिति के सदस्य और जिला परिषद सदस्य सहित प्रधानों के लिए आरक्षण लॉटरी निकालने के आदेश दिए गए हैं.
नागौर जिला निर्वाचन विभाग को 5 फरवरी तक यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी. नागौर जिले की डीडवाना, मकराना, कुचामन, रिया बड़ी और खींवसर पंचायत समिति के प्रधान पंच सरपंच सहित के चुनाव अप्रैल महीने में होने की संभावना है. अब तक नागौर जिले में 194 ग्राम पंचायतों में दो चरणों में चुनाव संपन्न हुए है.
पढ़ेंः विधानसभा में रखा जाएगा CAA पर प्रस्ताव, कांग्रेस करेगी समर्थन तो भाजपा विरोध
नागौर जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि करीब 300 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना शेष बाकी है, लेकिन पंचायत वार्डों के गठन के बाद आपत्तियों की सुनवाई के बाद ही अधिसूचना जारी होगी. पंचायती राज विभाग की अधिसूचना 12 दिसंबर के द्वारा रिया बड़ी, डेगाना के साथ मेड़ता का पुनर्गठन कर भेरूंदा, पंचायत समिति का नवसृजन किया गया था. इसमें प्रधान की लॉटरी दोबारा निकाली जा सकती है. अब नागौर जिला निर्वाचन विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब नागौर जिला निर्वाचन विभाग को पंचायती राज विभाग और चुनाव आयोग से मिले निर्देशों के बाद शेष बची ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और आपत्तियों के बाद लॉटरी प्रक्रिया अमल में लाई जा सकती है.