नागौर. महात्मा गांधी नरेगा योजना में नागौर जिले ने वह कर दिखाया है, जो प्रदेश का कोई जिला नहीं कर पाया है. नागौर मनरेगा योजना लागू होने के बाद एक वर्ष में एक लाख से अधिक श्रमिक परिवारों को 100 कार्यदिवस रोजगार मुहैया करवाने वाला राज्य का पहला जिला बन गया है. कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद जवाहर चौधरी के कुशल मार्गदर्शन और माॅनिटरिंग में नागौर जिले की मनरेगा टीम ने वर्ष 2020-21 में 1 लाख 17 हजार 879 परिवारों को 100 कार्यदिवस का रोजगार मुहैया करवाते हुए राज्य में पहला स्थान हासिल किया है.
इन्हीं विभिन्न पैरामीटर्स के आंकड़ों के आधार पर मनरेगा की राष्ट्रीय स्तर की रैकिंग में नागौर जिले ने देश भर में तीसरा स्थान हासिल किया है. ध्यान देने बात यह है कि जिले की एक भी ग्राम पंचायत ऐसी नहीं है कि जिसमें कई मनरेगा श्रमिक परिवारों को सौ कार्यदिवस का रोजगार प्रदान नहीं किया गया हो. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद और अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक, ईजीएस जवाहर चौधरी ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में पंजीकृत श्रमिकों के आधार कार्ड की सीडिंग की गई है, जिसमें भी राज्य भर में प्रथम स्थान हासिल किया गया है.
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इसी प्रकार मानव दिवस सृजन में भी नागौर जिले ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है. जिले ने मनरेगा में वर्ष 2020-21 के दौरान 293.95 लाख मानव दिवस सृजित किए गए है. वहीं दूसरी ओर मनरेगा में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए महिला मेट का नियोजन करते हुए नागौर जिले ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है. जवाहर चौधरी ने बताया कि नागौर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 100 कार्यदिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या का वित्तीय वर्षवार आंकड़ा देखें तो इसमें चार गुना तक ईजाफा हुआ है. मनरेगा के तहत वर्ष 2018-19 में जहां 100 कार्यदिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या जहां 28 हजार 491 थीं, जो वर्ष 2019-20 में 52 हजार 740 रुपए तक पहुंचा है.
इसी प्रकार जिला स्तर से माॅनिटरिंग और मार्गदर्शन के अनुसार ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों के नियमित निरीक्षण के बल पर 100 कार्यदिवस का लाभ लेने वाले श्रमिक परिवारों का आंकड़ा 1 लाख 17 हजार 879 तक पहुंच गया है. वहीं दूसरी ओर मनरेगा में मानव दिवस सृजन के मामले में भी पिछले दो सालों में नागौर जिले ने दो गुना प्रगति हासिल की है. वर्ष 2018-19 के दौरान जिले में मनरेगा के तहत जहां 166.79 मानव दिवस का सृजन किया गया, वहीं 2020-21 में यह आंकड़ा 293.95 लाख तक पहुंचा दिया गया.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक आयोजित
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के आदेश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) मेड़ता अध्यक्ष उर्मिला वर्मा के निर्देशानुसार आयोजित होने वाली प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु आज बार संघ के वरिष्ठ अधिवक्तागण के साथ बैठक आयोजित की गई. सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत एवं विश्व स्वास्थ्य दिवस के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई.
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सचिव नीरजा दाधीच ने बताया कि रालसा द्वारा पूर्व निर्धारित तिथि दिनांक 10 अप्रैल के स्थान पर अब दिनांक 8 अप्रैल को प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिस हेतु उपस्थित अधिवक्तागण के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने तथा ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का जरिए राजीनामा निस्तारण करने हेतु आवश्यक विचार-विमर्श किया गया. बैठक में अधिवक्ता कमल कुमार आचार्य, जीवणराम ताडा, दौलतराम मिर्धा, सांवलराम तिवाडी, रामकिशोर तिवाड़ी आदि उपस्थित रहे.
131 ट्रैक्टर में लगाए गए रिफ्लेक्टर
नागौर जिले में लगातार हो रहे सड़क हादसों की एक बड़ी वजह वाहनों पर नियमानुसार रिफ्लेक्टर नहीं लगे होना भी पाया गया है. 131 ट्रैक्टर, ट्रैक्टर ट्रॉली और पानी के टेकर आदि पर रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं. ऐसे में नागौर जिला कलक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी ने सड़क दुर्घटनाओं में बिना रिफलेक्टर लगे वाहनों, ट्रैक्टर-ट्रॉली, टैम्पो आदि के साथ-साथ धीमी गति से चलने वाले बैलगाड़ी, ऊंट गाड़ी आदि के आगे पीछे सड़क सुरक्षा के मानदंडों के अनुरूप रिफलेक्टर नहीं लगे होने तथा बिना पंजीयन को गम्भीरता से लिया है. उन्होंने बताया कि यह जनसुरक्षा से जुड़ा हुआ विषय है और प्रवर्तन कार्य की प्राथमिकता भी बनानी है.