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नागौर प्रशासन ने कोरोना को लेकर बनाई रणनीति...प्रवासी मजदूरों को आइसोलेट कर की जा रही मॉनिटरिंग

देश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. जिसके कारण अपने गृह राज्यों से दूसरे राज्यों में गए प्रवासियों को अब वहां की सरकारें वापस नागौर भेज रही हैं. इसके तहत नागौर जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों को लेकर सतर्क हो गया है. प्रशासन ने कई प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन किया है और कई मजदूरों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन करने के आदेश दिए हैं.

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प्रवासियों को रखा गया संस्थागत क्वांरेटाइन सेंटर में
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Published : Jun 1, 2020, 12:52 PM IST

नागौर. लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से प्रवासियों को उनके गृह राज्य में भेजने का सिलसिला लगातार जारी है. इसके तहत नागौर जिले के प्रवासी रोजगार के सिलसिले में बाहरी प्रदेशों में निवास कर रहे थे. जिनको अब विभिन्न प्रदेशों की सरकारें नागौर जिले में वापस भेज रही हैं. ऐसे में नागौर जिला प्रशासन ने प्रवासियों के आने से पहले एक विशेष योजना बनाकर अमल करना शुरू कर दिया है.

प्रवासियों को रखा गया संस्थागत क्वांरेटाइन सेंटर में

बता दें कि अब तक 51 हजार प्रवासी लोगों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. 8 हजार प्रवासियों को जिला प्रशासन के बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों की ओर से सैंपल लेने के बाद रखा गया है.

वहीं, दूसरे राज्यों से गांव लौटने वाले मजदूरों का नागौर जिले में तांता लगा हुआ है. दूसरे राज्य से नागौर जिले में आने वाले मजदूरों और कामगारों को नागौर जिला प्रशासन की ओर से स्क्रिनिंग करवाई जा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर के नोडल प्रभारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे राज्य से नागौर जिले में आने वाले मजदूरों और प्रवासी लोगों की संख्या को देखते हुए धर्मशाला, भवनों और पंचायतों के साथ सरकारी विद्यालयों में बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर में 8 हजार प्रवासियों को होम क्वारेंटाइन करते हुए रजिस्ट्रेशन करके रखा गया है.

नागौर जिला प्रशासन के लिए सभी की मॉनिटरिंग करना भी बड़ी चुनौती बन गया है. प्रवासियों के घर वापसी के साथ ही नागौर में एक बार फिर से कोरोना के संक्रमण ने गावों में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में नागौर जिला प्रशासन कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए कार्य योजना बनाने में जुटा हुआ है.

पढ़ें- नागौरः 20 घंटे रेस्क्यू के बाद 2 मजदूरों के शवों को निकाला गया बाहर

रेड जोन इलाके से आने वाले लोगों के लिए नागौर जिले में क्वॉरेंटाइन वार्डों को डेवेलप करने के साथ ही जिले में होटल, धर्मशाला और स्कूलों को जिला प्रशासन ने आपदा अधिनियम 2020 के तहत अधिग्रहण करके अब क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. 51 हजार से अधिक प्रवासी नागौर जिले में अब तक आ चुके हैं. जिनका रजिस्ट्रेशन करके चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्क्रिनिंग की प्रक्रिया पूरी कर उनको होम क्वॉरेंटाइन करने के आदेश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि हल्का पटवारी, ग्रामसेवक और आशा सहयोगिनी की ओर से इन पर निगरानी रखी जा रही है. 51 हजार से अधिक प्रवासियों के मोबाइल नंबर के आधार पर उनकी ट्रेसिंग का काम भी शुरू हो चुका है. 8 हजार प्रवासियों को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमों की ओर से सैंपल लेने के बाद संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया गया है.

हालांकि, एक समय ऐसा था जब नागौर जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या महज 5 रह गई थी. लेकिन, प्रवासियों के आने के बाद ये लगातार बढ़ती जा रही है और वर्तमान समय में नागौर में 222 सक्रिय मामले हैं. नागौर जिले में अब तक कुल 456 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इससे निपटने के लिए नागौर जिला प्रशासन अपनी विशेष कार्य योजना को अमली जामा पहनाने में जुट गया है. नागौर जिले में शहरी और ग्रामीण इलाकों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन वार्डों को तैयार करने के दौरान एक सेंटर पर 100 से ज्यादा प्रवासी नहीं रखे गए हैं. साथ ही खाने-पीने और शौचालय की पर्याप्त सुविधा को ध्यान में रखते हुए सेंटर बनाए गए हैं.

नागौर. लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से प्रवासियों को उनके गृह राज्य में भेजने का सिलसिला लगातार जारी है. इसके तहत नागौर जिले के प्रवासी रोजगार के सिलसिले में बाहरी प्रदेशों में निवास कर रहे थे. जिनको अब विभिन्न प्रदेशों की सरकारें नागौर जिले में वापस भेज रही हैं. ऐसे में नागौर जिला प्रशासन ने प्रवासियों के आने से पहले एक विशेष योजना बनाकर अमल करना शुरू कर दिया है.

प्रवासियों को रखा गया संस्थागत क्वांरेटाइन सेंटर में

बता दें कि अब तक 51 हजार प्रवासी लोगों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. 8 हजार प्रवासियों को जिला प्रशासन के बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों की ओर से सैंपल लेने के बाद रखा गया है.

वहीं, दूसरे राज्यों से गांव लौटने वाले मजदूरों का नागौर जिले में तांता लगा हुआ है. दूसरे राज्य से नागौर जिले में आने वाले मजदूरों और कामगारों को नागौर जिला प्रशासन की ओर से स्क्रिनिंग करवाई जा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर के नोडल प्रभारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि दूसरे राज्य से नागौर जिले में आने वाले मजदूरों और प्रवासी लोगों की संख्या को देखते हुए धर्मशाला, भवनों और पंचायतों के साथ सरकारी विद्यालयों में बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर में 8 हजार प्रवासियों को होम क्वारेंटाइन करते हुए रजिस्ट्रेशन करके रखा गया है.

नागौर जिला प्रशासन के लिए सभी की मॉनिटरिंग करना भी बड़ी चुनौती बन गया है. प्रवासियों के घर वापसी के साथ ही नागौर में एक बार फिर से कोरोना के संक्रमण ने गावों में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में नागौर जिला प्रशासन कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए कार्य योजना बनाने में जुटा हुआ है.

पढ़ें- नागौरः 20 घंटे रेस्क्यू के बाद 2 मजदूरों के शवों को निकाला गया बाहर

रेड जोन इलाके से आने वाले लोगों के लिए नागौर जिले में क्वॉरेंटाइन वार्डों को डेवेलप करने के साथ ही जिले में होटल, धर्मशाला और स्कूलों को जिला प्रशासन ने आपदा अधिनियम 2020 के तहत अधिग्रहण करके अब क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. 51 हजार से अधिक प्रवासी नागौर जिले में अब तक आ चुके हैं. जिनका रजिस्ट्रेशन करके चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्क्रिनिंग की प्रक्रिया पूरी कर उनको होम क्वॉरेंटाइन करने के आदेश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि हल्का पटवारी, ग्रामसेवक और आशा सहयोगिनी की ओर से इन पर निगरानी रखी जा रही है. 51 हजार से अधिक प्रवासियों के मोबाइल नंबर के आधार पर उनकी ट्रेसिंग का काम भी शुरू हो चुका है. 8 हजार प्रवासियों को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमों की ओर से सैंपल लेने के बाद संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया गया है.

हालांकि, एक समय ऐसा था जब नागौर जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या महज 5 रह गई थी. लेकिन, प्रवासियों के आने के बाद ये लगातार बढ़ती जा रही है और वर्तमान समय में नागौर में 222 सक्रिय मामले हैं. नागौर जिले में अब तक कुल 456 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इससे निपटने के लिए नागौर जिला प्रशासन अपनी विशेष कार्य योजना को अमली जामा पहनाने में जुट गया है. नागौर जिले में शहरी और ग्रामीण इलाकों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन वार्डों को तैयार करने के दौरान एक सेंटर पर 100 से ज्यादा प्रवासी नहीं रखे गए हैं. साथ ही खाने-पीने और शौचालय की पर्याप्त सुविधा को ध्यान में रखते हुए सेंटर बनाए गए हैं.

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