ETV Bharat / city

सांसद हनुमान बेनीवाल ने भाई नारायण के खींवसर से प्रत्याशी बनने के पीछे बताई ये बड़ी वजह

आगामी 21 अक्टूबर को खींवसर विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने है. इस सीट पर दो दिग्गज परिवारों के वर्चस्व की लड़ाई है. एक तरफ मिर्धा परिवार और दूसरी तरफ हनुमान बेनीवाल परिवार. लगातार तीन बार जीत हासिल कर चुके हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को यहां से अपनी पार्टी से प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने अपना चेहरा हरेंद्र मिर्धा को बनाया है. हनुमान बेनीवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए अपने भाई नारायण बेनीवाल को प्रत्याशी बनाने के पीछे के कारणों का खुलासा किया.

author img

By

Published : Oct 14, 2019, 1:06 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 1:13 PM IST

MP Hanuman Beniwal, सांसद हनुमान बेनीवाल, RLP candidate Narayan Beniwal, आरएलपी प्रत्याशी नारायण बेनीवाल

खींवसर (नागौर). अपने ऊपर लगे परिवारवाद के आरोपों को सिरे से नकारते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को भाजपा-आरएलपी गठबंधन का प्रत्याशी बनाने के पीछे की वजह के बारे में बताया. हनुमान बेनीवाल के नागौर से सांसद बनने के बाद खींवसर सीट खाली हो गई. जिसके बाद यहां से गठबंधन का चेहरा नारायण बेनीवाल बने.

पढ़ें- Exclusive: उपचुनाव में बोले केंद्रीय मंत्री...आगे देखिए होता है क्या

21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव को लेकर खींवसर में भाजपा और आरएलपी नेताओं का जनसंपर्क जोरों पर है. जहां खुद नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने यहां पर मोर्चा संभाला हुआ है तो भाजपा दिग्गज नेता भी जनसभाओं को संबोधित करने में पीछे नहीं है. क्योंकि हर बार की तरह खींवसर सीट इस बार हॉट सीट बन गई है. हालांकि हर बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता था. लेकिन इस बार की टक्कर आमने-सामने की है. क्योंकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा पर दांव खेला है. जो पूर्व विधानसभा स्पीकर और केंद्रीय मंत्री रहे नागौर के दिग्गज जाट नेता रामनिवास मिर्धा के बेटे है.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को खींवसर से प्रत्याशी बनाने का कारण बताया

परिवारवाद के आरोपों पर बोले सांसद बेनीवाल

आरएलपी के कब्जे वाली खींवसर सीट पर चुनाव प्रचार करने के दौरान ईटीवी भारत ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से खास बातचीत की. उन्होंने विपक्ष के परिवारवाद के आरोप को सिरे से नकारते हुए बेनीवाल ने कांग्रेस और मिर्धा परिवार पर परिवारवाद का आरोप लगाया. वहीं उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पानी से लेकर सड़क तक, किसान से लेकर जवान तक सभी की लड़ाई मैंने अकेले लड़ी है. यहां तक की एक मुकदमा भी मेरे ऊपर हैं.

पढ़ें- Exclusive: जिन्होंने तीन पीढ़ियों से नागौर पर राज किया, एक विकास का काम नहीं किया...वो मुझ पर कैसे परिवारवाद का आरोप लगा सकते हैं: बेनीवाल

भाई को प्रत्याशी बनाने की ये बताई बड़ी वजह

वहीं खींवसर सीट से अपने भाई नारायण बेनीवाल को प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर जबाव देते हुए सांसद बेनीवाल ने बताया कि ये यहां की जनता की मांग की. मेरा ऐसा कोई मन नहीं था की परिवार का सदस्य चुनाव लड़े. लेकिन जनता की मांग पर मैंने आलाकमान को बताया की खींवसर की जनता क्या चाहती है. अगर परिवार से चुनाव नहीं लड़ाया गया तो हो सकता है सीट कांग्रेस के पास चले जाए. इसे हम परिवारवाद ना कहते हुए ये कह सकते है कि पार्टी का सदस्य चुनाव लड़ रहा है.

खींवसर (नागौर). अपने ऊपर लगे परिवारवाद के आरोपों को सिरे से नकारते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को भाजपा-आरएलपी गठबंधन का प्रत्याशी बनाने के पीछे की वजह के बारे में बताया. हनुमान बेनीवाल के नागौर से सांसद बनने के बाद खींवसर सीट खाली हो गई. जिसके बाद यहां से गठबंधन का चेहरा नारायण बेनीवाल बने.

पढ़ें- Exclusive: उपचुनाव में बोले केंद्रीय मंत्री...आगे देखिए होता है क्या

21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव को लेकर खींवसर में भाजपा और आरएलपी नेताओं का जनसंपर्क जोरों पर है. जहां खुद नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने यहां पर मोर्चा संभाला हुआ है तो भाजपा दिग्गज नेता भी जनसभाओं को संबोधित करने में पीछे नहीं है. क्योंकि हर बार की तरह खींवसर सीट इस बार हॉट सीट बन गई है. हालांकि हर बार इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता था. लेकिन इस बार की टक्कर आमने-सामने की है. क्योंकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा पर दांव खेला है. जो पूर्व विधानसभा स्पीकर और केंद्रीय मंत्री रहे नागौर के दिग्गज जाट नेता रामनिवास मिर्धा के बेटे है.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने भाई नारायण बेनीवाल को खींवसर से प्रत्याशी बनाने का कारण बताया

परिवारवाद के आरोपों पर बोले सांसद बेनीवाल

आरएलपी के कब्जे वाली खींवसर सीट पर चुनाव प्रचार करने के दौरान ईटीवी भारत ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से खास बातचीत की. उन्होंने विपक्ष के परिवारवाद के आरोप को सिरे से नकारते हुए बेनीवाल ने कांग्रेस और मिर्धा परिवार पर परिवारवाद का आरोप लगाया. वहीं उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पानी से लेकर सड़क तक, किसान से लेकर जवान तक सभी की लड़ाई मैंने अकेले लड़ी है. यहां तक की एक मुकदमा भी मेरे ऊपर हैं.

पढ़ें- Exclusive: जिन्होंने तीन पीढ़ियों से नागौर पर राज किया, एक विकास का काम नहीं किया...वो मुझ पर कैसे परिवारवाद का आरोप लगा सकते हैं: बेनीवाल

भाई को प्रत्याशी बनाने की ये बताई बड़ी वजह

वहीं खींवसर सीट से अपने भाई नारायण बेनीवाल को प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर जबाव देते हुए सांसद बेनीवाल ने बताया कि ये यहां की जनता की मांग की. मेरा ऐसा कोई मन नहीं था की परिवार का सदस्य चुनाव लड़े. लेकिन जनता की मांग पर मैंने आलाकमान को बताया की खींवसर की जनता क्या चाहती है. अगर परिवार से चुनाव नहीं लड़ाया गया तो हो सकता है सीट कांग्रेस के पास चले जाए. इसे हम परिवारवाद ना कहते हुए ये कह सकते है कि पार्टी का सदस्य चुनाव लड़ रहा है.

Intro:Body:

love


Conclusion:
Last Updated : Oct 14, 2019, 1:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.