नागौर. श्री राजपूत करणी सेना और क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन की ओर से रियांबड़ी एसडीएम को गुरुवार को ज्ञापन दिया गया. इसमें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में महापुरुषों के बारे में तथ्यहीन और भ्रामक जानकारी पढ़ाने का आरोप लगाया गया और इस पर विरोध दर्ज करवाया गया. इसके साथ ही विवादित अंशों को पाठ्यक्रम से हटाने की भी मांग की गई है.
श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश महासचिव शिव सिंह रासलियावास ने बताया कि, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में महाराणा उदय सिंह, महाराणा प्रताप और महारानी पद्मिनी आदि के विषय में कई भ्रामक और तथ्यहीन जानकारियां पढ़ाई जा रही है. युवा पीढ़ी को हमारे इतिहास के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है. इससे सर्व समाज में रोष हैं. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप, महाराणा उदय सिंह और महारानी पद्मिनी ने मातृभूमि की रक्षा के लिए आजीवन संघर्ष किया है. इन महापुरुषों के बारे में तथ्यहीन जानकारी पढ़ाना इतिहास के साथ भी खिलवाड़ है.
उन्होंने बताया कि श्री राजपूत करणी सेना और क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के बैनर तले सर्व समाज के लोगों ने रियांबड़ी एसडीएम को शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है. इसमें मांग की गई है कि पाठ्य पुस्तकों में विवादित अंश हटाए जाए. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि, भविष्य में भी कभी ऐसी भ्रामक जानकारियां पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया जाए.
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बता दें कि, मेवाड़ के इतिहास के साथ की गई छेड़छाड़ से नाराज राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत बीजेपी कांग्रेस के कई नेता राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था. जिसमें कटारिया ने कहा था कि, महाराणा प्रताप के हल्दीघाटी युद्ध और उदय सिंह को लेकर पाठ्यक्रम में जो टिप्पणियां की गई है, वो इतिहास को दूषित करने का काम करती है. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि जनता सड़क पर उतरे, उससे पहले ही इस मामले में सुधार करवा लिया जाए.