नागौर. कोरोना काल में बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो निजी स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से पढ़ाई करवाने का इंतजाम किया. लेकिन, स्कूल फीस के मुद्दे पर बीते पांच महीने से अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों में गतिरोध बना हुआ है. अभिभावक जहां फीस नहीं देने की बात पर अड़े हैं. वहीं, स्कूल संचालकों के कहना है कि ऐसे हालात में वे स्टाफ का वेतन और अन्य खर्चों का भुगतान कैसे करेंगे. इस बीच सरकार ने भी स्कूल नहीं खुलने तक फीस नहीं लेने के निर्देश जारी किए हैं. ऐसे में अब निजी स्कूल संचालक सरकार के विरोध में उतर आए हैं.
पढ़ें: अच्छा कदम: दंगल और स्पोर्ट्स टूर्नामेंट के स्थगित होने से बची राशि सरकारी स्कूल को दी दान
नागौर में निजी शिक्षण संस्थान की ओर से सोमवार को एक बैठक आयोजित की. इसमें सरकार के ओर से फीस वसूली नहीं करने के निर्देशों की निंदा की गई. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री द्वारा इस संबंध में दिए गए बयान के बाद सक्षम अभिभावक भी फीस जमा नहीं करवा रहे हैं. इससे उनके सामने स्टाफ का वेतन देने सहित अन्य खर्चों का भुगतान करने की समस्या हो गई है.
पढ़ें: नो स्कूल नो फीस की मांग को लेकर भीलवाड़ा बंद का आह्वान, बाजारों में मिलाजुला दिखा असर
नागौर निजी शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष हरदेव गारू का कहना है कि इस विकट हालात में सरकार को निजी स्कूल संचालकों के लिए एक विशेष पैकेज जारी करना चाहिए, जिससे स्कूल संचालक स्टाफ को वेतन और अन्य जरूरी खर्चों का भुगतान किया जा सके. उनका कहना है कि विशेष पैकेज की व्यवस्था नहीं हो पाती तो सरकार को बिना ब्याज ऋण दिलवाने की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे स्कूल संचालकों को इस विकट समय से लड़ने में मदद मिले.