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कोरोना का खौफ: सहकारी समिति अध्यक्ष का किसानों से ऋण वसूली से इनकार, 30 जून तक तिथि बढ़ाने की मांग

दुनियाभर में दहशत फैलाने वाले कोरोना वायरस से शहर ही नहीं गांवों के लोग भी डर रहे हैं. ग्राम सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने किसानों से सहकारी खरीफ ऋण की वसूली करने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि बिना ब्याज वसूली की तारीख 31 मार्च की जगह 30 जून की जाए.

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Published : Mar 18, 2020, 9:11 PM IST

किसानों से ऋण वसूली से इनकार, Refusal to recover loans from farmers
सहकारी समिति अध्यक्ष का किसानों से ऋण वसूली से इनकार

नागौर. कोरोना वायरस से फैलने वाली covid-19 बीमारी के खौफ के चलते प्रदेश में सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है. ऐसे हालात में केंद्रीय सहकारी बैंक ने सहकारी खरीफ ऋण 2019 की वसूली 31 मार्च से पहले करने के निर्देश जारी किए हैं.

सहकारी समिति अध्यक्ष का किसानों से ऋण वसूली से इनकार

अब ग्राम सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने 31 मार्च तक ऋण वसूली के लिए अभियान चलाने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि एक तरफ सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है. दूसरी तरफ केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक ने 31 मार्च से पहले सहकारी खरीफ ऋण की वसूली करने के निर्देश जारी किए हैं.

पढ़ेंः बाड़मेरः प्रभारी सचिव, विधायक और कलेक्टर ने किया अस्पताल का निरीक्षण, सोनोग्राफी मशीन का किया उद्घाटन

ऋण वसूली का अभियान चलाने पर एक ही ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सैंकड़ों किसान इकट्ठा होंगे. ऐसे में यदि कोई समस्या हो गई तो जिम्मेदारी कौन लेगा. अलाय ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष हजारीराम चौधरी ने बिना ब्याज ऋण वसूली की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करने की मांग की है.

दरअसल, 31 मार्च या उससे पहले किसान ऋण की राशि जमा करवाते हैं तो उन्हें ब्याज नहीं देना पड़ेगा. जबकि इसके बाद ऋण की राशि जमा करवाने वाले किसानों से ब्याज वसूल किया जाएगा. ग्राम सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों का एक तर्क और है कि पहले किसानों को अप्रैल में ऋण की राशि दी जाती थी और मार्च में वापस ली जाती थी.

पढ़ेंः बजरी के ढेर से टकराकर ऑटो पलटा, जनहानी नहीं

लेकिन पिछले साल किसानों को ऋण की राशि जून-जुलाई में दी गई थी. इसलिए मार्च में वसूली करना ठीक नहीं है. बहरहाल, ग्राम सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने मांग रखी है कि किसानों से बिना ब्याज सहकारी ऋण की वसूली के लिए 30 जून तक का समय दिया जाए.

नागौर. कोरोना वायरस से फैलने वाली covid-19 बीमारी के खौफ के चलते प्रदेश में सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है. ऐसे हालात में केंद्रीय सहकारी बैंक ने सहकारी खरीफ ऋण 2019 की वसूली 31 मार्च से पहले करने के निर्देश जारी किए हैं.

सहकारी समिति अध्यक्ष का किसानों से ऋण वसूली से इनकार

अब ग्राम सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने 31 मार्च तक ऋण वसूली के लिए अभियान चलाने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि एक तरफ सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा रखी है. दूसरी तरफ केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक ने 31 मार्च से पहले सहकारी खरीफ ऋण की वसूली करने के निर्देश जारी किए हैं.

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ऋण वसूली का अभियान चलाने पर एक ही ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सैंकड़ों किसान इकट्ठा होंगे. ऐसे में यदि कोई समस्या हो गई तो जिम्मेदारी कौन लेगा. अलाय ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष हजारीराम चौधरी ने बिना ब्याज ऋण वसूली की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून करने की मांग की है.

दरअसल, 31 मार्च या उससे पहले किसान ऋण की राशि जमा करवाते हैं तो उन्हें ब्याज नहीं देना पड़ेगा. जबकि इसके बाद ऋण की राशि जमा करवाने वाले किसानों से ब्याज वसूल किया जाएगा. ग्राम सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों का एक तर्क और है कि पहले किसानों को अप्रैल में ऋण की राशि दी जाती थी और मार्च में वापस ली जाती थी.

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लेकिन पिछले साल किसानों को ऋण की राशि जून-जुलाई में दी गई थी. इसलिए मार्च में वसूली करना ठीक नहीं है. बहरहाल, ग्राम सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने मांग रखी है कि किसानों से बिना ब्याज सहकारी ऋण की वसूली के लिए 30 जून तक का समय दिया जाए.

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