नागौर. कोरोना काल में जहां हर ओर त्राहि-त्राहि मची है. वहीं, दूसरी ओर राज्य में बिगड़ती चिकित्सा व्यवस्था के बीच झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे है. ऐसे ही एक मामले का खुलासा नागौर जिले परबतसर तहसील के बडू गांव में हुआ है. बडू में अनाधिकृत रूप से एक छोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करते हुए पाया गया.
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गौरतलब है कि नागौर जिले कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशों पर अब बिना सक्षम डिग्री के मरीजों की जान को जोखिम में डालने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन ने शिकंजा कसने की कार्रवाई शुरू कर दी है. परबतसर बीडीओ त्रिलोकाराम दैया की अगुआई में पुलिस की मौजूदगी में जिले के बडू गांव में एक क्लीनिक को सीज किया गया है. अब बीसीएमओ इसके दस्तावेज जांचेंगे और दस्तावेज सही नहीं पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों के अनुसार झोलाछाप के पास कोई डिग्री नहीं है. हालांकि, इस मामले की जांच की जा रही है.
बीडीओ त्रिलोकाराम दैया के मुताबिक क्षेत्र में अवैध रूप से मरीजों का उपचार करने की शिकायत मिल रही थी, इस पर उनके नेतृत्व में बडू गांव में सैनी मेडिकल स्टोर पर छापा मारा. ये जगह संदेहास्पद मिली, यहां अनाधिकृत तौर से क्लिनिक चलाते हुए मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा था, ऐसे में मेडिकल स्टोर और क्लिनिक सीज कर दी गई.
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बीडीओ त्रिलोकाराम दैया ने लोगों से अपील की है कि वे नीम हकीमों व झोला छाप चिकित्सकों से दूर रहे. बीमार होने पर इनसे इलाज नहीं करवाएं. सरकारी अस्पताल में इलाज करवाएं, जिससे स्थिति बिगड़े नहीं और ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की जरूरत पड़ने से पहले ही उपचार हो जाए. कोविड - 19 संक्रमित मरीजों को बिना डाइग्नोस किए उपचार करने से मरीजों की समय पर उचित उपचार नहीं मिल पाने से कई बार मरीजों की मौत तक हो जाती है.