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बुजुर्ग महिला ने की परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग, जानें क्यों - राजस्व विभाग

नागौर के मकराना में भूमि अवाप्ति अधिकारी मकराना ने 6 साल पहले एक बुजुर्ग महिला की भूमि को अवाप्त किया था. जिसके बाद नियमानुसार महिला को उसकी भूमि के लिए मुआवजा दिया जाना था, लेकिन आज तक बुजुर्ग महिला को उसकी भूमि के लिए मुआवजा नहीं दिया गया है. जिसको लेकर महिला के परिवार के सामने रोटी के लिए संकट खड़ा हो गया है. बुजुर्ग महिला ने अब परेशान होकर परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग के लिए मकराना उपखण्ड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.

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मुआवजा नहीं मिलने पर बुजुर्ग महिला ने की इच्छा मृत्यु की मांग
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Published : Jun 29, 2020, 1:38 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 2:04 PM IST

मकराना (नागौर). जिले के मकराना में 6 साल पहले एक बुजुर्ग महिला की भूमि को भूमि अवाप्ति अधिकारी मकराना की ओर से अवाप्त किया गया था. जिसके बाद महिला को भूमि अवाप्ति को लेकर 04 फरवरी 2014 को अन्तर्गत धारा 9(1) भूमि अवाप्ति अधिनियम 1894 के तहत नोटिस दिया गया था, लेकिन आज तक महिला को उसकी भूमि का मुआवजा नहीं दिया गया है. अन्य पिछड़ा वर्ग की वृद्व महिला की भूमि का मुआवाजा नहीं दिए जाने से परेशान होकर अब परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर मकराना उपखण्ड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.

मुआवजा नहीं मिलने पर बुजुर्ग महिला ने की इच्छा मृत्यु की मांग

2014 में भेजा था नोटिस...

भूमि अवाप्ति के करीब छह साल की अवधि बीत जाने के बावजूद आज तक बुजुर्ग महिला को मुआवजा राशि अदा नहीं की गई है. प्रार्थीया मुन्नी देवी पत्नी स्व. श्रीकिशन ने ज्ञापन में लिखा है कि भूमि अवाप्ति अधिकारी (उपखण्ड अधिकारी), मकराना की ओर से भूमि अवाप्ति को लेकर 04 फरवरी 2014 को अन्तर्गत धारा 9(1) भूमि अवाप्ति अधिनियम 1894 के तहत नोटिस दिया गया था. जिसमें प्रार्थीया की कृषि भूमि को अवाप्त किए जाने को लेकर जानकारी दी गई थी. इसके साथ ही मुआवजा राशि प्राप्त किए जाने को लेकर संबंधित कृषि भूमि के दस्तावेज सबूत के आधार पर पेश करने को कहा गया था. इस नोटिस के आधार पर प्रार्थीया की ओर से सभी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. इसके बाद भी उसे मुआवाजा राशि अब तक नहीं दी गई. अवाप्त की गई 10 बीघा भूमि का नामान्तरण भी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में गैर मुमकिन रेल लाईन रेलवे विभाग भारत सरकार के नाम दर्ज किया गया है.

पढ़ें- नागौर: कोरोना जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल हुए मंत्री सुखराम बिश्नोई, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

अवाप्त की गई 10 बीघा कृषि भूमि के सम्बन्ध में मुआवजा दिए बिना भूमि अवाप्त करने के सम्बन्ध में अपनी आपत्ति भी प्रार्थीया की ओर से दर्ज करवाई जा चुकी है. प्रार्थीया की आजीविका का एक मात्र साधन उपरोक्त कृषि भूमि थी जो कि अवाप्त की जा चुकी है, लेकिन नियमानुसार उसका मुआवजा आज तक अदा नहीं किया गया है. जिसके कारण प्रार्थीया और परिवार में भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्रार्थीया को तुरंत मुआवजा राशि दिलवाई जाए या प्रार्थीया को परिवार सहित इच्छा मृत्यु प्राप्त करने के लिए इजाजत दें.

मकराना (नागौर). जिले के मकराना में 6 साल पहले एक बुजुर्ग महिला की भूमि को भूमि अवाप्ति अधिकारी मकराना की ओर से अवाप्त किया गया था. जिसके बाद महिला को भूमि अवाप्ति को लेकर 04 फरवरी 2014 को अन्तर्गत धारा 9(1) भूमि अवाप्ति अधिनियम 1894 के तहत नोटिस दिया गया था, लेकिन आज तक महिला को उसकी भूमि का मुआवजा नहीं दिया गया है. अन्य पिछड़ा वर्ग की वृद्व महिला की भूमि का मुआवाजा नहीं दिए जाने से परेशान होकर अब परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर मकराना उपखण्ड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है.

मुआवजा नहीं मिलने पर बुजुर्ग महिला ने की इच्छा मृत्यु की मांग

2014 में भेजा था नोटिस...

भूमि अवाप्ति के करीब छह साल की अवधि बीत जाने के बावजूद आज तक बुजुर्ग महिला को मुआवजा राशि अदा नहीं की गई है. प्रार्थीया मुन्नी देवी पत्नी स्व. श्रीकिशन ने ज्ञापन में लिखा है कि भूमि अवाप्ति अधिकारी (उपखण्ड अधिकारी), मकराना की ओर से भूमि अवाप्ति को लेकर 04 फरवरी 2014 को अन्तर्गत धारा 9(1) भूमि अवाप्ति अधिनियम 1894 के तहत नोटिस दिया गया था. जिसमें प्रार्थीया की कृषि भूमि को अवाप्त किए जाने को लेकर जानकारी दी गई थी. इसके साथ ही मुआवजा राशि प्राप्त किए जाने को लेकर संबंधित कृषि भूमि के दस्तावेज सबूत के आधार पर पेश करने को कहा गया था. इस नोटिस के आधार पर प्रार्थीया की ओर से सभी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. इसके बाद भी उसे मुआवाजा राशि अब तक नहीं दी गई. अवाप्त की गई 10 बीघा भूमि का नामान्तरण भी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में गैर मुमकिन रेल लाईन रेलवे विभाग भारत सरकार के नाम दर्ज किया गया है.

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अवाप्त की गई 10 बीघा कृषि भूमि के सम्बन्ध में मुआवजा दिए बिना भूमि अवाप्त करने के सम्बन्ध में अपनी आपत्ति भी प्रार्थीया की ओर से दर्ज करवाई जा चुकी है. प्रार्थीया की आजीविका का एक मात्र साधन उपरोक्त कृषि भूमि थी जो कि अवाप्त की जा चुकी है, लेकिन नियमानुसार उसका मुआवजा आज तक अदा नहीं किया गया है. जिसके कारण प्रार्थीया और परिवार में भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. प्रार्थीया को तुरंत मुआवजा राशि दिलवाई जाए या प्रार्थीया को परिवार सहित इच्छा मृत्यु प्राप्त करने के लिए इजाजत दें.

Last Updated : Jun 29, 2020, 2:04 PM IST
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