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अब एक क्लिक पर ऑनलाइन मिल सकेंगे जमीनों के दस्तावेज, लैंड रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन का काम कई जगह पूरा

नागौर जिले के किसानों और आम लोगों को अब नक्शा, तरमीम जमाबंदी या अन्य दस्तावेजों की नकल के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. क्योंकि समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है...

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Published : May 29, 2019, 6:26 PM IST

Documents of land will be found online at a click .

नागौर. जिले की 14 तहसीलो में समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है. इस कवायद के बाद जल्द ही केवल खसरा नंबर बताने पर खतौनी व और अन्य जमीनी दस्तावेज को तत्काल उपलब्ध करवा दिया जाएगा. जिले के डिजिटाइजेशन प्रोग्राम के तहत कई उपखंड मुख्यालय पर काम पूरा हो चुका है. सिर्फ नागौर, डीडवाना मकराना और खींवसर के कार्य प्रगति पर है.

एक क्लिक पर ऑनलाइन मिल सकेंगे जमीनों के दस्तावेज

नागौर में तो डिजिटाइजेशन का काम अंतिम दौर में और जल्दी पूरा होने की उम्मीद है. जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि अन्य पंचायतों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है, जो डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के तहत पिछले एक साल से चल रहा है, ताकि समय-समय पर होने वाले बदलाव को तुरंत अपडेट किया जा सके. सभी डाटा को ई धरती सॉफ्टवेयर एक निजी कंपनी के जरिए अपलोड किया जाएगा.

जिला कलक्टर ने बताया कि डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम से आमजन और किसानों को फायदा होगा. किसानों को कृषि भूमि पर ऋण में भी आसानी से मिल पाएगा. जिले के 1634 राजस्व गांवों में यह काम चल रहा है. इसके बाद आगामी चरण में शहरों और आबादी क्षेत्र से जुड़े जमीनों के नक्शे भी ऑनलाइन किए जाएंगे. जिसके बाद आमजन को पटवारी के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. कलक्टर ने बताया जून महीने तक जिले के सभी तहसीलों का काम पूरा हो जाएगा. राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से किसानों को जमाबंदी गिरदावरी नक्शा एक क्लिक पर आसानी से उपलब्ध हो पाएगी.

नागौर. जिले की 14 तहसीलो में समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है. इस कवायद के बाद जल्द ही केवल खसरा नंबर बताने पर खतौनी व और अन्य जमीनी दस्तावेज को तत्काल उपलब्ध करवा दिया जाएगा. जिले के डिजिटाइजेशन प्रोग्राम के तहत कई उपखंड मुख्यालय पर काम पूरा हो चुका है. सिर्फ नागौर, डीडवाना मकराना और खींवसर के कार्य प्रगति पर है.

एक क्लिक पर ऑनलाइन मिल सकेंगे जमीनों के दस्तावेज

नागौर में तो डिजिटाइजेशन का काम अंतिम दौर में और जल्दी पूरा होने की उम्मीद है. जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि अन्य पंचायतों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है, जो डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के तहत पिछले एक साल से चल रहा है, ताकि समय-समय पर होने वाले बदलाव को तुरंत अपडेट किया जा सके. सभी डाटा को ई धरती सॉफ्टवेयर एक निजी कंपनी के जरिए अपलोड किया जाएगा.

जिला कलक्टर ने बताया कि डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम से आमजन और किसानों को फायदा होगा. किसानों को कृषि भूमि पर ऋण में भी आसानी से मिल पाएगा. जिले के 1634 राजस्व गांवों में यह काम चल रहा है. इसके बाद आगामी चरण में शहरों और आबादी क्षेत्र से जुड़े जमीनों के नक्शे भी ऑनलाइन किए जाएंगे. जिसके बाद आमजन को पटवारी के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. कलक्टर ने बताया जून महीने तक जिले के सभी तहसीलों का काम पूरा हो जाएगा. राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से किसानों को जमाबंदी गिरदावरी नक्शा एक क्लिक पर आसानी से उपलब्ध हो पाएगी.

Intro:Slug.Digital India Led Records ..डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइयेक्शन प्रोग्राम...

नागौर जिले के किसानों और आम लोगों को अब नक्शा ..तरमीम जमाबंदी या अन्य दस्तावेजों की नकल के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे क्योंकि समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है...


Body:नागौर जिले की 14 तहसीलो में समस्त जमाबंदी का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है ...जल्दी केवल खसरा नंबर बताने पर खतौनी व और अन्य जमीनी दस्तावेज को तत्काल उपलब्ध करवा दिया जाएगा ..जिले के डिजिटाइजेशन प्रोग्राम के तहत कई उपखंड मुख्यालय पर काम पूरा हो चुका है और सिर्फ नागौर डीडवाना मकराना और खींवसर के कार्य प्रगति पर है नागौर में तो रिजर्वेशन का काम अंतिम दौर में और जल्दी पूरा होने की उम्मीद है.जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि अन्य पंचायतों का रिकॉर्ड औद्योगिकरण के लिए तैयार किया जा रहा है जो डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम डी आई एल आर एम पी में यह काम जिले के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले 1 साल से चल रहा है ...डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत अब सैकड़ों साल पुराने जमीन के नक्शे का डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम डी आई एल आर एम पी के तहत किया जा रहा है आपको बता देते हैं कि पिछले एक साल रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने का कार्य चल रहा है ताकि समय समय पर होने वाले बदलाव को तुरंत अपडेट किया जा सके इसके लिए ई धरती सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है और तमाम डाटा को एक निजी कंपनी के जरिए e धरती सॉफ्टवेयर में अपलोड होगे फिलहाल सिर्फ जमाबंदी ऑनलाइन कार्य हो चूका है इससे जिले के किसानों को राहत मिलेगी जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि सरकार को प्रस्तावित डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम डी आई एल आर एम पी में भी फायदा होगा किसानों को कृषि भूमि पर ऋण में भी आसानी से मिल पाएगा जिले के 1634 राजस्व गांवों में यह चल रहा है आगामी चरणों में शहरों और आबादी क्षेत्र से जुड़े जमीनों के नक्शे भी ऑनलाइन किए जाएंगे पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के जमीनों के नक्शे ऑनलाइन का कार्य प्रगति पर है अब आमजन को पटवारी के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि जून महीने तक जिले के सभी तहसीलों का डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम डी आई एल आर एम पी का काम पूरा हो जाएगा जवाब सहित राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन होने से किसानों को जमाबंदी गिरदावरी नक्शा एक क्लिक पर आसानी से उपलब्ध हो पाएगी


Conclusion: अटल सेवा केंद्र से पहले ही जोड़ा जाए चुका है ताकि जमीन खरीद बेचान वारिसान आदि के नामांतर खुलवाने के दौरान रिपोर्ट तुरंत अपडेट किया जा सके
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