नागौर. संसद में विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने कृषि बिल पारित करवा लिए और अब ये कानून बन जाएंगे, लेकिन कांग्रेस लगातार इन बिलों का विरोध कर रही है. अब छात्र संगठन एनएसयूआई भी इन बिलों के विरोध में उतर आया है. हालांकि, नागौर जिला मुख्यालय पर कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लागू धारा 144 के कारण कांग्रेस इन बिलों का पुरजोर तरीके से विरोध नहीं जता पाई है, लेकिन अब एनएसयूआई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जिले में कृषि मंडियों में पुतला जलाकर और नारेबाजी कर सांकेतिक प्रदर्शन किया जा रहा है.
नागौर जिले के डीडवाना की कृषि मंडी में कांग्रेस, यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कृषि बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया और पीएम का पुतला फूंका है. उन्होंने नारेबाजी की और कृषि बिलों को काला कानून बताया है. इससे पहले एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नागौर कृषि मंडी में भी विरोध प्रदर्शन किया और पुतला जलाया.
इस दौरान एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव राहुल भाकर ने इन कृषि बिलों को केंद्र सरकार के तुगलकी फरमान बताते हुए सरकार से मांग की है कि इन्हें वापस लिया जाए. इसके साथ ही यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि इन बिलों को वापस नहीं लिया गया तो सड़क पर उतारकर आंदोलन किया जाएगा.
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कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए कांग्रेस के सभी संगठन आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. इससे पहले कांग्रेस के नागौर जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत ने भी राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर कृषि बिलों का विरोध दर्ज करवाया था.