नागौर . लोकसभा चुनाव के मैदान में जारी राजनीतिक हलचल के बीच नागौर सीट पर सियासत गरमाई हुई है. इस सीट पर कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा के बीच गठबंधन की अटकलों के बीच मिर्धा परिवार की बेटी ज्योति मिर्धा टिकट लेकर बाजी मार ली है. गठबंधन की चर्चाओं के बीच सक्रिय हुई ज्योति के राजनीतिक दांव ने सारे कयासों पर पानी फेर दिया है. जिसके बाद इस सीट पर राजनीतिक पारा चढ़ गया है.
नागौर लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस के भीतर काफी मंथन के बाद पार्टी ने इस सीट पर ज्योति मिर्धा को टिकट देकर मैदान में उतारा है. इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस और बेनीवाल की रालोपा के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ रखा था. जानकारों का कहना है कि बेनीवाल और कांग्रेस के बीच नागौर सीट को लेकर हो रही गठबंधन की चर्चा के बीच ज्योति मिर्धा की सक्रियता ने सारी कवायद पर पानी फेर दिया. सूत्रों की मानें तो नागौर सीट से टिकट की प्रबल दावेदार ज्योति मिर्धा ने पार्टी के आला नेताओं को इस सीट पर गठबंधन को लेकर अपनी आपत्ति बता दी थी.
साथ ही अंदरखाने वे भाजपा के संपर्क में भी आ गई थी. जिसके बाद संकेत मिलने लगे थे कि यदि कांग्रेस इस सीट पर बेनीवाल की पार्टी से गठबंधन करती है तो ज्योति मिर्धा भाजपा की तरफ रुख कर सकती हैं. बताया जा रहा है कि मिर्धा के रुख को देखते हुए कांग्रेस के हाईकमान ने मामले को संभालते हुए नागौर सीट से ज्योति मिर्धा को टिकट देकर मैदान में उतार दिया. हालांकि, ज्योति को टिकट दिए जाने के बाद इस सीट पर जहां चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. वहीं, हनुमान बेनीवाल के अगले कदम को लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास भी लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अब बेनीवाल इस सीट से मैदान में उतरते हुए सियासी मुकाबले को दिलचस्प बना सकते हैं. आपको बता दें कि बेनीवाल और ज्योति मिर्धा के बीच सियासी खींचतान लंबे समय से बनी हुई है. 2014 के चुनाव में हारने के बाद ज्योति मिर्धा इस हार के लिए बेनीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए लगातार हमला बोलती रही हैं.