नागौर. जिले के करनूं गांव में दो दलित युवकों से अमानवीयता के मामले में शुक्रवार को कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ितों और उनके परिजनों से मुलाकात की. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी नागौर पहुंचे. यहां सर्किट हाउस में उन्होंने जिला कलेक्टर और एसपी सहित पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारियों से बातचीत की और करनूं मामले को लेकर पूरी जानकारी ली.
इस दौरान कांग्रेस के पदाधिकारियों से भी दोनों मंत्रियों ने बातचीत की और उनसे भी फीडबैक लिया. जिसके बाद दोनों मंत्री विधायक, हरीश मीणा, महेश शर्मा, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा और कांग्रेस जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत के साथ तांतवास गांव की ढाणियों में पहुंचे, जहां पीड़ित और उनका परिवार रहता है. जहां पीड़ितों के साथ कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल ने करीब 2 घंटे तक मुलाकात की.
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वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि एक सभ्य समाज में यह घटना स्वीकार्य नहीं है. इस मामले में किसी भी स्तर पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिलाया कि पीड़ित परिवार की जो भी मांगे हैं. उन पर भी सरकार सकारात्मक तरीके से विचार कर रही है.
मीडिया से बातचीत करते हुए मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि यह घटना निंदनीय है और एक सभ्य समाज में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि जब तक पुलिस को सूचना नहीं मिलती तब तक कार्रवाई नहीं हो सकती. जैसे ही यह मामला सामने आया पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
उनका कहना है कि बाकी बचे आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी. पीड़ित परिवारों को मुआवजा की बात पर उन्होंने कहा की दोनों पर पीड़ितों के परिवारों को सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से 50 हजार रुपए की सहायता राशि तत्काल जारी कर दी गई है, जो उनके खाते में जमा हो चुकी है. अब दोनों मंत्री नागौर के सर्किट हाउस में इस मामले को लेकर आंदोलन कर रहे दलित समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे और उनकी मांगों को लेकर चर्चा करेंगे.
बता दें कि करनूं गांव में दो दलित युवकों के साथ बर्बरता से मारपीट और अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आने के बाद दलित समाज से जुड़े संगठन आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले और पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए. इसके साथ ही वे पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की भी मांग कर रहे हैं.