नागौर. जिले में निर्माणाधीन अंबुजा सीमेंट प्लांट में लॉकडाउन की वजह से काम बंद था. लेकिन, नागौर जिला प्रशासन ने मॉडिफाइड लॉकडाउन की शर्तों की पालना के तहत 20 अप्रैल को प्लांट का कार्य फिर शुरू करने की अनुमति दे दी थी. इस दौरान 9 दिनों तक निर्माणाधीन अंबुजा सीमेंट प्लांट को लेकर मैनेजमेंट ने ढिलाई बरती. ना तो कार्य शुरू हुआ और ना ही श्रमिकों के भोजन और घर भेजने की व्यवस्था की गई. इसके चलते मूंडवा में 2500 से भी ज्यादा श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्लांट में तोड़फोड़ कर दी.
नागौर जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 20 अप्रैल को अनुमति देने के बाद 9 दिनों तक निर्माणधीन अंबुजा सीमेंट प्लांट का कार्य नहीं शुरू कराने पर मैनेजमेंट की ढिलाई होने की बात सामने आई है. मामले की जांच के लिए 4 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है. ये कमेटी अंबुजा प्लांट में विभिन्न राज्यों से आए श्रमिकों से बातचीत करके रिपोर्ट सौंपेगी. साथ ही इस मामले में श्रमिकों की समस्याओं को लेकर अंबुजा सीमेंट प्रबंधक से भी जवाब मांगा गया है. साथ ही नागौर जिला कलेक्टर ने बताया कि श्रमिकों के हितों का ध्यान रखते हुए प्रशासन द्वारा कदम उठाए जाएंगे.
![जांच के लिए कमेटी गठित, Nagaur News](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/ambujakijaachkeliyekmetikagtan_29042020215811_2904f_1588177691_358.jpg)
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गौरतलब है कि बुधवार को उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के हजारों की तादाद में आए मजदूरों ने अंबुजा सीमेंट कंपनी के मेन गेट पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया. इस दौरान एसपी विकास पाठक, एडीएम मनोज कुमार और अंबुजा सीमेंट कंपनी के प्रबंधक ऋषि जोशी ने इन मजदूरों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, कोई बात नहीं बनी. इसके बाद हजारों मजदूरों ने अंबुजा सीमेंट प्लांट में बने ऑफिस के शीशे तोड़ते हुए जमकर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
मजदूरों का आरोप है कि लॉकडाउन होने की वजह से अंबुजा सीमेंट कंपनी ने ना तो समय पर वेतन दिया और ना ही भोजन की कोई व्यवस्था की. इसके बाद मजदूरों ने बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध के बाद तोड़फोड़ किया.