नागौर. वित्त मंत्री की ओर से कुछ दिनों पहले आम बजट में सरकारी दो बैंकों का निजीकरण करने का कहा गया था. जिसके विरोध में नागौर जिले में बैंक कर्मियों ने शहर भर में आक्रोश रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
नागौर में सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में ऑल इंडिया बैंक एसोसिएशन के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है. नागौर शहर में भी बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ बैंकों के निजीकरण के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर हड़ताल शुरू कर दी है.
संयुक्त सचिव रामू राम ने कहा कि नागौर में करीब 18 बैंकों की 30 शाखाओं के ताले लटके रहे जहां करीब 70 करोड़ का लेनदेन प्रभवित हुआ है. केंद्र सरकार लगातार सरकारी बैंकों का निजीकरण कर रही है. जबकि सभी सरकारी बैंक प्रॉफिट में चल रहे हैं. इसके बावजूद बैंकों को निजी हाथों में सौंप कर सरकार कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार कर रही है.
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संयुक्त सचिव रामू राम ने कहा कि प्राइवेट कंपनियों के बैंक तो घाटे में चल रहे हैं, लेकिन देश का एक भी सरकारी बैंक घाटे में नहीं है. इसके बावजूद केंद्र सरकार बैंकों का निजीकरण कर रही है. उसी के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं नागौर शहर की बात करें तो शनिवार और रविवार को भी बैंक बंद थे. वहीं सोमवार और मंगलवार को भी बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं. ऐसे में अब शहर के समस्त एटीएम भी खाली होने की कगार पर हैं और बैंक कर्मियों की हड़ताल का खामियाजा कहीं ना कहीं आम जनता को भुगतना पड़ेगा.