नागौर. जिला प्रशासन ने शनिवार से 2 दिन का शहर में लॉकडाउन लागू कर दिया है. कोरोना वायरस के सक्रमंण की चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोशिश की जा रही है. इसके बावजूद जिले में यह वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है.
शनिवार से नागौर नगर परिषद के 60 वार्डों में सुपरवाइजर, एएनएम, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की चार सदस्यों की टीम बनाकर हेल्थ सर्वे और सैंम्पलिंग करवाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन टीमों की रवानगी के दौरान कार्यकर्ताओं ने हेल्थ सुरक्षा और अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की.
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चिकित्सा विभाग ने 60 टीमों का गठन करके नागौर शहर में हेल्थ सर्वे और कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वालों के सैंम्पलिंग करवानें के निर्देश जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने जारी किए थे, लेकिन इस बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वार्ड को बदलकर ड्यूटी लगाई गई है. जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने नए वार्ड में कार्य करना मुश्किल बताया गया है.
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टीम में शामिल सुपरवाइजर, एनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी का कहना है कि सर्वे और सैंपलिंग के दौरान ना तो उन्हें मास्क दिए गए, ना ही कोई सैनिटाइजर. ऐसे में उन वार्डो का कैसे सर्वे करेंगे जिन वार्ड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उनकी ड्यूटी अलग-अलग वार्ड में निर्धारित होने से हेल्थ सर्वे और कोरोना वायरस संदिग्धों का सैंपलिंग का कार्य भी लेट शुरू हुआ. नागौर शहर में जिन स्थानों पर 3 से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं उस एरिया में 100 फीसदी हेल्थ सर्वे कराने के आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किए हैं.