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नागौरः हेल्थ सर्वे को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जाहिर की नाराजगी, अव्यवस्थाओं का लगाया आरोप - नागौर में हेल्थ सर्वे

नागौर जिला प्रशासन ने 2 दिन के लॉकडाउन के दौरान संपूर्ण 60 वार्डों का हेल्थ सर्वे कराने का आदेश जारी किया है. अब 60 वार्डों में तैनात सुपरवाइजर, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी सुरक्षा और चिकित्सा महकमे की अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की है.

नागौर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, Anganwadi workers of Nagaur
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अव्यवस्थाओं का लगाया आरोप
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Published : Aug 22, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Aug 22, 2020, 5:34 PM IST

नागौर. जिला प्रशासन ने शनिवार से 2 दिन का शहर में लॉकडाउन लागू कर दिया है. कोरोना वायरस के सक्रमंण की चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोशिश की जा रही है. इसके बावजूद जिले में यह वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अव्यवस्थाओं का लगाया आरोप

शनिवार से नागौर नगर परिषद के 60 वार्डों में सुपरवाइजर, एएनएम, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की चार सदस्यों की टीम बनाकर हेल्थ सर्वे और सैंम्पलिंग करवाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन टीमों की रवानगी के दौरान कार्यकर्ताओं ने हेल्थ सुरक्षा और अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की.

पढ़ेंः नागौर में Corona के 45 नए मामले आए सामने, कुल आंकड़ा 2202

चिकित्सा विभाग ने 60 टीमों का गठन करके नागौर शहर में हेल्थ सर्वे और कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वालों के सैंम्पलिंग करवानें के निर्देश जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने जारी किए थे, लेकिन इस बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वार्ड को बदलकर ड्यूटी लगाई गई है. जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने नए वार्ड में कार्य करना मुश्किल बताया गया है.

पढ़ेंः उदयपुर में 56 नए पॉजिटिव मामले आए सामने, आंकड़ा 2208

टीम में शामिल सुपरवाइजर, एनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी का कहना है कि सर्वे और सैंपलिंग के दौरान ना तो उन्हें मास्क दिए गए, ना ही कोई सैनिटाइजर. ऐसे में उन वार्डो का कैसे सर्वे करेंगे जिन वार्ड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उनकी ड्यूटी अलग-अलग वार्ड में निर्धारित होने से हेल्थ सर्वे और कोरोना वायरस संदिग्धों का सैंपलिंग का कार्य भी लेट शुरू हुआ. नागौर शहर में जिन स्थानों पर 3 से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं उस एरिया में 100 फीसदी हेल्थ सर्वे कराने के आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किए हैं.

नागौर. जिला प्रशासन ने शनिवार से 2 दिन का शहर में लॉकडाउन लागू कर दिया है. कोरोना वायरस के सक्रमंण की चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोशिश की जा रही है. इसके बावजूद जिले में यह वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अव्यवस्थाओं का लगाया आरोप

शनिवार से नागौर नगर परिषद के 60 वार्डों में सुपरवाइजर, एएनएम, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की चार सदस्यों की टीम बनाकर हेल्थ सर्वे और सैंम्पलिंग करवाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन टीमों की रवानगी के दौरान कार्यकर्ताओं ने हेल्थ सुरक्षा और अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की.

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चिकित्सा विभाग ने 60 टीमों का गठन करके नागौर शहर में हेल्थ सर्वे और कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वालों के सैंम्पलिंग करवानें के निर्देश जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने जारी किए थे, लेकिन इस बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वार्ड को बदलकर ड्यूटी लगाई गई है. जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने नए वार्ड में कार्य करना मुश्किल बताया गया है.

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टीम में शामिल सुपरवाइजर, एनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी का कहना है कि सर्वे और सैंपलिंग के दौरान ना तो उन्हें मास्क दिए गए, ना ही कोई सैनिटाइजर. ऐसे में उन वार्डो का कैसे सर्वे करेंगे जिन वार्ड के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उनकी ड्यूटी अलग-अलग वार्ड में निर्धारित होने से हेल्थ सर्वे और कोरोना वायरस संदिग्धों का सैंपलिंग का कार्य भी लेट शुरू हुआ. नागौर शहर में जिन स्थानों पर 3 से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं उस एरिया में 100 फीसदी हेल्थ सर्वे कराने के आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किए हैं.

Last Updated : Aug 22, 2020, 5:34 PM IST
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