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Exclusive: फिलीपींस में लॉक डाउन में फंसे नागौर के छात्र, Etv Bharat पर परिजनों ने लगाई मदद की गुहार

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Published : Mar 18, 2020, 5:56 PM IST

कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में दहशत का माहौल बना हुआ है. अब तक दुनिया भर में 7 हजार से ज्यादा लोगों की जान कोरोना की वजह से जा चुकी है. वहीं भारत में भी 3 लोगों इसका शिकार बन चुके है. दूसरी तरफ भारतीय छात्रों के फिलीपींस में फंसे होने की भी खबर है. जहां 1500 मेडिकल स्टूडेंट लॉक डाउन की वजह से फंस गए हैं. जिनमें से 50 छात्र नागौर जिले के बताए जा रहे है. जिनको लेकर उनका परिवार चिंतित है और ईटीवी भारत के जरिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है...

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फिलीपींस में लॉक डाउन में फंसे नागौर के छात्र

नागौर. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच फिलीपींस में फंसे मेडिकल स्टूडेंट नागौर के नितिन भाकल और प्रवीण मिर्धा के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए इन दोनों के परिजनों ने बताया कि उनकी 19 मार्च की वापसी की टिकट थी, लेकिन भारत सरकार ने 17 मार्च को ही फिलीपींस से आने वाली उड़ान पर रोक लगा दी और उनके बच्चे वहीं फंस गए हैं.

फिलीपींस में लॉक डाउन में फंसे नागौर के छात्र

पढ़ें: फिलीपींस एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में फंसे हैं भारतीय छात्र, सरकार से लगा रहे मदद की गुहार

फिलीपींस में नागौर के करीब 50 छात्र

कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से पूरा विश्व दहल रहा है. इस बीच नागौर के करीब 50 मेडिकल स्टूडेंट फिलीपींस में फंसे हुए हैं. ऐसे ही नागौर के दो स्टूडेंट नितिन भाकल और प्रवीण मिर्धा है. जिनके लिए परिजनों ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को सुरक्षित घर लाया जाए.

बच्चों के पास खाने-पीने का भी पर्याप्त राशन नहीं

नितिन भाकल की मां वसुंधरा भाकल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि नितिन तीन साल पहले मेडिकल की पढ़ाई करने फिलीपींस गया था. मार्च में परीक्षा होने पर वह नागौर आने वाला था, लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस का खतरा आ गया और वहां की सरकार ने तीन दिन में देश छोड़कर जाने को कह दिया. नितिन और उनके दोस्तों ने 19 मार्च के टिकट भी बनवा रखे थे, लेकिन 17 मार्च को ही सरकार ने फिलीपींस से भारत आने वाली उड़ान पर रोक लगा दी. वहीं नितिन की बहन हर्षा का कहना है कि फिलीपींस में फंसे हुए स्टूडेंट्स के पास खाने-पीने का भी पर्याप्त राशन नहीं है. ऐसे में वे वहां परेशान हो रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि फिलीपींस में फंसे स्टूडेंट्स को एयरलिफ्ट कर भारत वापस लाया जाए. नितिन के पिता सुखदेव भाकल सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर हैं और अभी छत्तीसगढ़ में तैनात हैं.

सरकार से सुरक्षित भारत लाने की मांग

वहीं नितिन का एक दोस्त प्रवीण मिर्धा भी उसके साथ फिलीपींस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. प्रवीण की बहन प्रियंका ने बताया कि उसका भाई भी परीक्षा खत्म होने पर नागौर आने वाला था, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते अब फिलीपींस में टोटल लॉक डाउन है, वहां जो स्टूडेंट फंसे हुए हैं. उनके खाने-पीने का भी संकट है. उन्होंने भी सरकार से मांग रखी है कि उनके भाई को सुरक्षित घर लाने में मदद की जाए.

पढ़ें: भारत में कोरोना : 151 हुए रोगी, कैदियों की रिहाई को लेकर पंजाब में प्रस्ताव

राजस्थान के 200 छात्र फिलीपींस में फंसे

फिलहाल फिलीपींस में फंसे नागौर के स्टूडेंट वहां बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. वहीं, उनके परिवार के लोग भी नागौर में परेशान हो रहे हैं. उनकी सरकार से एक ही गुहार है कि जैसे भी करके उनके बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाया जाए. जानकारी के अनुसार नागौर जिले के करीब 50 मेडिकल स्टूडेंट फिलीपींस में फंसे हुए हैं. जबकि राजस्थान के ऐसे स्टूडेंट की संख्या 200 के आसपास है.

नागौर. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच फिलीपींस में फंसे मेडिकल स्टूडेंट नागौर के नितिन भाकल और प्रवीण मिर्धा के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए इन दोनों के परिजनों ने बताया कि उनकी 19 मार्च की वापसी की टिकट थी, लेकिन भारत सरकार ने 17 मार्च को ही फिलीपींस से आने वाली उड़ान पर रोक लगा दी और उनके बच्चे वहीं फंस गए हैं.

फिलीपींस में लॉक डाउन में फंसे नागौर के छात्र

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फिलीपींस में नागौर के करीब 50 छात्र

कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे से पूरा विश्व दहल रहा है. इस बीच नागौर के करीब 50 मेडिकल स्टूडेंट फिलीपींस में फंसे हुए हैं. ऐसे ही नागौर के दो स्टूडेंट नितिन भाकल और प्रवीण मिर्धा है. जिनके लिए परिजनों ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बच्चों को सुरक्षित घर लाया जाए.

बच्चों के पास खाने-पीने का भी पर्याप्त राशन नहीं

नितिन भाकल की मां वसुंधरा भाकल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि नितिन तीन साल पहले मेडिकल की पढ़ाई करने फिलीपींस गया था. मार्च में परीक्षा होने पर वह नागौर आने वाला था, लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस का खतरा आ गया और वहां की सरकार ने तीन दिन में देश छोड़कर जाने को कह दिया. नितिन और उनके दोस्तों ने 19 मार्च के टिकट भी बनवा रखे थे, लेकिन 17 मार्च को ही सरकार ने फिलीपींस से भारत आने वाली उड़ान पर रोक लगा दी. वहीं नितिन की बहन हर्षा का कहना है कि फिलीपींस में फंसे हुए स्टूडेंट्स के पास खाने-पीने का भी पर्याप्त राशन नहीं है. ऐसे में वे वहां परेशान हो रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि फिलीपींस में फंसे स्टूडेंट्स को एयरलिफ्ट कर भारत वापस लाया जाए. नितिन के पिता सुखदेव भाकल सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर हैं और अभी छत्तीसगढ़ में तैनात हैं.

सरकार से सुरक्षित भारत लाने की मांग

वहीं नितिन का एक दोस्त प्रवीण मिर्धा भी उसके साथ फिलीपींस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. प्रवीण की बहन प्रियंका ने बताया कि उसका भाई भी परीक्षा खत्म होने पर नागौर आने वाला था, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते अब फिलीपींस में टोटल लॉक डाउन है, वहां जो स्टूडेंट फंसे हुए हैं. उनके खाने-पीने का भी संकट है. उन्होंने भी सरकार से मांग रखी है कि उनके भाई को सुरक्षित घर लाने में मदद की जाए.

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राजस्थान के 200 छात्र फिलीपींस में फंसे

फिलहाल फिलीपींस में फंसे नागौर के स्टूडेंट वहां बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. वहीं, उनके परिवार के लोग भी नागौर में परेशान हो रहे हैं. उनकी सरकार से एक ही गुहार है कि जैसे भी करके उनके बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाया जाए. जानकारी के अनुसार नागौर जिले के करीब 50 मेडिकल स्टूडेंट फिलीपींस में फंसे हुए हैं. जबकि राजस्थान के ऐसे स्टूडेंट की संख्या 200 के आसपास है.

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