नागौर. अपना गांव, शहर और जमीन छोड़कर नागौर में रोजी-रोटी के लिए मेहनत मजदूरी करने वाले बिहार के मजदूर लॉकडाउन के चलते फंस गए थे. उन्हें केंद्र, बिहार और राजस्थान सरकार ने मजदूर दिवस के मौके पर खास तोहफा दिया है.
इन मजदूरों को शुक्रवार रात जयपुर से विशेष ट्रेन से अपने घर भेजा जाएगा. इन मजदूरों को नागौर से जयपुर रोडवेज की बसों में भेजा गया है. कलेक्टर दिनेश कुमार यादव का कहना है कि लॉकडाउन के कारण शेल्टर होम में रहने वाले बिहार के मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए जयपुर से रात को एक विशेष ट्रेन चलाई जा रही है. नागौर के अलग-अलग शहरों से जयपुर रेलवे स्टेशन तक इन मजदूरों को रोडवेज बसों में भिजवाया गया है.
सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए एक बस में 40 मजदूरों को भेजा गया है. कलेक्टर यादव ने बताया कि इन 1200 मजदूरों में करीब 900 मजदूर ऐसे हैं, जो लॉकडाउन के चलते किसी क्वॉरेंटाइन सेंटर या शेल्टर होम में रह रहे थे. बाकि 300 मजदूर मूंडवा में अंबुजा सीमेंट के निर्माणाधीन प्लांट में रह रहे थे.
नागौर, मूंडवा, कुचामन और परबतसर के साथ ही अन्य जगहों से रोडवेज की बसों में बैठाकर इन मजदूरों को जयपुर रवाना किया गया है. इससे पहले डॉक्टर्स ने इनकी जांच कर मेडिकल प्रमाण पत्र भी जारी किया है. जयपुर रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर जांच के बाद रात को इन मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाते हुए, ट्रेन में बैठाकर बिहार के लिए रवाना किया जाएगा. नागौर और डीडवाना डिपो की 29 बसों से इन मजदूरों को जयपुर भिजवाया गया है.
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कलेक्टर यादव का कहना है कि लॉकडाउन के चलते जो मजदूर शेल्टर होम या क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे थे. उनका घर पहुंचाने का किराया भी सरकार ही वहन कर रही है. इनके टिकट की राशि रेलवे के अकाउंट में ट्रांसफर की गई है. जबकि मूंडवा में अंबुजा के निर्माणाधीन सीमेंट प्लांट से जिन मजदूरों को बिहार भेजा जा रहा है. उनका किराया अंबुजा कंपनी की ओर से दिया गया है.