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कोटाः कुछ इस तरह से नजर आएगी चंबल माता की मूर्ति... 256 फीट ऊंची मूर्ति बनाएगी विश्व कीर्तिमान

कोटा जिले में चंबल नदीं पर हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण हो गया. इस रिवर फ्रंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए विश्व का सबसे ऊंचा मार्बल का स्टेचू चंबल माता की मूर्ति खड़ा किया जा रहा (idol of Chambal Mata is being built in Chambal river) है. जिसकी ऊंचाई 256 मीटर होगी.

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चंबल माता की मूर्ति
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Published : May 20, 2022, 4:46 PM IST

Updated : May 20, 2022, 10:55 PM IST

कोटा. चंबल नदी पर हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण हो रहा है. रिवर फ्रंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए विश्व का सबसे ऊंचा मार्बल का स्टेच्यू खड़ा किया जा रहा (idol of Chambal Mata is being built in Chambal river) है. यह मार्बल का स्टेचू चंबल माता की मूर्ति का है. यह प्रतिमा 256 फीट ऊंचाई की होगी. जिसे करीब 1200 से ज्यादा अलग-अलग टुकड़ों को जोड़ तैयार किया जाएगा.

इसी मूर्ति को स्थापित करने के लिए शुक्रवार को रिवर फ्रंट पर चंबल माता के चरण पादुकाओं की पूजा अर्चना कर शुरुआत की गई. इस दौरान नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया सहित बड़ी संख्या में नेता और अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि दुनिया की सबसे ऊंची मार्बल की चंबल मां की प्रतिमा का वजन 1500 टन के करीब होगा. प्रतिमा बैराज गार्डन के पास स्थापित की जा रही है. जिसका फेस नयापुरा की ओर होगा. वहीं इस प्रतिमा से पानी का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. प्रतिमा के ठीक नीचे 5 हाथी स्वागत करते नजर आएंगे. करीब डेढ़ फीट के दो पाइपों के जरिए भारी भरकम पम्प से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचाया जाएगा.

पढ़े:स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के गाइडों ने महिला को लौटाया ₹ 70,000 से भरा पर्स

1200 से ज्यादा पीस को जोड़ा जाएगा: विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के लिए लगाई जा रही चंबल माता की मार्बल की मूर्ति के 1200 टुकड़े होंगे. जिनमें से करीब 55 टुकड़े कोटा पहुंच चुके हैं. जिनमें चरण पादुका है शामिल हैं. जिनको लगाने का काम आगामी दिनों में शुरू कर दिया जाएगा. इन टुकड़ों को केमिकल और सीमेंट के जरिए जोड़ा जा रहा है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि यह कई सालों तक नहीं हिलाई जा सकेगी. मूर्ति के टुकड़ों का निर्माण जयपुर में किया जा रहा है जहां पर 50 से 70 कारीगर इसके निर्माण में जुटे हुए हैं. वहीं कोटा में भी 15 से 20 कारीगर है यह मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने का काम करेंगे. जुलाई माह तक पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाली चंबल माता प्रतिमा रिवर फ्रंट पर स्थापित हो जाएगी.

अनूप भरतरिया, आर्किटेक्ट, रिवरफ्रंट कोटा

प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 26 करोड़ रुपए: रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया के मुताबिक करीब 15 करोड़ का वियतनाम का सफेद मार्बल मंगाया गया है. मकराना का मार्बल सफेद इतनी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध नहीं था. यह वियतनाम का उपलब्ध था, इससे उजास भी रहेगा. जबकि पूरे रिवरफ्रंट पर राजस्थान मार्बल का उपयोग किया जा रहा है. वियतनाम मार्बल को मिलाकर पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 26 करोड़ का खर्चा होगा. इसमें चंबल माता के स्टेच्यू को खड़ा करने के लिए बनाया गया पेडेस्टल भी शामिल है. इसके पेडेस्टल के स्ट्रक्चर इस तरह से डिजाइन किया गया है. ताकि वह घाट के स्ट्रक्चर में ही शामिल हो जाए. क्योंकि चंबल रिवरफ्रंट बहुत बड़ा काम बाढ़ नियंत्रण का भी करेगा.

कोटा. चंबल नदी पर हेरिटेज रिवर फ्रंट का निर्माण हो रहा है. रिवर फ्रंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए विश्व का सबसे ऊंचा मार्बल का स्टेच्यू खड़ा किया जा रहा (idol of Chambal Mata is being built in Chambal river) है. यह मार्बल का स्टेचू चंबल माता की मूर्ति का है. यह प्रतिमा 256 फीट ऊंचाई की होगी. जिसे करीब 1200 से ज्यादा अलग-अलग टुकड़ों को जोड़ तैयार किया जाएगा.

इसी मूर्ति को स्थापित करने के लिए शुक्रवार को रिवर फ्रंट पर चंबल माता के चरण पादुकाओं की पूजा अर्चना कर शुरुआत की गई. इस दौरान नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी रिवरफ्रंट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया सहित बड़ी संख्या में नेता और अधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि दुनिया की सबसे ऊंची मार्बल की चंबल मां की प्रतिमा का वजन 1500 टन के करीब होगा. प्रतिमा बैराज गार्डन के पास स्थापित की जा रही है. जिसका फेस नयापुरा की ओर होगा. वहीं इस प्रतिमा से पानी का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. प्रतिमा के ठीक नीचे 5 हाथी स्वागत करते नजर आएंगे. करीब डेढ़ फीट के दो पाइपों के जरिए भारी भरकम पम्प से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचाया जाएगा.

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1200 से ज्यादा पीस को जोड़ा जाएगा: विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के लिए लगाई जा रही चंबल माता की मार्बल की मूर्ति के 1200 टुकड़े होंगे. जिनमें से करीब 55 टुकड़े कोटा पहुंच चुके हैं. जिनमें चरण पादुका है शामिल हैं. जिनको लगाने का काम आगामी दिनों में शुरू कर दिया जाएगा. इन टुकड़ों को केमिकल और सीमेंट के जरिए जोड़ा जा रहा है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि यह कई सालों तक नहीं हिलाई जा सकेगी. मूर्ति के टुकड़ों का निर्माण जयपुर में किया जा रहा है जहां पर 50 से 70 कारीगर इसके निर्माण में जुटे हुए हैं. वहीं कोटा में भी 15 से 20 कारीगर है यह मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने का काम करेंगे. जुलाई माह तक पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाली चंबल माता प्रतिमा रिवर फ्रंट पर स्थापित हो जाएगी.

अनूप भरतरिया, आर्किटेक्ट, रिवरफ्रंट कोटा

प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 26 करोड़ रुपए: रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया के मुताबिक करीब 15 करोड़ का वियतनाम का सफेद मार्बल मंगाया गया है. मकराना का मार्बल सफेद इतनी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध नहीं था. यह वियतनाम का उपलब्ध था, इससे उजास भी रहेगा. जबकि पूरे रिवरफ्रंट पर राजस्थान मार्बल का उपयोग किया जा रहा है. वियतनाम मार्बल को मिलाकर पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 26 करोड़ का खर्चा होगा. इसमें चंबल माता के स्टेच्यू को खड़ा करने के लिए बनाया गया पेडेस्टल भी शामिल है. इसके पेडेस्टल के स्ट्रक्चर इस तरह से डिजाइन किया गया है. ताकि वह घाट के स्ट्रक्चर में ही शामिल हो जाए. क्योंकि चंबल रिवरफ्रंट बहुत बड़ा काम बाढ़ नियंत्रण का भी करेगा.

Last Updated : May 20, 2022, 10:55 PM IST
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