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कोटा के इस परिवार ने हिम्मत और सावधानी से कोरोना को दी मात

कोटा के कुन्हाडी में रहने वाला एक परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो गये. जिसके बाद परिवार के दो सदस्यों को अस्पताल में एडमिट करवाया गया और बाकी बचे लोगों ने खुद को आइसोलेट कर कोरोना का इलाज लिया. पूरे परिवार ने हिम्मत और सावधानी से इस मुश्किल घड़ी में खुद को संभाला और कोरोना को मात दी.

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कोटा के इस परिवार ने हिम्मत और सावधानी से कोरोना को दी मात
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Published : May 3, 2021, 5:21 PM IST

कोटा. देशभर में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रोजाना 4 लाख के करीब नये केस सामने आ रहे हैं. सरकार की तरफ से लोगों से कोरोना गाइडलाइन की पालना की अपील की जा रही है. बावजूद इसके लोग एहतियात नहीं बरत रहे हैं. लेकिन कोटा के एक परिवार ने सावधानी और सतर्कता से कोरोना से कैसे लड़ा जा सकता है इसकी मिसाल पेश की है. कुल्हाड़ी इलाके में रहने वाले एक परिवार के सभी सदस्य कोरोना की चपेट में आ गये. जिसके बाद उन्होंने एहतियात बरती और कोरोना की मात दी.

पढे़ं: राजस्थान : चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल के कोविड सेंटर से 5 कैदी फरार, मचा हड़कंप

बूंदी जिले के तालेड़ा में लेक्टरर अंतिमा शर्मा अपने पति, सास और बच्चे के साथ कुन्हाड़ी इलाके में एक अपार्टमेंट में रहती हैं. 25 मार्च को उनकी सास कैलाश शर्मा के हाथ-पैर में दर्द होने लगा. सास को हार्ट और शुगर की भी प्रॉब्लम थी. 30 मार्च को अंतिमा के पति की तबीयत भी खराब हो गयी. दोनों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

सास और पति के कोरोना पॉजिटव आने के बाद अंतिमा शर्मा अपने बच्चे के साथ होम आइसोलेशन में चली गई. और संक्रमण दूसरे लोगों में ना फैले इसके लिए अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोगों को सतर्क भी कर दिया. दूध, सब्जी देने आने वालों को भी एहतियात बरतने के लिए कहा गया. इस तरह खुद को पूरी तरह से इस परिवार ने आइसोलेट कर कोरोना का इलाज लेना शुरू किया. अंतिम शर्मा ने बताया कि 30 मार्च को उसे और उसके 1 साल के बेटे को भी बुखार आ गया था. जिसके बाद सभी आइसोलेट हो गये. सब्जी वाले और दूध वाले से पैकेट गेट पर ही रखकर जाने को कहा और इस तरह हिम्मत और साहस से कोरोना का सामना किया और पूरे परिवार ने कोरोना को मात दी.

कोटा. देशभर में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रोजाना 4 लाख के करीब नये केस सामने आ रहे हैं. सरकार की तरफ से लोगों से कोरोना गाइडलाइन की पालना की अपील की जा रही है. बावजूद इसके लोग एहतियात नहीं बरत रहे हैं. लेकिन कोटा के एक परिवार ने सावधानी और सतर्कता से कोरोना से कैसे लड़ा जा सकता है इसकी मिसाल पेश की है. कुल्हाड़ी इलाके में रहने वाले एक परिवार के सभी सदस्य कोरोना की चपेट में आ गये. जिसके बाद उन्होंने एहतियात बरती और कोरोना की मात दी.

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बूंदी जिले के तालेड़ा में लेक्टरर अंतिमा शर्मा अपने पति, सास और बच्चे के साथ कुन्हाड़ी इलाके में एक अपार्टमेंट में रहती हैं. 25 मार्च को उनकी सास कैलाश शर्मा के हाथ-पैर में दर्द होने लगा. सास को हार्ट और शुगर की भी प्रॉब्लम थी. 30 मार्च को अंतिमा के पति की तबीयत भी खराब हो गयी. दोनों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

सास और पति के कोरोना पॉजिटव आने के बाद अंतिमा शर्मा अपने बच्चे के साथ होम आइसोलेशन में चली गई. और संक्रमण दूसरे लोगों में ना फैले इसके लिए अपार्टमेंट में रहने वाले सभी लोगों को सतर्क भी कर दिया. दूध, सब्जी देने आने वालों को भी एहतियात बरतने के लिए कहा गया. इस तरह खुद को पूरी तरह से इस परिवार ने आइसोलेट कर कोरोना का इलाज लेना शुरू किया. अंतिम शर्मा ने बताया कि 30 मार्च को उसे और उसके 1 साल के बेटे को भी बुखार आ गया था. जिसके बाद सभी आइसोलेट हो गये. सब्जी वाले और दूध वाले से पैकेट गेट पर ही रखकर जाने को कहा और इस तरह हिम्मत और साहस से कोरोना का सामना किया और पूरे परिवार ने कोरोना को मात दी.

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