कोटा. मध्यप्रदेश में हो रही तेज बारिश के चलते चंबल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. कोटा जिले में भी बैराज के केचमेंट एरिया में लगातार तीन दिनों से अच्छी बारिश हो रही है. इसके चलते भी चंबल नदी में पानी की आवक होने से बैराज का जलस्तर बढ़ गया है और उसे कम करने के लिए लगातार कोटा बैराज से पानी की निकासी की जा रही है. पिछली 9 तारीख से कोटा बैराज से पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है.
इसके चलते चंबल नदी धौलपुर तक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कई ऐसे रास्ते हैं, नमें पुलिया पर पानी आ जाने के चलते उन्हें बंद कर दिया है. वहीं कुछ रास्तों को प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बंद कर दिया है.
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शुक्रवार को भी चंबल नदी के गेट 305 फीट खोलकर 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसके चलते कोटा शहर की कई निचली बस्तियां डूब क्षेत्र में चली गई है. इन बस्तियों में हालात ऐसे हैं कि पिछले दो-तीन दिनों से पानी उतरने का नाम ही नहीं ले रहा है. करीब एक एक मंजिला मकान इन में डूबे हुए हैं. बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर डूब जाने के चलते बिजली भी काटी गई है. साथ ही सड़कें दरिया बन गई है. लोगों के मकान में पानी घुस गया है. सड़कों पर खड़े उनके वाहन डूब गए हैं. अब हालात ऐसे हैं कि लोगों के ऊपर खाने-पीने का संकट भी पैदा हो गया है.
बाढ़ जैसे हालात के चलते लोग घरों में ही कैद हो गए हैं. वह घर के बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. उन्हें बाहर आने जाने के लिए ट्यूब का सहारा लेना पड़ रहा है. दूसरी तरफ सड़कों पर पानी भर जाने के चलते बच्चों को पानी के साथ खेलते देखा जा रहा है. कई लोगों ने आस-पास के घर, सरकारी स्कूल या सामुदायिक भवन में शरण ली है.
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कोटा शहर की नयापुरा, कुन्हाड़ी, बालिता और गावड़ी क्षेत्र की निचली बस्तियां डूब क्षेत्र होकर पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं. बारिश से लोगों को घर का राशन और सामान खराब नहीं हो इसके चलते या तो पहली मंजिल पर शिफ्ट किया गया है या फिर ऊंचाई पर अपने परिचितों के घर पर पहुंचाया है. जो लोग समय से ऐसा करने में नाकामयाब रहे. उनका सामान भी खराब हो गया है. करीब 500 से ज्यादा घर जलमग्न हो गए हैं.